नोएडा ट्विन टावर्स
सुपरटेक ट्विन टावर्स (Supertech Twin Towers) का नाम एपेक्स (Apex) और सियेन (Ceyane) टावर्स था जो नोएडा, उत्तर प्रदेश में एक अंडरकंस्ट्रक्शन आवासीय भवन था (Noida Twin Towers). टावर रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक के एमराल्ड कोर्ट आवासीय परिसर का हिस्सा थे (Noida Twin Towers a part of Emerald Court). सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में इमारतों को गिराने का आदेश दिया (Noida Twin Towers, Supreme Court Ordered to Demolish). वे ध्वस्त किए जाने वाले भारत में सबसे ऊंचे ढांचे थें.
इस आवासीय परिसर की योजना जून 2005 में शुरू हुई. शहर में न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा प्रस्तुत योजनाओं के अनुसार मूल योजना में एमराल्ड कोर्ट को 14 भवन ही बनाने थे, जिसमें 3, 4 और 5 बीएचके फ्लैट शामिल थे. यह 2009 एमराल्ड कोर्ट के साथ ही जुड़वां टावरों, एपेक्स और सेयेन की योजना को जोड़ा गया था. मूल रूप से एक हरे-भरे क्षेत्र के लिए आवंटित जमीन पर बनने वाली 24-मंजिला टावर बननी थी (Noida Twin Towers, 2005 Construction Project).
सुपरटेक ने मार्च 2012 में तीसरी बार अपनी योजना को संशोधित किया. उस समय तक एमराल्ड कोर्ट की योजना में 14 के बजाय 15 भवनों को शामिल करने की योजना बनाई गई, प्रत्येक भवन के लिए मंजिलों की संख्या नौ से बढ़ाकर ग्यारह कर दी गई थी, ट्विन टावरों की ऊंचाई 20 से बढ़ाकर 40 कर दी गई थी (Supertech modified their plan Illegally).
2012 के मध्य में, एमराल्ड कोर्ट के निवासियों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के में एक मामला दायर कर ट्विन टावरों को गिराने की मांग की (Emerald Court Residents filed a case in Allahabad Court). अप्रैल 2014 में उच्च न्यायालय ने निवासियों के पक्ष में फैसला सुनाया. मामला भारत के सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचा, जिसने 31 अगस्त 2021 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा. ट्विन टावरों के निर्माण ने भारत के राष्ट्रीय भवन संहिता का उल्लंघन किया था.
फोरम फॉर पीपल्स कलेक्टिव एफर्ट्स (FPCI) ने भारत के रियल एस्टेट उद्योग के इतिहास में एक ऐतिहासिक निर्णय की सराहना की और उल्लेख किया कि इस मामले को अवैध निर्माण के खिलाफ एक निवारक के रूप में काम करना चाहिए (FPCI on Noida Twin Towers).
नोएडा सुपरटेक ट्विन टावर्स में 40 मंजिलें बनाने की योजना थी. ध्वस्त के समय दोनों संरचनाओं की अलग-अलग ऊंचाइयां थीं. एपेक्स में 32 मंजिलें थीं और 102 मीटर लंबा था, जबकि सियेन की 29 मंजिलें 95 मीटर थीं. दोनों टावरों में 915 फ्लैट, 21 व्यावसायिक दुकानें और दो बेसमेंट बनाने का इरादा था (Noida Supertech Twin Towers).
डीडीए ने 30 नवंबर तक अपार्टमेंट को पूरी तरह खाली कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस साल सितंबर में डीडीए ने यहां के निवासियों के साथ डील फाइनल की और दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के लिए 15 अक्टूबर तक समय दिया था. अब 30 नवंबर के बाद, इस अपार्टमेंट में बिजली और मेंटिनेंस जैसी सभी सेवाओं को वापस ले लिया जाएगा.
भ्रष्टाचार के गगनचुंबी इमारत ट्विन टावर्स को अधिकारियों और बिल्डर की मिलीभगत से खड़ा किया गया था. सुपरटेक के ट्विन टावर्स को गिराने में करीब 17.55 करोड रुपये का खर्च आया था. फिलहाल खाली जमीन पर किसी भी तरह के कंक्रीट कंस्ट्रक्शन की योजना नहीं है.
प्रवर्तन निदेशालय ने सुपरटेक के मालिक और प्रमोटर आरके अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया है. अरोड़ा को मंगलवार को तीसरे दौर की पूछताछ के बाद पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत हिरासत में लिया गया था. FIR में, सुपरटेक और उसके निदेशकों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था.
क्या है सुपरपावर 90? यह वही ताकतवर विस्फोटक है जिसका इस्तेमाल अभी राजस्थान के उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे ट्रैक उड़ाने के लिए किया गया. नोएडा के ट्विन टावर को गिराने के लिए भी इसी का उपयोग किया गया था. आइए जानते हैं कि आखिर ये सुपरपावर 90 विस्फोटक कितना ताकतवर है? इसका इस्तेमाल कहां-कहां होता है? क्या इसे खरीद सकते हैं?
मेट्रो सीटीज में बिल्डर ऊपरी साज-सज्जा दिखाकर किस तरह लोगों को घटिया क्वालिटी के महंगे-महंगे फ्लैट बेच देते हैं. ये पिछले कई मौकों पर जाहिर हुआ है. पहले नोएडा का ट्विन टावर और अब गुरुग्राम का चिन्तेल्स पाराडिसो का टावर डी इसका उदाहरण है. गुरुग्राम प्रशासन Twin Tower की तरह अब Chintels Paradiso के टावर को भी ढहाने की तैयारी कर रहा है.
देश को अब भी नोएडा के ट्विन टावर धराशायी होने के विजुअल्स याद होंगे. इस इमारत को कुछ ही सेकेंड में धराशायी करने का काम जिस कंपनी ने किया था, अब वही कंपनी महाराष्ट्र के पुणे में ऐसा ही एक धमाका करने जा रही है. जहां 1 अक्टूबर और 2 अक्टूबर की मध्यरात्रि को 'चांदनी चौक ब्रिज' महज 6 सेकेंड में जमींदोज कर दिया जाएगा.
नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावरों की तरह गुरुग्राम के 7 टावरों को गिराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है. याचिका में बताया गया है कि गुरुग्राम के सेक्टर 37-D में स्थित NBCC के टावरों को कई सरकारी एजेंसियों ने रहने के लिए खतरनाक बताया है.
सोसायटी के अधिकतर लोगों ने कहा है कि जमीन पार्क के लिए थी, इसलिए पार्क बनना चाहिए. मंदिर बनाने के सवाल पर सभी ने यही कहा है कि अगर पार्क के साथ मंदिर बनता है तो अच्छी बात है. फिलहाल इस पर RWA की मीटिंग के बाद ही फैसला होगा.
अरोड़ा ने कहा कि सुपरटेक को ट्विन टावर के ध्वस्त होने से लगभग 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. अगर अथॉरिटी उस साइट का इस्तेमाल करने की मंजूरी नहीं देता है, तो बिल्डर कंपनी जमीन की लागत और अन्य खर्चों की वापसी की मांग करेगी. फिलाहल जमीन पूरी तरह से मलबे से भरी है.
Noida Twin Towers: सुपरटेक ट्विन टावर में कुंडली भाग्य सीरियल में ऋषभ लूथरा का किरदार निभाने वाले मनित जौरा के भी दो फ्लैट्स थे. लेकिन ट्विन टावर के टूटने से उनके फ्लैट्स भी मिट्टी में मिल चके हैं. वीडियो में मनित अपने फ्लैट्स के बारे में बात करते हुए नजर आ रहहे हैं.
नोएडा ट्विन टावर ध्वस्त हो चुके हैं. अब इस खाली जमीन पर क्या बनेगा, इसे लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. की बातें कर रहे हैं. यहां मंदिर बनाने से लेकर नए बड़े प्रोजेक्ट तक की बात सामने आई है. लेकिन अब इन सवालों के जवाब मिल गए हैं. आइए जानते हैं कि इसके लिए बिल्डर का क्या प्लान है.
ट्विन टावर को महज 12 सेकेंड में सफलतापूर्वक जमींदोज करने वाली एडिफिस कंपनी को अब नया टास्क मिला है. एडिफिस इंजीनियर जमशेदपुर में 110 मीटर ऊंची बनी चिमनी को गिराएगी. जो टाटा परिसर में बने हैं, नवंबर में चिमनी में विस्फोट लगाने का काम शुरू किया जाएगा. जल्द ही चिमनी को गिराने की तारीख का भी ऐलान कर दिया जाएगा.
दिल्ली से सटे यूपी के Noida में 28 अगस्त को सुपरटेक ट्विन टावर को धूल में मिला दिया गया. जिसके बाद अब आस-पास की सोसाइटी में रहने वाले लोग अपने घर लौटने लगे हैं. क्योंकि इमारतों को गिराने से पहले सभी को वहां से जाने के लिए कह दिया गया था.
Anand Mahindra ने वीडियो के कैप्शन में लिखा कि भविष्य के खतरों को दरकिनार करते हुए अहंकार लगातार बड़ा होता जाता है और कभी-कभी हमें ऐसे बढ़े हुए अहंकार को खत्म करने के लिए विस्फोटक की जरूरत पड़ती है.