पाकिस्तान में नेशनल असेंबली के विघटन के 90 दिनों से भी कम समय के बाद आम चुनाव होने हैं, जो प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif, PM Pakistan) की घोषणा के अनुसार 9 अगस्त 2023 को समय से पहले भंग होने वाली है. इसका मतलब यह है कि चुनाव 7 नवंबर 2023 से पहले होने चाहिए (Pakistan Election).
5 अगस्त 2023 को, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता वाली काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट (CCI) द्वारा 2023 डिजिटल जनगणना के परिणामों को मंजूरी देने के बाद, नए परिसीमन के कारण चुनाव में कई महीनों की देरी हो सकती है.
तीन प्रमुख पार्टियां हैं- पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई), पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) (PML-N) जिसका नेतृत्व मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ कर रहे हैं और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) जिसका नेतृत्व मौजूदा विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (Bilawal Bhutto Zardari, FM Pakistan) कर रहे हैं.
ईसीपी (ECP) के पूर्व सचिव कंवर दिलशाद ने पहले जियो न्यूज को बताया था कि अगर सीसीआई ने 2023 की जनगणना को मंजूरी दे दी, तो चुनाव 2024 में होंगे.
भारत के साथ तनाव के बीच बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच बढ़ती करीबी देखी जा रही है. बांग्लादेश आर्म्ड फोर्सेज के प्रमुख कर्मचारी के पाकिस्तान दौरे के बाद अब पाकिस्तान आईएसआई की टीम ढाका पहुंची है. यात्रा के दौरान सैन्य और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने की संभावनाएं जताई जा रही हैं.
Champions Trophy 2025 News: पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड अगर चैम्पियंस ट्रॉफी के आयोजन को लेकर चल रहे गतिरोध के कारण प्रतियोगिता से हटने का फैसला करता है तो उसको राजस्व के भारी नुकसान के अलावा मुकदमों का भी सामना कर पड़ सकता है और वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अलग-थलग भी पड़ सकता है.
पाकिस्तान सरकार इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ पर बैन लगाने की तैयारी कर रही है. इसकी जानकारी खुद सूचना मंत्री ने दी है. उधर, यूपी के लखनऊ में रविवार को हुई बीजेपी की प्रदेश कार्य समिति की बैठक में शीर्ष नेताओं के बीच हताशा देखने को मिली.
सिंध की 12 सीटों, पंजाब की पांच और इस्लामाबाद की दो सीटों पर मतदान हुआ. पंजाब में पीएमएल-एन ने सभी सीटों पर कब्जा कर लिया जबकि सिंध में पीपीपी को 10 सीटें, एक सीट मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट और एक स्वतंत्र उम्मीदवार को मिली.
Aseefa Bhutto News : पाकिस्तान की राजनीति में बेनजीर भुट्टो की सबसे छोटी बेटी आसिफा की एंट्री होने जा रही है. पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की बेटी आसिफा को देश की 'फर्स्ट लेडी' का दर्जा हासिल है.
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज ने मंगलवार को पार्टी सुप्रीमो और तीन बार प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ की बजाय शहबाज शरीफ को पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री पद के तौर पर नामित किया है. नवाज शरीफ ने समर्थन देने वाली पार्टियों को धन्यवाद दिया है. चुनाव में नवाज शरीफ की पार्टी PMLN, बिलावल की पार्टी PPP और इमरान की PTI के उम्मीदवार निर्दलीय तौर पर खड़े थे. हालांकि, पूर्ण बहुमत किसी दल को नहीं मिला है.
पाकिस्तान में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) में गठबंधन हो गया है और दोनों मिलकर रविवार को सरकार बनाने जा रही हैं. पाकिस्तान में आज सरकार के गठन के बाद, 9 मार्च से पहले-पहले राष्ट्रपति चुनाव कराने की योजना भी है.
सामने आया है कि पूर्व पीएम रहे नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पीएमएल-एन को पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की पीपीपी पार्टी अपना समर्थन देगी. वहीं, पीएमएल-एन अध्यक्ष शहबाज शरीफ की भी प्रधानमंत्री पद पर वापसी लगभग तय हो गई है. उनके बड़े भाई नवाज शरीफ पहले ही प्रधानमंत्री पद के लिए उनके नाम की घोषणा कर चुके हैं.
महज दो दिन बाद तय हो जाएगा कि आखिर कौन पाकिस्तान का नया वजीर-ए-आजम बनेगा. मुस्लिम लीग नवाज (PML-N) की तरफ से शहबाज शरीफ मैदान में हैं. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने उमर अयूब खान को अपना प्रत्याशी बनाया है.
तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ सात साल के लंबे अंतराल के बाद सांसद चुने गए हैं. नवाज शरीफ रिकॉर्ड चौथी बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने के लिए लंदन से चुनाव लड़ने आए थे. लेकिन पाकिस्तान के आम चुनाव में उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर सकी.
लीक हुए एक ऑडियो को कथित तौर पर सिंध के गवर्नर कामरान टेसोरी का बताया जा रहा है. ऑडियो में सिंध के गवर्नर को 'हमारा जनादेश 100 प्रतिशत नकली है' कहते हुए सुना जा सकता है. एक अन्य लीक ऑडियो क्लिप एमक्यूएम-पी के वरिष्ठ नेता मुस्तफा कमाल का है. उन्होंने इस ऑडियो क्लिप की पुष्टि भी की है.
पाकिस्तान के आम चुनाव में धांधली का आरोप लगाने वाले रावलपिंडी के पूर्व कमिश्नर लियाकल अली चट्ठा ने अपने आरोपों पर पलटी मारी है. गुरुवार रात चुनाव आयोग को सौंपे अपने बयान में उन्होंने कहा कि मैंने इमरान खान की पार्टी PTI के कहने पर बेबुनियाद आरोप लगाए थे.
आम चुनाव में धांधली का आरोप लगाने वाले अधिकारी ने अपने कार्यों की पूरी जिम्मेदारी लेते हुए कहा है कि वह किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार है. उसने अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करने की भी बात कही है.
पाकिस्तान चर्चा में है. कारण है सियासत. दरअसल, नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और बिलावट भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के हाईकमान ने मंगलवार देर रात अलायंस में सरकार बनाने की घोषणा की.
पाकिस्तान में चुनावी नतीजे के दस दिनों बाद भी कोई भी दल सरकार नहीं बना सकी है. इमरान खान की पार्टी पीटीआई भी सरकार बनाना चाहती है. पीटीआई की तरफ से अब मुख्य चुनाव आयुक्त के इस्तीफे की मांग की गई है, जिनकी अगुवाई में कथित रूप से चुनाव में धांधली हुई.
पाकिस्तान में चुनाव हुए 12 दिन बीत चुके हैं. लेकिन अब तक तय नहीं हो पाया है कि यहां किस पार्टी की सरकार बनेगी और किसे प्रधानमंत्री बनाया जाएगा. इस बीच अब इमरान समर्थक उम्मीदवार एक दूसरी पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं. यह कदम रिजर्व सीटों को हासिल करने के लिए उठाया जा रहा है.
पाकिस्तान चुनाव को 11 दिन बीत चुके हैं लेकिन अभी तक नई सरकार का गठन नहीं हो सका है. PPP के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने खुलासा किया कि उन्हें PML-N की तरफ से PM पद फॉर्मूले के तहत दिया था लेकिन उन्होंने उसे लेने से मनाकर दिया. वहीं नवाज शरीफ की करीबी मरियम औरंगजेब ने इमरान खान का पहले सिर कलम न करने पर अफसोस जताया.
पाकिस्तानी मीडिया डॉन के मुताबिक, रविवार देर रात से पाकिस्तान में 24 घंटे के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसकी वजह पाकिस्तान के सीनियर अधिकारी का चुनाव में धांधली का आरोप बताया जा रहा है. दरअसल, रावलपिंडी के आयुक्त लियाकत अली चट्ठा ने आरोप लगाया था कि 8 फरवरी के आम चुनाव के नतीजों में उनकी निगरानी में 'हेरफेर' किया गया था.
पाकिस्तान के आम चुनाव के नतीजे आने के 9 दिनों बाद भी सरकार गठन पर कोई सहमति नहीं बनी है. नवाज शरीफ और बिलावल भुट्टो की पार्टी की शनिवार की बैठक बेनतीजा रही और अगली बैठक सोमवार को बुलाई गई है. बिलावल राष्ट्रपति पद चाहते हैं और सत्ता शेयरिंग के मामले पर बातचीत चल रही है.
नवाज शरीफ ने बीते दिनों ऐलान किया कि वो पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री नहीं बनने जा रहे... उन्होंने इस पद के लिए अपने भाई शहबाज शरीफ का नाम आगे किया और अपनी बेटी मरियम नवाज को पंजाब प्रांत की कमान सौंपी...ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो उन्होंने इस पद से दूरी बनाने का फैसला किया?... पीएमएल-एन के अंदरूनी सूत्रों ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि सेना ने नवाज शरीफ के सामने दो विकल्प रखे थे, या तो वो अपने लिए प्रधानमंत्री पद चुनें या अपनी बेटी मरियम को पंजाब की मुख्यमंत्री बनाने के लिए पीएम पद से दूरी बनाएं...
पीएमएल-एन 266 सदस्यीय नेशनल असेंबली में बहुमत हासिल करने में विफल रही, इसलिए शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री पद की दौड़ में अपने बड़े भाई नवाज शरीफ से आगे निकल गए.