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तेल

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पेट्रोलियम 

पेट्रोलियम (Petroleum), जिसे कच्चे तेल (Crude Oil) और तेल (Oil) के रूप में भी जाना जाता है, भूवैज्ञानिक संरचनाओं में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला, पीला-काला तरल है. इसे आमतौर पर अलग-अलग ईंधन और रसायनों में रिफाइन किया जाता है. पेट्रोलियम के घटकों को डिस्टिलेशन के माध्यम से अलग किया जाता है. पेट्रोलियम में मुख्य रूप से हाइड्रोकार्बन और साथ ही अन्य कार्बनिक यौगिकों के अंश होते हैं. जब बड़ी मात्रा में मृत जीव, ज्यादातर जोप्लांकटन और शैवाल, तलछटी चट्टान के नीचे दबे होते हैं और लंबे समय तक गर्मी और दबाव दोनों के बीच होते हैं, तब एक जीवाश्म ईंधन, पेट्रोलियम में बदल जाता है (Composition of Petroleum).

पेट्रोलियम ज्यादातर तेल ड्रिलिंग द्वारा बरामद किया गया है. तेल को निकालने के बाद, इसे रिफाइन और अलग किया जाता है, इसका सबसे आसान तरीके डिस्टिलेशन है. रिफाइन होने के बाद इसका उपयोग पेट्रोल, डीजल और मिट्टी के तेल से लेकर डामर और प्लास्टिक बनाने के रासायनिक तत्व, कीटनाशक और फार्मास्यूटिकल्स बनाने के लिए किया जाता है. 20वीं शताब्दी में आर्थिक विकास में पेट्रोलियम का रोल महत्वपूर्ण रहा (Uses of Petroleum). 

पेट्रोलियम के लगातार और व्यापक इस्तेमाल का पर्यावरण पर तेजी से नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. पेट्रोलियम ईंधन के निकालने, इसे रिफाइन करने और इसके जलने से बड़ी मात्रा में ग्रीनहाउस गैसें निकलती हैं, जिससे पर्यावरण का नुकसान होता है. इन सभी पर्यावरणीय प्रभावों का मनुष्यों के स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ता है. इसके अलावा तेल के कारण दो देशों के बीच संघर्ष या युद्ध और देश की भीतर गृहयुद्ध भी होता रहा है (Oil Environmental Effects). 

पेट्रोलियम का उत्पादन 2035 से तक चरम पर पहुंचने की उम्मीद है. आमतौर पर, तेल की कीमत का मतलब होता है कच्चे तेल के एक बैरल (159 लीटर) की मौजूदा कीमत. तेल की कीमतें किसी भी देश के घरेलू उत्पादन स्तर के बजाय वैश्विक आपूर्ति और मांग से निर्धारित होती हैं (Oil Price).

दुनिया हर दिन लगभग 100 मिलियन बैरल (16 मिलियन क्यूबिक मीटर) तेल की खपत करती है. विश्व में सबसे ज़्यादा तेल की खपत संयुक्त राज्य अमेरिका करता है. यह हर दिन 1,88,35,000 बैरल तेल की खपत करता है. 97,90,000 बैरल के साथ चीन दूसरे स्थान पर है. जापान 44,64,000 बैरल की खपत के साथ तीसरे नंबर पर है. तेल की सर्वाधिक खपत करने वाले देशों की लिस्ट में भारत नंबर चार पर आता है. भारत 32,92,000 बैरल तेल की दैनिक खपत करता है. पांचवें स्थान पर आने वाला रूस 31,45,000 बैरल तेल का उपयोग हर दिन करता है (Oil Consumption by Countries).

2016 के आंकड़ों के मुताबिक, तेल का उत्पादन करने वाले देशों की लिस्ट में, रूस हर दिन 1,05,51,497 बैरल के साथ पहले नंबर पर है. सऊदी अरब 1,04,60,710 बैरल के साथ दूसरे और 88,75,817 बैरल के साथ तीसरे स्थान पर है (Oil Production by Countries).
 

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