नॉर्थ कोरिया (North Korea), जिसे आधिकारिक रूप से कोरियाई जनवादी लोकतांत्रिक गणराज्य (Democratic People's Republic of Korea - DPRK) कहा जाता है, पूर्वी एशिया में स्थित एक राष्ट्र है. यह देश अपनी सख्त सरकार, गोपनीय नीतियों और विश्व राजनीति में अपने विवादास्पद स्थान के लिए जाना जाता है. उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग है और यह देश दक्षिण कोरिया, चीन और रूस से घिरा हुआ है.
उत्तर कोरिया का जन्म द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुआ, जब 1945 में कोरियाई प्रायद्वीप को दो भागों में विभाजित कर दिया गया- उत्तर कोरिया (सोवियत संघ के समर्थन से) और दक्षिण कोरिया (अमेरिका के समर्थन से). 1950 में कोरियाई युद्ध शुरू हुआ, जो 1953 में बिना किसी स्पष्ट जीत के संघर्ष विराम (armistice) के साथ समाप्त हुआ.
उत्तर कोरिया में शासन की बागडोर किम इल-सुंग (Kim Il-sung) ने संभाली, जिन्होंने 1948 से 1994 तक देश पर शासन किया. उनके बाद उनके पुत्र किम जोंग-इल (Kim Jong-il) और फिर उनके पोते किम जोंग-उन (Kim Jong-un) ने सत्ता संभाली. इस वंशानुगत तानाशाही शासन को "किम वंश" कहा जाता है.
उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से सरकारी नियंत्रण में है. देश में निजी व्यापार और पूंजीवादी नीतियों की अनुमति नहीं है. यहां के नागरिकों को बाहरी दुनिया से बहुत कम संपर्क की अनुमति होती है, और मीडिया पर सरकार का पूरा नियंत्रण होता है.
उत्तर कोरिया अक्सर खाद्यान्न संकट और आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करता है. देश की मुख्य आर्थिक गतिविधियां खनन, रक्षा उद्योग, और कृषि पर आधारित हैं. हालांकि, सैन्य खर्च पर अधिक निवेश करने के कारण देश की आम जनता को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रम विश्व स्तर पर एक प्रमुख चिंता का विषय है. 2006 से, इसने कई बार परमाणु परीक्षण किए हैं, जिससे अमेरिका, दक्षिण कोरिया, जापान और संयुक्त राष्ट्र के साथ इसके संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं. इसके कारण इस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए हैं.
हालांकि, चीन और रूस जैसे कुछ देश उत्तर कोरिया के मुख्य सहयोगी माने जाते हैं. समय-समय पर उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच शांति वार्ता होती रही है, लेकिन अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकला है.
उत्तर कोरिया की संस्कृति कोरियाई परंपराओं पर आधारित है, लेकिन इसमें सरकार का गहरा प्रभाव है. यहां के नागरिकों को बाहरी मनोरंजन, इंटरनेट और अंतरराष्ट्रीय समाचारों तक बहुत ही सीमित पहुंच होती है.
देश में सरकार द्वारा संचालित "जुचे विचारधारा" (Juche Ideology) को विशेष महत्व दिया जाता है, जो आत्मनिर्भरता पर जोर देती है. इसके अलावा, खेल, संगीत और कला भी प्रोपेगेंडा के एक हिस्से के रूप में उपयोग किए जाते हैं.
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन अपने क्रूर रवैये के चलते पूरी दुनिया में मशहूर हैं... हाल ही में उत्तर कोरिया से भागे चुके वहां के नागरिक टिमोथी चो ने बताया कि अगर उस देश में कोई टीवी देख ले तो क्या होता है.
उत्तर कोरिया में पिछले पांच सालों से विदेशी टूरिस्ट्स की एंट्री रुकी हुई थी. अब वहां के लीडर किम जोंग-उन ने प्रतिबंध हटाने को हरी झंडी दे दी. देश के कई हिस्सों में सैलानी घूम-फिर सकेंगे, लेकिन कुछ शर्तों के साथ. वहीं सैर-सपाटे पर जमकर खर्च करने वाले ज्यादातर पश्चिमी देश यात्रा के लिए इस मुल्क को बेहद खतरनाक मानते रहे.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अतिरिक्त सैनिकों को रूस के कुर्स्क इलाके के युद्धक्षेत्रों में भेजा गया है. रूसी सेनाएं यूक्रेन के सैनिकों से लड़ रही हैं, जो बॉर्डर पार करके पश्चिमी रूस इलाके में घुस आए हैं.
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के जंग और सेना को लेकर दिए नए बयान ने दुनिया की टेंशन बढ़ा दी है. किन जोंग उन ने कहा कि जंग के लिए आधुनिक सेना की जरूरत है. हमें अपनी सेना को आधुनिक बनाना होगा. किम जोंग उन ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं. देखें दुनिया आजतक.
मिस्ट्री है किन जोंग उन का घर, आखिर रहते कहां हैं नोर्थ कोरिया के सुप्रीम लीडर
कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने ट्रंप का नाम लिए बगैर कहा कि फिलिस्तीनियों के सुरक्षित लौटने की थोड़ी बहुत उम्मीद को इस प्लान ने कुचल दिया है. अब यह दुनिाय दलिये की हांड़ी की तरह उबल रही है.
व्लादिमीर पुतिन के हमले का समर्थन करने के लिए रूस में उतरने वाले सामान्य उत्तर कोरियाई सैनिक नहीं हैं. वे स्टॉर्म कॉर्प्स (Storm Corps) से संबंधित हैं, जो उत्तर कोरियाई लड़ाकों का एक एलिट ग्रुप है. यह समूह किम द्वारा पेश किए जाने वाले सर्वश्रेष्ठ सैनिकों में से एक है.
दुनिया की सबसे बड़ी स्टैंडिंग सेनाओं में से एक होने के बावजूद, उत्तर कोरियाई सैनिकों के पास युद्ध के मैदान की विशेषज्ञता की कमी है क्योंकि तानाशाही शासन ने कई साल से कोई युद्ध नहीं लड़ा है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने दावा किया है कि इस युद्ध में रूस की मदद के लिए उतरे उत्तर कोरिया के 3000 से ज्यादा सैनिकों की मौत हो गई है या फिर वे घायल हो गए हैं. जेलेंस्की ने आशंका जताई कि उत्तर कोरियाई रूस की मदद के लिए जल्द ही और सैनिकों और हथियारों को मॉस्को भेज सकता है.
परमाणु हथियार संपन्न उत्तर कोरिया से रूस के बढ़ते सहयोग पर अमेरिका की चेतावनी UN सुरक्षा परिषद में अमेरिका ने रूस पर कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु हथियारों से मुक्त रखने की प्रतिबद्धता से पीछे हटने का आरोप लगाया. देखें दुनिया की बड़ी खबरें.
रूस की यूक्रेन से, मिडिल ईस्ट में अलग, इजरायल की जंग अलग, चीन ताइवान पर कब्जा करने की कोशिश में है. उत्तर कोरिया रूस की मदद कर रहा है. दक्षिण कोरिया से जंग के लिए तैयारी कर रहा है. यूक्रेन, गाजा लेबनान और सीरिया भी वॉर जोन में ही हैं. तीसरे विश्व युद्ध से कितना करीब है दुनिया?
दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक-योल ने देश में मार्शल लॉ लगाया, लेकिन भारी प्रेशर के बीच कुछ ही घंटों में उसे वापस भी ले लिया. इस बीच उनपर इस्तीफा देने का दबाव बन रहा है. हालात ऐसे हैं कि अगर वे खुद पद न छोड़ें तो विपक्षी पार्टियां जबर्दस्ती फैसला ले लेंगी. तब कौन हो सकता है दक्षिण कोरिया का अगला लीडर?
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने चौंकाने वाला फैसला करते हुए देश में मार्शल लॉ की घोषणा की और फिर कुछ ही घंटों में इसे वापस भी ले लिया. राष्ट्रपति यून सुक-योल की दलील थी कि नॉर्थ कोरिया की तरफ झुकाव रखने वाली देशविरोधी ताकतों को कमजोर करने के लिए ये कदम जरूरी है. इस देश में उत्तर कोरिया से सहानुभूति एक किस्म का अपराध है. अगर कोई इस तरह के संकेत दे तो खुफिया एजेंसियां उसपर नजर रखती हैं.
North Korea Internet Acess: नॉर्थ कोरिया के बारे में लोगों के पास कम ही जानकारी मौजूद है. यहां तानाशाही का आलम ऐसा है कि अगर आपको इंटरनेट चलाना है, तो 'नाकों चने चबाना' पड़ेगा. इसके लिए आपको सरकार से मंजूरी लेनी होगी. इतना ही नहीं आपके फोन से हर घंटे सरकार के पास एक स्क्रीनशॉट भी जाता है. आइए जानते हैं नॉर्थ कोरिया की डिजिटल दुनिया कैसी है.
रूस के उच्च सदन ने इस हफ्ते संधि की पुष्टि की, जबकि निचले सदन ने पिछले महीने इसका समर्थन किया था. दोनों सदनों से मंजूरी के बाद अब यह समझौता अब कानून बन चुका है. इसे रूस ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित किया है. यह संधि मॉस्को और प्योंगयांग के बीच घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देती है.
अमेरिका 6 से 10 नवंबर के बीच अपनी सबसे खतरनाक परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण करने जा रहा है. ये परीक्षण रूस, उत्तर कोरिया और चीन के मिसाइल परीक्षणों के जवाब में है. टेस्टिंग कैलिफोर्निया के वांडेनबर्ग एयरफोर्स बेस से होगी. ताकि मिसाइल समंदर में सेट टारगेट को हिट कर सके.
China गुआम किलर के नाम से मशहूर परमाणु मिसाइल DG-26 की संख्या बढ़ा रहा है. यह एक इंटरमीडिएट रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है, जो प्रशांत महासागर में मौजूद अमेरिकी सेना को आसानी से टारगेट कर सकती है. चीन किस पर इसका इस्तेमाल करेगा ये जानकारी तो नहीं है, लेकिन अमेरिका के समर्थन वाले देश निशाना बन सकते हैं. आइए जानते हैं इस मिसाइल की ताकत...
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सोवियत संघ ने नॉर्थ कोरिया का समर्थन किया, जिससे दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध स्थापित हुए. रूस और नॉर्थ कोरिया के ये दशकों पुराने संबंध अब तक कायम हैं, जो राजनीतिक और सैन्य साझेदारी में बदल चुके हैं. देखें वीडियो.
रूस-यूक्रेन जंग में नया मोड़ सामने आया है. दरअसल, रूस की मदद के लिए नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने अपना हाथ बढ़ाया है. लेकिन अब रूस और नॉर्थ कोरिया की बढ़ती नजदीकी ने यूक्रेन की टेंशन बढ़ा दी है. देखें बड़ी खबरें.
यूक्रेन के खिलाफ... रूस की मदद के लिए उत्तर कोरिया ने अपनी सीक्रेट कमांडो फोर्स, आम जवान रूस भेज दिए हैं. इनकी वहां ट्रेनिंग हो रही है. उधर चीन ने भी रूस को सुसाइड ड्रोन्स के जरिए मदद की है. नॉर्थ कोरिया की ये स्पेशल कमांडो फोर्स काफी ज्यादा खतरनाक है. 1500 कमांडो को व्लादिवोस्तोक भेजा गया है.
उत्तर कोरियाई सेना ने हाल में दक्षिण कोरिया से सटी सड़क और रेलवे स्टेशन पर विस्फोट कर दिया. ये एक्शन कथित तौर पर उसने दक्षिण कोरिया के अपने इलाके में जासूसी करने पर लिया. दोनों देशों के बीच लंबे समय से दबी तनाव की चिंगारी इसके बाद से सुलग रही है. अंदेशा ये भी है कि कहीं ये देश भी युद्ध में न उलझ जाएं.