ऑपरेशन गंगा
ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) यूक्रेन पर 2022 के रूसी आक्रमण (Russo-Ukrainian War) के बीच भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से निकालने और मानवीय सहायता उपलब्लध कराने के लिए भारत सरकार (Government of India) द्वारा चलाया गया एक ऑपरेशन है (Assistance to Evacuate Indian Citizens from Ukraine). इसके तहत यूक्रेन में पढ़ाई करने वाले उन भारतीय छात्रों की सहायता शामिल है जो रोमानिया, हंगरी, पोलैंड, मोल्दोवा, स्लोवाकिया के पड़ोसी देशों में चले गए (Romania, Hungary, Poland, Moldova, Slovakia). भारतीय वायु सेना को 1 मार्च 2022 को ऑपरेशन में लाया गया (Indian Air Force Brought into operation Ganga).
यूक्रेन सरकार के शिक्षा और विज्ञान मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक वहां 18,000 भारतीय छात्र रहते हैं (18,000 Indian Students in Ukraine). यूक्रेन में भारतीय छात्रों के लिए हॉटस्पॉट्स (Hotspots for Indian Students in Ukraine) में टारस शेवचेंको नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ कीव, बोगोमोलेट्स नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी और UAFM की कीव मेडिकल यूनिवर्सिटी शामिल हैं (Taras Shevchenko National University of Kyiv, Bogomolets National Medical University and Kyiv Medical University of UAFM).
भारत सरकार ने कीव में अपने दूतावास के माध्यम से अलग-अलग संचार चैनलों का इस्तेमाल करते हुए युद्ध के शुरु होने से पहले सलाह जारी की (Indian Government Advisories). इसका मिला-जुला असर हुआ. 24 फरवरी की सुबह प्रभावित क्षेत्रों में हवाई क्षेत्र को बंद करने से पहले लगभग 4000 भारतीय नागरिकों ने यूक्रेन छोड़ दिया (Approximately 4000 Indian Nationals Left Ukraine till 24 February). भारत सरकार की पहली एडवाइजरी 15 फरवरी को जारी की गई थी. बड़ी संख्या में यूक्रेन में मौजूद भारतीय छात्रों को देखते हुए, भारत सरकार ने बाद में एक सख्त एडवाइजरी जारी की, दूतावास ने 26 फरवरी को छात्रों को दूतावास से कॉर्डिनेशन के बिना सीमा चौकियों पर न जाने की सलाह दी (Indian Embassy in Kyiv Advisories). भारतीय दूतावास ने पश्चिमी यूक्रेन को अपेक्षाकृत सुरक्षित जगह बताते हुए भारतीय छात्रों को वहीं रहने की सलाह दी.
पहली उड़ान 26 फरवरी को रोमानिया के बुखारेस्ट से हुई जो 27 फरवरी को भारतीय समयानुसार 2:55 पर दिल्ली पहुंची. 27 फरवरी 2022 तक, 469 छात्रों को निकाला गया (First Flight Took Place on 26 February from Bucharest under Operation Ganga). भारतीय एयरपोर्ट से छात्रों को COVID-19 प्रोटोकॉल के मुताबिक बाहर निकाला गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समन्वय प्रयासों में सहायता के लिए विशेष दूतों को मंजूरी दी (Prime Minister Narendra Modi Approved Special Envoys to Assist). विशेष दूत के रूप में, उच्च स्तरीय केंद्रीय मंत्री-नागरिक उड्डयन, परिवहन, कानून और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री शामिल किए गए. ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को रोमानिया और मोल्दोवा से समन्वय में सहायता करने की जिम्मेदारी दी गई. स्लोवाकिया में किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju), हंगरी से हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) और पोलैंड से जनरल वी. के. सिंह (General V. K. Singh) को सहायता और समन्वय का प्रभार दिया गया. विदेश मंत्रालय ने निकासी में सहायता के लिए ऑपरेशन गंगा के लिए एक समर्पित ट्विटर हैंडल की स्थापना की.
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