संसद भवन
नई दिल्ली में संसद भवन (Parliament or Sansad Bhawan), भारत की संसद की सीट है. राष्ट्रपति भवन से 750 मीटर की दूरी पर, यह संसद मार्ग पर स्थित है जो सेंट्रल विस्टा को पार करता है और इंडिया गेट, युद्ध स्मारक, प्रधानमंत्री कार्यालय और निवास, मंत्री भवन और भारत सरकार की अन्य प्रशासनिक इकाइयों से घिरा हुआ है. इसके सदन लोकसभा और राज्यसभा हैं जो भारत की द्विसदनीय संसद में निचले और उच्च सदनों का प्रतिनिधित्व करते हैं (Parliament, Upper House and Lower House).
इमारत को ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किया गया था और (Parliaments Architecture and Design) इसका निर्माण 1921 और 1927 के बीच किया गया था. इसे जनवरी 1927 में इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल की सीट के रूप में खोला गया था. भारत में ब्रिटिश शासन के अंत के बाद, इसे संविधान सभा ने अपने अधिकार में ले लिया और फिर 1950 में भारत का संविधान लागू होने के बाद भारतीय संसद ने इसे अपने अधिकार में ले लिया (Parliaments History).
भारत सरकार की सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के हिस्से के रूप में वर्तमान भवन के ठीक सामने संसद के लिए एक नया भवन निर्माणाधीन है.
इमारत की परिधि गोलाकार है, जिसके बाहर 144 स्तंभ हैं. भवन के केंद्र में वृत्ताकार केंद्रीय कक्ष है, और इस कक्ष के चारों ओर तीन अर्धवृत्ताकार हॉल हैं जिनका निर्माण प्रिंसेस चैंबर या लाइब्रेरी हॉल, राज्य परिषद, संसद का ऊपरी और दूसरा सदन राज्यसभा है (Parliament Structure). राज्यसभा के सदस्य अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं. राज्यसभा भारत में 28 राज्यों और 9 केंद्र शासित प्रदेशों को प्रतिनिधित्व देती है. इस प्रकार, राज्यसभा के सदस्य घटक राज्यों के प्रतिनिधियों के रूप में काम करते हैं. और केंद्रीय विधान सभा, लोकसभा भारत की संसद का निचला और पहला सदन है. लोकसभा सीधे लोगों द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों का घर है. इसलिए लोकसभा को प्रथम सदन कहा जाता है. लोकसभा के सदस्य क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों से लोगों द्वारा सीधे चुने जाते हैं. लोकसभा का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है. चुनाव हर पांच साल बाद होता है. इन चुनावों को आम चुनाव के रूप में जाना जाता है। संसद बड़े बगीचों से घिरी हुई है और परिधि को बलुआ पत्थर की रेलिंग (जाली) से घेरा गया है (Lok Sabha and Rajya Sabha).
सुप्रीम कोर्ट ने दहेज उत्पीड़न और भरण पोषण से जुड़े कानूनों को जेंडर न्यूट्रल बनाने की जनहित याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में कानून का निर्णय प्रत्येक केस के तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर होना चाहिए, और यह काम सांसदों का है, न कि अदालत का। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी कानून के दुरुपयोग के आरोपों को मामले दर मामले देखा जाएगा।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि संविधान के बारे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए. संविधान क्या होगा? इसे अंतिम रूप से तय करने वाले निर्वाचित प्रतिनिधि ही होंगे और इससे ऊपर कोई अथॉरिटी नहीं होगी. संसद सर्वोच्च है.
देश में संविधान के तहत संसद, अदालत और कार्यपालिका के दायरे पर बहस छिड़ गई है. बीजेपी नेता अदालतों पर संसद के काम में दखल का आरोप लगा रहे हैं, जबकि अदालत के समर्थक संविधान की व्याख्या और न्यायिक समीक्षा के अधिकार का हवाला दे रहे हैं. तमिलनाडु गवर्नर केस और वक्फ कानून जैसे मुद्दों से यह बहस तेज हुई है. देखें...
लोकसभा के पूर्व महासचिव पीडीटी आचार्य ने संसद और सुप्रीम कोर्ट के बीच कानून बनाने के अधिकार को लेकर चल रहे तनाव पर कहा कि न्यायिक समीक्षा संविधान के मूल ढांचे का अंग है. उन्होंने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट कानून नहीं बनाता, बल्कि यह देखता है कि संसद द्वारा पारित कानून संविधान के अनुरूप है या नहीं, और संविधान की व्याख्या करना केवल अदालत का काम है. देखें...
उपराष्ट्रपति ने कहा कि हम ऐसी स्थिति नहीं बना सकते जहां आप भारत के राष्ट्रपति को निर्देश दें और वह भी किस आधार पर? उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 142 लोकतांत्रिक ताकतों के खिलाफ एक न्यूक्लियर मिसाइल बन गया है, जो न्यायपालिका के लिए चौबीसों घंटे उपलब्ध है.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि हाल ही में एक फैसले में राष्ट्रपति को निर्देश दिया गया है, हम कहां जा रहे हैं? देश में क्या हो रहा है? उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रपति का स्थान बहुत ऊंचा है, जबकि अन्य लोग सिर्फ संविधान का पालन करने की शपथ लेते हैं.
जस्टिस नरीमन ने कहा कि 13 अप्रैल शायद हमारे इतिहास का सबसे काला दिन है, जिसे हमें कभी नहीं भूलना चाहिए, क्योंकि 1919 में इसी दिन ब्रिटिश जनरल रेजिनाल्ड डायर ने जलियांवाला में हमारी ही सेना पर गोलियां चलाईं और बड़ी संख्या में हमारे नागरिकों को मार डाला था.
संसद भवन में डॉ. भीमराव आंबेडकर की 134वीं जयंती पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला समेत कई गणमान्य व्यक्तियों ने अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की. सत्तापक्ष और विपक्ष के नेता एक साथ इस कार्यक्रम में शामिल हुए. देखें...
लोकसभा में कांग्रेस नेताओं ने एससी-एसटी सब-प्लान फंड के दुरुपयोग को रोकने के लिए कानून बनाने की मांग की है. पिछले 10 सालों में इस फंड में कटौती और डायवर्जन देखा गया है. कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि अगर फंड डायवर्ट किया जाता रहा तो पार्टी सड़कों पर उतरेगी और आंदोलन करेगी. देखें.
वक्फ (संशोधन) विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित हो गया है. इस बिल में वक्फ को लिमिटेशन एक्ट से मिली छूट का प्रावधान समाप्त कर दिया है यानि 12 साल की लिमिट अब वक्फ संपत्तियों पर भी लागू होगी. ये प्रावधान क्या है?
संसद का काम कानून बनाना है और लोकसभा-राज्यसभा ने अपना काम कर दिया है. अब यह बिल संविधान के मुताबिक है या नहीं यह तय करने का अधिकार सुप्रीम कोर्ट के पास है. बिल को चुनौती देने वाले और इसका विरोध करने वाले बहुत हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट इस बिल को संविधान की कसौटी पर तौलेगा और फिर तय करेगा कि यह बिल संवैधानिक है या नहीं.
संसद का बजट सत्र समाप्त हो चुका है. इस सत्र में सबसे अधिक चर्चा वक्फ बिल को लेकर रही लेकिन इसके अलावे कई अन्य महत्वपूर्ण विधेयक भी इस सत्र के दौरान संसद से पारित हुए हैं.
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही संशोधन बिल को लेकर जोरदार हंगामा हुआ. स्पीकर ने सदन के स्थगन का फैसला लिया और कार्यवाही को 12:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. सदन में प्रश्नकाल के दौरान भी हंगामा जारी रहा. देखें...
राज्यसभा में भी वक्त संशोधन बिल पास हो गया है. हालांकि, विपक्ष ने इसका जमकर विरोध किया और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है. तो वहीं बिहार में जेडीयू के तीन मुस्लिम नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है. फटाफट अंदाज में देखें बड़ी ख़बरें.
राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल पास हो गया है. बिल के पक्ष में 128 और विपक्ष में 95 वोट पड़े. बिल पास होने के बाद पहले जुमे पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. इस बीच जेडीयू के तीन मुस्लिम नेताओं ने बिल के समर्थन पर नाराजगी जताते हुए इस्तीफा दे दिया है. देखें आज सुबह.
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने राज्यसभा में शायराना अंदाज में वक्फ बिल का विरोध किया. इमरान ने लोकसभा में माइनोरिटी मिनिस्टर द्वारा सुनाए गए शेर का जवाब दिया. साथ ही जमहूरियत में सबकी हिस्सेदारी की आवश्यकता पर भी जोर दिया. उन्होेंने कहा कि संख्या बल के आधार पर बिल पास हो सकता है, लेकिन इतिहास में रहने वाली बातें कागजी पुर्जों से नहीं मिटाई जा सकतीं. देखें Video.
राज्यसभा में कई घंटे तक हुई चर्चा के बाद वक्फ संशोधन बिल पास हो गया. पूरे दिन एनडीए और इंडिया गठबंधन के सांसदों के बीच जोरदार बहस हुई. राज्यसभा में बिल के विरोध में पड़े 95 वोट और बिल के पक्ष में पड़े 128 वोट. इससे पहले बुधवार को लोकसभा में वक्फ बिल पास हुआ था. दोनों सदनों से बिल पास होने के बाद अब राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. देखें...
Waqf Bill In Rajya Sabha Live Updates: वक्फ संशोधन विधेयक 2024 लोकसभा के बाद अब राज्यसभा से भी पारित हो गया है. राज्यसभा में डिवीजन के दौरान इस बिल के पक्ष में 128 और विपक्ष में 95 वोट पड़े. ताजा अपडेट्स के लिए पेज को रिफ्रेश करते रहें...
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वक्फ बिल को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष के लिए वोट बैंक जरूरी है. योगी ने सवालिया लहजे में आरोप लगाया कि क्या वक्फ बोर्ड भूमाफिया बोर्ड बन गया है. राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल पर बहस चल रही है. देखें न्यूजरूम.
लखनऊ में वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है. राज्यसभा में आज दोपहर 1 बजे बिल पेश किया जाएगा. सरकार के पास बिल पारित कराने के लिए पर्याप्त संख्या है. BJP और एनडीए के पास 125 सांसदों का समर्थन है, जबकि बिल पारित करने के लिए 119 सांसदों की आवश्यकता है. किरण रिजिजू बिल पेश करेंगे. देखें...
राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश होने से पहले भारी बवाल हो गया है. बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर के बयान पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ये मामला उठाया. दरअसल अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में चर्चा के दौरान कहा था कि कर्नाटक में वक्फ सम्पतियों को लेकर जो घोटाले हुए उसमें खड़गे का नाम भी आता है. देखें ब्रेकिंग न्यूज़.