पंकजा मुंडे (Pankaja Munde) महाराष्ट्र की एक राजनीतिज्ञ हैं. वह भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय सचिव हैं. मार्च 2024 में, उन्हें 2024 के आम चुनावों में बीड निर्वाचन क्षेत्र के लिए बीजेपी उम्मीदवार के रूप में घोषित किया गया है.
पंकजा मुंडे का जन्म 26 जुलाई 1979 को हुआ था. वह गोपीनाथ मुंडे और प्रदन्या मुंडे की सबसे बड़ी संतान हैं. उनकी दो छोटी बहनें हैं, प्रीतम मुंडे और यशश्री हैं. पंकजा ने स्नातक की है और एमबीए भी किया है. वह प्रमोद महाजन की भतीजी और राहुल महाजन और पूनम महाजन की चचेरी बहन हैं.
हरियाणा, महाराष्ट्र और राजस्थान...ये वो तीन राज्य हैं जहां बीजेपी में बगावत देखी जा रही है. हरियाणा में अनिल विज, राजस्थान में किरोड़ी लाल मीणा तो महाराष्ट्र में पंकजा मुंडे बगावती मूड में हैं. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आखिर इन तीनों नेताओं की पार्टी से नाराजगी के कारण क्या हैं और पार्टी इनके इस बागी रुख पर कैसे एक्शन ले रही है...
नासिक में एक कार्यक्रम के दौरान, महाराष्ट्र राज्य की पर्यावरण मंत्री और दिवंगत बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे ने कहा कि अगर उनके पिता गोपीनाथ मुंडे के समर्थक एकजुट हो जाएं, तो वे एक नई पार्टी बना सकते हैं. इस टिप्पणी ने राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी है.
मंत्रिमंडल विस्तार में भाजपा को 19 मंत्री पद मिले, जबकि एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना को 11 और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को 9 मंत्री पद मिले. 33 विधायकों ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली, जबकि 6 विधायकों ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली.
महाराष्ट्र में आज देवेंद्र फडणवीस की कैबिनेट का विस्तार हो गया है. नागपुर में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया. चंद्रशेखर बावनकुले, हसन मुश्रिफ, चंद्रकांत पाटिल, गुलाबराव पाटिल समेत 39 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. सूत्रों के मुताबिक, मंत्रियों का कार्यकाल सिर्फ ढाई साल का होगा. देखें Video.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की कैबिनेट का पहला विस्तार का कार्यक्रम नागपुर में हुआ. इस दौरान 39 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. बीजेपी के खाते से 19 विधायक मंत्री बनें. इनके अलावा शिवसेना के कोटे से 11, जबकि एनसीपी कोटे से 9 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है.
महाराष्ट्र की राजनीति में विचारधारा तेल लेने चली गई है. पहले महायुति में हिंदुत्व के नाम अलग अलग बयान आ रहे थे पर अब बीजेपी में भी हिंदुत्व का विरोध शुरू हो गया है. ये सब गोलमाल है या सोची समझी रणनीति?
कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में दोनों गठबंधनों में विचारों की खिचड़ी पक रही है. योगी आदित्यनाथ के नारे 'बंटेंगे तो कटेंगे' का विरोध महायुति गठबंधन में सबसे पहले अजित पवार ने किया. अब बीजेपी नेता पंकजा मुंडे भी इसके खिलाफ उतर आईं हैं.
उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में चुनाव कैंपेन के दौरान राहुल गांधी के नाम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चैलेंज का जवाब दे दिया है. उद्धव ठाकरे का कहना है, राहुल गांधी ने तो बाल ठाकरे को इज्जत बख्शी है, जबकि मोदी ने तो बेइज्जती की है. लेकिन, उद्धव अपने बयान में मोदी के चैलेंज के सावरकर वाले हिस्से पर चुप्पी साध जाते हैं. क्योंकि, उसी में तो असली पेंच है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में यूपी के सीएम योगी का नारा 'बंटेंगे तो कटेंगे' का नारा हॉट टॉपिक बना हुआ है. एनसीपी (एपी) के प्रमुख अजित पवार इस नारे के विरोध में उतर आए थे. अब बीजेपी की पंकजा मुंडे भी इस नारे से अलग लाइन ले ली है.
महाराष्ट्र की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी जिस तरीके से डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के विरोधियों को तवज्जो दे रही है, उससे तो यही लगता है कि अब पार्टी को उन पर भरोसा नहीं रह गया है. हालांकि, कुछ दिनों पहले पार्टी ने उनका त्यागपत्र अस्वीकार करके उनपर भरोसा भी जताया था.
लोकसभा चुनाव में बीजेपी नेता पंकजा मुंडे की हार से आहत होकर उनके चार समर्थकों ने आत्महत्या कर ली है. अब पंकजा मुंडे ने अपने समर्थकों से ऐसा न करने की अपील की है और कहा, अगर किसने अब आत्महत्या की तो मैं राजनीति छोड़ दूंगी. इसके इतर वह सोमवार को एक समर्थक के घर भी पहुंचीं थीं, जहां वह उनके परिजनों से मिलने के बाद फूट-फूट कर रोने लगी.
लोकसभा चुनाव में बीड लोकसभा महायुति की उम्मीदवार पंकजा मुंडे हार गई हैं. महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवार बजरंग सोनवणे और पंकजा मुंडे के बीच सीधी टक्कर देखने को मिली. बीड लोकसभा क्षेत्र में 15 लाख 19 हजार 523 मतदाताओं ने मतदान किया. चुनाव में पंकजा मुंडे 6 हजार 553 वोटों से हार गईं. फैसला 4 जून को सुनाया गया. उसके बाद पंकजा मुंडे की हार के वजह से युवा आत्महत्या करने लगे.