पंडित रवि शंकर (Pandit Ravi Shankar) भारतीय शास्त्रीय संगीत के सबसे प्रसिद्ध और सम्मानित संगीतकारों में से एक थे. उनका पूरा नाम रवींद्र शंकर चौधरी था. वे सितार वादन के लिए विश्वविख्यात थे. भारतीय शास्त्रीय संगीत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाने में उनकी अहम भूमिका रही.
उनका जन्म 7 अप्रैल 1920 को वाराणसी, उत्तर प्रदेश में हुआ था. उन्होंने बमैहर घराने के महान गुरु उस्ताद अलाउद्दीन खान के अधीन संगीत की शिक्षा ली थी.
पंडित रवि शंकर ने शास्त्रीय रागों के साथ प्रयोग कर उन्हें नए आयाम दिए और पश्चिमी संगीतकारों के साथ सहयोग करके भारतीय संगीत को पश्चिमी दर्शकों तक पहुंचाया. उन्होंने जॉर्ज हैरिसन (बीटल्स बैंड के सदस्य) और अन्य अंतरराष्ट्रीय कलाकारों के साथ काम किया. यह सहयोग भारतीय और पश्चिमी संगीत की संगीतमय साझेदारी का प्रतीक बना. उन्हें भारत रत्न (1999) और तीन ग्रैमी पुरस्कार सहित कई प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुए..
9 दिसंबर 2012 को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद रवि शंकर को 11 दिसंबर 2012 को सैन डिएगो, कैलिफोर्निया के सैन डिएगो के ला जोला में स्क्रिप्स मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 11 दिसंबर 2012 को हार्ट वाल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद उनका निधन हो गया था.
उन्होंने "संगीत नाटक अकादमी" के सदस्य के रूप में भारतीय संगीत के प्रचार-प्रसार में योगदान दिया और कई रचनाएं कीं जो आज भी लोकप्रिय हैं. उनका संगीत एक सेतु था जिसने भारत और विश्व के बीच सांस्कृतिक संवाद को प्रोत्साहित किया.