फिलिस्तीन (Palestine) पश्चिम एशिया के दक्षिणी लेवंत क्षेत्र में स्थित एक राज्य है, जो आधिकारिक तौर पर फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (PLO) द्वारा शासित है. फिलिस्तीन एक ऐतिहासिक और विवादित क्षेत्र है. यह क्षेत्र इजरायल, जॉर्डन, मिस्र और लेबनान से घिरा हुआ है. फिलिस्तीन का मुद्दा मुख्य रूप से इजरायल और फिलिस्तीनी जनता के बीच राजनीतिक, धार्मिक और क्षेत्रीय विवाद से जुड़ा हुआ है.
यह वेस्ट बैंक (पूर्वी यरुशलम सहित) और गाजा पट्टी को अपने क्षेत्र के रूप में दावा करता है, हालांकि 1967 के छह-दिवसीय युद्ध के बाद से उस क्षेत्र का पूरा हिस्सा इजरायल (Israel) के कब्जे में है.
इजरायल फिलिस्तीन का विवाद काफी पुराना है. इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष लेवंत में चल रहा एक सैन्य और राजनीतिक संघर्ष है. 20वीं सदी के मध्य में शुरू हुआ यह दुनिया के सबसे लंबे समय तक चलने वाले संघर्षों में से एक है (Israel Palestine Conflict).
फिलिस्तीन के लिए 1947 की संयुक्त राष्ट्र विभाजन योजना कभी लागू नहीं की गई और 1947-1949 फिलिस्तीन युद्ध को उकसाया गया. इजरायल-फिलिस्तीनी की स्थिति 1967 के छह-दिवसीय युद्ध में वेस्ट बैंक और गाजा पर इजरायली सैन्य कब्जे के बाद शुरू हुई, जिसे फिलिस्तीनी क्षेत्रों के रूप में जाना जाता है.
1993-1995 के ओस्लो समझौते के परिणामस्वरूप, वेस्ट बैंक वर्तमान में 165 फिलिस्तीनी परिक्षेत्रों में विभाजित है जो आंशिक फिलिस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण (PNA) शासन के अधीन हैं. 200 इजरायली बस्तियां पूर्ण इजरायली नियंत्रण में है.
फिलिस्तीन अभी भी अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. गाजा पट्टी पर उग्रवादी इस्लामिक समूह हमास का शासन है और 2007 से मिस्र और इजरायल ने हमेशा से नाकाबंदी की है. इजरायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष जारी है. संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठन दो-राष्ट्र समाधान का समर्थन करते हैं, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निक पाया.
कोलंबिया यूनिवर्सिटी की 21 वर्षीय कोरियाई-अमेरिकी छात्रा यूंसेओ चुंग ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया है, जिसमें उन्हें निर्वासित किए जाने से रोकने की मांग की गई है. चुंग ने फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों में भाग लिया था. उनका आरोप है कि उनके अमेरिका में रहने से ट्रंप प्रशासन की विदेशी नीति प्रभावित हो रही है.
इजरायली हमलों में हमास के कई प्रमुख नेता मारे गए, जिनमें गाजा के आंतरिक मंत्री, राजनीतिक ब्यूरो के सदस्यों और आंतरिक सुरक्षा प्रमुख शामिल हैं. इन हवाई हमलों में कम से कम 413 फिलिस्तीनी मारे गए हैं. हमास और अन्य फिलिस्तीनी गुटों ने इसे संघर्षविराम समझौते का उल्लंघन बताते हुए विरोध प्रदर्शन की मांग की है.
भारत के 10 नागरिकों को फिलिस्तीन के लोगों ने एक गांव में बंधक बना लिया था. इन लोगों के पासपोर्ट लेकर फिलिस्तीनी इजरायल में घुसने जा रहे थे, लेकिन इजरायली फोर्स ने उन्हें पहचान लिया और इनके चंगुल से भारतीय नागरिकों को रिहा करा लिया.
फिलिस्तीनी प्रोफेसर डॉ. जैना का कहना है कि गाजा को लेकर ट्रंप का वीडियो बहुत परेशान करने वाला है जिसमें उन्होंने फिलिस्तीनी लोगों को बर्बर समुदाय की तरह पेश किया है. उन्होंने कहा कि गाजा में लोग बेहद ही बुरे हालातों में रह रहे हैं और यह स्थिति दशकों से चली आ रही है.
युवाओं का एक समूह इन बैनरों को हाथियों पर रखकर परेड कर रहा था. रविवार शाम को त्रिथाला, पलक्कड़ में वार्षिक 'उर्स' फेस्टिवल के तहत आयोजित इस जुलूस में 3,000 से अधिक लोग शामिल हुए. हालांकि, इस विवादित बैनर की प्रदर्शनी ने सोशल मीडिया पर लंबी चर्चा छेड़ दी है.
ट्रंप ने कहा कि वह गाज़ा को खरीदकर उस पर मालिकाना हक रखना चाहते हैं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, कि वह गाज़ा को खरीदने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
राष्ट्रपति ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह गाजा को खरीदकर उस पर मालिकाना हक रखना चाहते हैं. लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि वह गाजा के कुछ हिस्सों पर पुनर्निर्माण के लिए मिडिल ईस्ट के कुछ देशों को इसमें शामिल कर सकता है.
इजरायल और हमास के बीच गाजा में शुरू हुआ युद्धविराम फिलहाल जारी है, जिसके तहत बंधक और कैदियों की रिहाई का काम चल रहा है. डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा को टेकओवर करने की मंशा जाहिर की है, जिससे मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ गया है. मिस्र में 27 फरवरी को इमरजेंसी अरब समिट आयोजित हो रही है, जहां इस पर चर्चा होगी.
हमास ने तीन और कैदियों को रिहा कर दिया है. इजरायल से बदले में 183 फिलिस्तीनियों को रिहा करने की उम्मीद है, जिनमें 18 आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं, 54 लंबी सजा काट रहे हैं और 111 ऐसे हैं जिन्हें युद्ध के दौरान गाजा पट्टी में हिरासत में लिया गया था.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में गाजा से फिलीस्तीनियों को अरब देशों में ट्रांसफर करने का सुझाव दिया था. ट्रंप चाहते हैं कि युद्धग्रस्त गाजा में शांति के लिए यहां की आबादी को शिफ्ट किया जाए.लेकिन अमेरिका का ये फैसला अरब देशों को रास नहीं आ रहा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि ऐसे सभी विदेशी छात्र जिन्होंने फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शनों में हिस्सा लिया. उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा. हम आपके ढूंढ निकालेंगे और डिपोर्ट करेंगे. मैं कॉलेज कैंपस में उन सभी हमास समर्थकों का स्टूडेंट वीजा तत्काल प्रभाव से कैंसिल करूंगा.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा से फिलिस्तीनी शरणार्थियों को जॉर्डन, मिस्र और अन्य अरब देशों में ट्रांसफर करने का प्रस्ताव रखा. उन्होंने फिलिस्तीनियों के लिए शांति से रहने के लिए कहीं और आवास बनाने का सुझाव दिया.
सीजफायर को लेकर चल रही बातचीत के बीच इजरायली सेना गाजा में तबाही मचा रही है. बीते 24 घंटे में आईडीएफ के हमले में करीब 50 फिलिस्तीनी मारे गए हैं.
आज की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 03 जनवरी, 2025 की खबरें और समाचार: साल का तीसरा दिन है और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली घने कोहरे में लिपटी हुई है. जनवरी की शुरुआत होते ही दिल्ली में कोहरे का कहर शुरू हो गया लेकिन आज यानी 3 जनवरी को सीजन का सबसे ज्यादा कोहरा देखने को मिला.
इजरायल ने एक बार फिर फिलिस्तीनी नागरिकों पर कहर बरपाया है. मध्य गाजा पट्टी के नुसीरात शरणार्थी शिविर पर इजरायली सेना ने हवाई हमले किए. इस हमले में कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई.
कांग्रेस से वायनाड की सांसद प्रियंका गांधी संसद में फिलिस्तीन के सपोर्ट वाला बैग लेकर पहुंची. बैग पर कबूतर और तरबूज भी बना था, जिसे फिलिस्तीनी एकता का प्रतीक माना जाता है. इसके बाद से उनकी आलोचना हो रही है. एक वक्त पर भारत प्रो-फिलिस्तीन था, फिर इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के दौरान क्या बदला?
प्रियंका गांधी ने बांग्लादेशी हिंदुओं के प्रति अपने बैग के माध्यम से जो चिंता दिखाई है उसे कितना गंभीर माना जा सकता है? क्योंकि जिस तरह फिलिस्तीन मुद्दे पर प्रियंका मुखर रही हैं उस तरह कभी बांग्लादेश में मारे जा रहे हिंदुओं को लेकर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया. उन पर जब भारी दबाव पड़ा तब उन्होंने संसद में अपने भाषण और बैग के जरिये खानापूर्ति की.
प्रियंका गांधी का फिलिस्तीन लिखा हुआ बैग लेकर संसद में जाना उन्हें खबरों में तो बनाए रखेगा पर इसका असल फायदा बीजेपी को ज्यादा हो सकता है. पर प्रियंका भी यूं ही नहीं बवाल मोल ले रही हैं. इसके पीछे उनकी रणनीतिक भी कम खतरनाक नहीं है.
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा सोमवार को फिलिस्तीन के लोगों के प्रति समर्थन और एकजुटता प्रदर्शित करते हुए एक ऐसे हैंडबैग को लेकर संसद पहुंची जिसपर फिलिस्तीन लिखा हुआ था. वहीं इस पर अब बीजेपी ने उनपर हमला बोला है. देखिए VIDEO
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा सोमवार को फिलिस्तीन के लोगों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए ऐसे हैंडबैग के साथ संसद पहुंची जिस पर ‘फिलिस्तीन’ लिखा हुआ था. बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने कहा कि गांधी परिवार हमेशा से ही तुष्टीकरण का बैग ढोता रहा है
भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने कहा है कि इजरायल भारत की तरह सॉफ्ट पावर में निवेश नहीं करता है. उन्होंने कहा कि नैरेटिव की जंग जीतने के लिए सॉफ्ट पावर बेहद जरूरी है जिसमें इजरायल पिछड़ गया है. राजदूत ने फिलिस्तीन को भारत के समर्थन पर भी बात की है.