ओलाफ शोल्ज (Olaf Scholz) एक जर्मन राजनेता हैं जो 8 दिसंबर 2021 से जर्मनी के चांसलर के रूप में कार्यरत हैं (Chancellor of Germany). वह सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (SPD) के सदस्य हैं (Olaf Scholz Political Party). इससे पहले, वह एंगेला मर्केल की सरकार में वाइस चांसलर के रूप में और 2018 से 2021 तक संघीय वित्त मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं.
वह 2011 से 2018 तक हैम्बर्ग के पहले मेयर और 2009 से 2019 तक एसपीडी के उप नेता भी थे. 2021 जर्मन संघीय चुनाव के बाद, स्कोल्ज ने अपनी पार्टी एसपीडी, ग्रीन्स और फ्री डेमोक्रेटिक पार्टी (FDP) के साथ मिलकर एक ट्रैफिक लाइट गठबंधन तैयार किया और संघीय सरकार बनाई (Traffic Light Coalition).
शोल्ज का जन्म 14 जून 1958 को लोवर सैक्सोनी के ओस्नाब्रुक में हुआ था (Olaf Scholz Age), लेकिन वह हैम्बर्ग के रहल्स्टेड जिले में पले-बढ़े. उनके माता-पिता कपड़ा उद्योग में काम करते थे (Olaf Scholz Parents). उनके दो छोटे भाई हैं, जेन्स शोल्ज और इंगो शोल्ज (Olaf Scholz Siblings).
ओलाफ शोल्ज ने ओल्डनफेल्ड में बेकासिनाऊ प्राथमिक विद्यालय, ग्रोसलोहे में ग्रोसलोहेरिंग प्राथमिक विद्यालय से स्कूली शिक्षा हासिल की. उन्होंने हैम्बर्ग विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ली (Olaf Scholz Education). स्कोल्ज 17 साल की उम्र में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी में शामिल हो गए थे.
शोल्ज एक वकील हैं जो श्रम और रोजगार कानून में विशेषज्ञता रखते हैं (Olaf Scholz a Lawyer by Profession). वह 1998 से 2011 तक बुंडेस्टाग के सदस्य थे (Olaf Scholz Member of Bundestag). उन्होंने 2002 में एसपीडी के महासचिव चुने गए (Olaf Scholz General Secretary SPD). उन्होंने 2007 में, मर्केल सरकार में श्रम और सामाजिक मामलों के मंत्री के रूप में कार्य किया (Olaf Scholz Minister of Labour and Social Affairs). 2009 के चुनाव के बाद वह एसपीडी के उप नेता चुने गए (Olaf Scholz Deputy Leader of SPD). उन्होंने 2011 के हैम्बर्ग राज्य चुनाव में अपनी पार्टी को जीत दिलाई और 2018 तक उस पद पर रहते हुए पहले मेयर बने. 2018 में, जर्मनी की तत्कालीन चांसलर एंगेला मर्केल के चौथे कार्यकाल में, शोल्ज को वित्त मंत्री और जर्मनी का वाइस चांसलर नियुक्त किया गया था (Olaf Scholz Minister of Finance and Vice Chancellor of Germany). वह 2021 के संघीय चुनाव के लिए जर्मनी के चांसलर पद के लिए एसपीडी के उम्मीदवार थे (SPD's candidate for Chancellor of Germany). पार्टी ने बुंडेस्टाग में बहुमत हासिल की और ग्रीन्स और एफडीपी के साथ गठबंधन बनाया. 8 दिसंबर 2021 को शोल्ज को बुंडेस्टाग ने चांसलर के रूप में चुना और शपथ दिलाई.
ओलाफ शोल्ज ने एसपीडी राजनेता ब्रिटा अर्न्स्ट से शादी की है (Olaf Scholz Wife).
चुनाव में विपक्षी रूढ़िवादी गठबंधन क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (CDU) और क्रिश्चियन सोशल यूनियन (CSU) को 28.5 फीसदी वोट मिले हैं, जिससे वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. वहीं, दक्षिणपंथी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (AfD) ने 20% वोट हासिल किए, और वह दूसरे स्थान पर रही. AfD का यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.
जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने संसद भंग करने के लिए राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टीनमेयर से मुलाकात की. जर्मनी में अगले साल फरवरी में आम चुना हो सकते है. इससे पहले संसद में शोल्ज ने विश्वास मत.खो दिया था. देखें दुनिया की बड़ी खबरें.
विश्वास मत सत्र के दौरान 733 संसद सदस्यों में से 207 ने शोल्ज सरकार के पक्ष में मतदान किया जबकि 394 ने विरोध में वोट डाला. यह प्रस्ताव पिछले महीने शोल्ज के तीन-पक्षीय गठबंधन के पतन के बाद आया है. शोल्ज ने बजट और आर्थिक नीतियों पर असहमति के कारण नवंबर में पूर्व वित्त मंत्री क्रिश्चियन लिंडनर को बर्खास्त कर दिया था.
यूक्रेन लंबे समय से जर्मनी से मांग कर रहा है कि वो अपनी लंबी दूरी की मिसाइलें उसे दे. अब अमेरिका भी यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइल देने जा रहा है. जर्मनी पर भी इसका दबाव है लेकिन जर्मन चांसलर ने इस दबाव पर बड़ी बात कर दी है.
ओलाफ शोल्ज ने कहा कि उन्होंने क्रिश्चियन लिंडनर को बजट विवाद पर उनके अवरोध बढ़ाने वाले व्यवहार के कारण वित्त मंत्री पद से बर्खास्त किया. जर्मन चांसलर शोल्ज ने लिंडनर पर देश से पहले अपनी पार्टी का हित सोचने और फर्जी मुद्दों पर कानून को अवरुद्ध करने का आरोप लगाया.
पीएम मोदी ने 18वें एशिया-पैसिफिक कॉन्फ्रेंस ऑफ जर्मन बिजनेस 2024 को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन बहुत विशेष है. मेरे दोस्त ओल्फ शॉल्ज चौथी बार भारत आए हैं. यह भारत और जर्मनी के संबंधों पर उनके फोकस को दर्शाता है.
जर्मन के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज भारत के दौरा पर हैं. वे आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने वाले हैं. दोनों वैश्विक नेता आज 7वें अंतर सरकारी परामर्श (IGC) का हिस्सा बनेंगे. सरकारी कार्यक्रम के बाद स्कोल्ज गोवा जाएंगे और वहां से वापस जर्मनी के लिए उड़ान भरेंगे.
जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज आज से तीन दिवसीय (24 अक्टूबर से 26 अक्टूबर तक) दौर पर भारत में रहेंगे. जर्मन चांसलर यहां रक्षा समेत द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को बढ़ावा देने पर फोकस करेंगे. शुक्रवार को उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात होगी. उसके बाद वे 7वें अंतर सरकारी परामर्श (IGC) की सह अध्यक्षता करेंगे. इस दौरान उनके मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्री भी हिस्सा लेंगे.
डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस के साथ पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट में कई ऐसी बातें कह दीं और दावे कर दिए जिस पर अमेरिका ही नहीं बल्कि विदेशों से भी कड़ी प्रतिक्रिया आ रही है. ट्रंप की एक टिप्पणी को लेकर जर्मनी नाराज हो गया है और उसने ट्रंप का मजाक उड़ाया है.
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जर्मन विदेश मंत्रालय की ओर से की गई टिप्पणी पर भारत ने कड़ा एतराज जताया था. भारत ने कहा था कि हम ऐसी टिप्पणियों को हमारी न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमजोर करने के रूप में देखते हैं. जिसके बाद जर्मनी ने अपने बयान से यू-टर्न ले लिया है.
हमास के हमलों के खिलाफ ये वैश्विक नेता इजरायल के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए तेल अवीव पहुंच रहे हैं. जर्मनी के चांसलर स्कॉल्ज के सलाहकार ने बताया कि स्कॉल्ज मंगलवार शाम को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मिलेंगे. इस दौरान इजरायल के वॉर कैबिनेट सदस्य बेनी गांट्स भी स्कॉल्ज से मुलाकत करेंगे.
यूरोपीय देशों की ओर से लगातार दबाव बनाए जाने के बाद भी भारत ने अभी तक यूक्रेन में रूसी हमले की निंदा नहीं की है. यहां तक कि रूस पर पश्चिमी देशों की ओर से लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के बावजूद रूसी तेल खरीद रहा है. यूक्रेन मुद्दे को लेकर भारत का समर्थन नहीं जुटा पाने पर जर्मनी ने बड़ी बात कही है.
जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज शनिवार को दो दिवसीय भारत यात्रा पर पहुंचे. यहां राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया. दोनों नेता आज समग्र वार्ता करेंगे.
जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोलज ने कहा है कि एस जयशंकर ने यूरोप की मानसिकता को लेकर जो टिप्पणी की थी वो एक अहम टिप्पणी थी. जयशंकर ने कहा था कि यूरोप को लगता है कि उसकी समस्याओं को पूरा विश्व अपनी समस्या माने.
जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोलज ने कहा है कि एस जयशंकर ने यूरोप की मानसिकता को लेकर जो टिप्पणी की थी वो एक अहम टिप्पणी थी. जयशंकर ने कहा था कि यूरोप को लगता है कि उसकी समस्याओं को पूरा विश्व अपनी समस्या माने लेकिन जब पूरे विश्व में कोई समस्या आती है तो उसे लगता है कि यह उसकी समस्या नहीं है.
फॉरेन डिप्लोमेसी के मोर्चे पर भारत सरकार अगले कुछ सप्ताह काफी व्यस्त रहने वाली है. अगले कुछ दिनों में फ्रांस, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्राध्यक्षों का नई दिल्ली दौरा प्रस्तावित है. इस दौरान एजेंडे में यूक्रेन संकट, मेगा डिफेंस डील, व्यापार, खाद्यान्न और एनर्जी पर व्यापक चर्चा होगी और इन मोर्चों पर भारत अपने हितों को प्रमुखता से उठाएगा.