प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) एक राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने पंजाब के 8वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था (8th CM of Punjab). वह शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के सदस्य थें. वह 1995 से 2008 तक पार्टी के अध्यक्ष रहे. बाद में, उनके स्थान पर उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) को नियुक्त किया गया. प्रकाश सिंह बादल का 25 अप्रैल 2023 को पंजाब के मोहाली में निधन हो गया (Parkash Singh Badal Died). वह 95 साल के थें.
भारत सरकार ने उन्हें 2015 में दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्म विभूषण से सम्मानित किया (Parkash Singh Badal Padma Vibhushan).
उनका जन्म 8 दिसंबर 1927 को मलोट के पास अबुल खुराना में हुआ था (Parkash Singh Badal Born). वह एक जाट सिख परिवार से थें. बादल ने लाहौर के फोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज से स्नातक किया था (Parkash Singh Badal Education).
1959 में उन्होंने सुरिंदर कौर से शादी की (Parkash Singh Badal Wife). दंपति के दो बच्चे सुखबीर सिंह बादल और परनीत कौर हैं. परनीत की शादी आदेश प्रताप सिंह कैरों से हुई है (Parkash Singh Badal Children). बादल की पत्नी का 2011 में कैंसर के कारण लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. प्रकाश सिंह बादल के छोटे भाई गुरदास सिंह बादल भी राजनीति में थें. उनके भतीजे मनप्रीत सिंह बादल ने पंजाब के वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया है (Parkash Singh Badal Family).
बादल ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1947 में की थी. पंजाब की राजनीति में आने से पहले वे गांव बादल के सरपंच और बाद में ब्लॉक समिति, लंबी के अध्यक्ष थें. वह 1957 में पहली बार शिरोमणि अकाली दल राजनीतिक दल से पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए थे. उन्हें 1969 में फिर से निर्वाचित किया गया थ. उन्होंने सामुदायिक विकास, पंचायती राज, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री के रूप में कार्य किया. वह 1972, 1980 और 2002 में विपक्ष के नेता थे. वे कुल 10 बार विधानसभा के लिए चुने गए थे. वह मोरारजी देसाई (Former PM Morarji Desai) मंत्रालय में 11वें केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री भी रहे थें (Parkash Singh Badal Political Career).
पंजाब में शिरोमणि अकाली दल में फूट की आशंका नजर आ रही है. 2022 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद पार्टी के सीनियर समेत 60 नेताओं के एक समूह ने सुखबीर सिंह बादल की अध्यक्षता पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने ऐलान किया है कि वे जल्द ही एक कमेटी बनाकर पार्टी के नए अध्यक्ष का चुनाव करेंगे. आइए जानते हैं अकाली दल में चल रही नाराजगी, विभाजन और विलय की पूरी कहानी.
महाराष्ट्र में पवार परिवार में घमासान है. एनसीपी चीफ शरद पवार के भतीजे अजित ने पार्टी से बगावत कर दी है. अब पार्टी पर कब्जे की जंग शुरू हो गई है. दोनों ही गुट विधायकों को अपने-अपने पाले में करने में लगे हैं. देश में इससे पहले भी बड़े राजनीतिक दलों में टूट हुई है और उसकी वजह भी परिवार या चाचा-भतीजे भी बने हैं. इन सियासी घटनाक्रमों का नुकसान भी पार्टियों को उठाना पड़ा है. ऐसे ही 10 पार्टियों के बारे में जानिए...
सुप्रीम कोर्ट ने शिरोमणी अकाली दल के दिवंगत नेता प्रकाश सिंह बादल और उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में निचली अदालत द्वारा जारी समन खारिज कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट द्वारा इस मामले में समन जारी किया जाना कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है.
राजनीति में चाचा-भतीजे के बीच की टक्कर कोई नई नहीं है, बल्कि अजित पवार के एनसीपी से बगावत के प्रकरण ने ऐसे मामलों को प्रकाश में ला दिया है. महाराष्ट्र में ही ठाकरे परिवार के बीच चाचा-भतीजे के जंग किसी से छिपी नहीं है, तो वहीं उत्तर प्रदेश में मुलायम परिवार तो हरियाणा में चौटाला फैमिली की तकरार विदित है. ऐसी ही एक कहानी पंजाब की सत्ता में बादल परिवार की भी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्रई प्रकाश सिंह बादल के साथ जुड़ी यादें साझा की हैं. पीएम मोदी ने पंजाब के पूर्व सीएम की यादों को समेटते हुए एक लेख लिखा है जिसमें उनसे जुड़ी कई बातों का जिक्र किया गया है.
पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल ने शिरोमणि अकाली दल की स्थापना की थी. मंगलवार रात उनका निधन हो गया. वो 95 साल के थे. 2008 में उन्होंने अकाली दल की कमान अपने बेटे सुखबीर सिंह बादल को सौंप दी थी. सुखबीर सिंह बादल अपने पिता प्रकाश सिंह बादल की सरकार में डिप्टी सीएम भी रहे.
प्रकाश सिंह बादल का पार्थिव शरीर बुधवार को मुक्तसर जिले में स्थित उनके पैतृक गांव बादल लाया गया. उनका अंतिम संस्कार गुरुवार दोपहर किया जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी, हरियाणा के सीएम एमएल खट्टर, प्रकाश सिंह बादल के दोस्त और हरियाणा के पूर्व सीएम ओपी चौटाला, पंजाब के पूर्व सीएम चरनजीत चन्नी, एसजीपीसी की पूर्व प्रमुख बीबी जगीर कौर, विजय रूपाणी, सुनील जाखड़ सहित अन्य भाजपा नेताओं ने अंतिम दर्शन किए.
प्रकाश सिंह बादल के निधन से देश में शोक की लहर है. प्रकाश सिंह बादल न सिर्फ पंजाब के 5 बार मुख्यमंत्री रहे, बल्कि केंद्र में मंत्री भी रहे. उनकी सादगी के लोग इतने मुरीद थे कि पीएम मोदी को भी जब मौका मिलता, वो प्रकाश सिंह बादल के पैर छूने से गुरेज नहीं करते थे.
पंजाब की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के निधन से देश में शोक की लहर है. प्रकाश सिंह बादल का जन्म 8 दिसंबर 1927 को हुआ था. पीएम मोदी ने उनके निधन पर श्रद्धांजली व्यक्त की है.
पंजाब की सियासत को अगर किताब के पन्नों पर उतारा जाएगा तो प्रकाश सिंह बादल का नाम लिखे बिना इसे पूरा नहीं माना जाएगा. पंजाब के 5 बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार 25 अप्रैल को एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रकाश सिंह बादल को आखिरी विदाई दी. देखें तस्वीरें.
पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के निधन के साथ पंजाब की राजनीति के एक अध्याय का अंत हो गया है. बादल ने अपने सियासी सफर में फर्श से अर्श तक का सफर तय किया, लेकिन अब उनकी विरासत संभाल रहे सुखबीर सिंह बादल के सामने राजनीतिक चुनौतियां खड़ी हो गई हैं.
1995 की उस रैली ने कैसे प्रकाश सिंह बादल की पूरी राजनीति बदल दी, देखें ये पूरा वीडियो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी प्रकाश सिंह बादल को श्रद्धांजलि देने के लिए चंडीगढ़ पहुंचे और उनके परिवार वालों से भी मुलाकात की.