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पापमोचनी एकादशी

पापमोचनी एकादशी

पापमोचनी एकादशी

पापमोचनी एकादशी (Papmochani Ekadashi) हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कहा जाता है. यह एकादशी पापों से मुक्ति और मोक्ष प्राप्ति के लिए विशेष मानी जाती है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से समस्त पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है.

इस व्रत को करने से जीवन में किए गए जाने-अनजाने पापों से मुक्ति मिलती है. यह एकादशी काम, क्रोध, लोभ, मोह और अन्य बुराइयों को समाप्त करने में सहायक मानी जाती है. व्रत करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है.
इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

व्रत की शुरुआत दशमी तिथि की रात्रि से ही करनी चाहिए और सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए. एकादशी के दिन प्रातः स्नान करके भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें. घर या मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति/चित्र स्थापित कर उन्हें फूल, तुलसी, धूप, दीप और प्रसाद अर्पित करें. विष्णु सहस्रनाम, भगवद गीता या श्री हरि के भजन-कीर्तन करें. रात्रि जागरण करें और भगवान का स्मरण करें.
द्वादशी के दिन व्रत का पारण करें और जरूरतमंदों को भोजन एवं दान-दक्षिणा दें.

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