पारसी धर्म
पारसी धर्म (Parsi religion) एक ईरानी धर्म है, जो दुनिया के सबसे पुराने संगठित धर्मों में से एक है. यह ईरानी भाषी भविष्यवक्ता जोरोस्टर की शिक्षाओं पर आधारित है. इसमें एकेश्वरवादी ऑन्कोलॉजी के ढांचे के भीतर अच्छाई और बुराई का एक द्वैतवादी ब्रह्मांड विज्ञान है. साथ ही, एक युगांतशास्त्र है जो अच्छाई द्वारा बुराई की अंतिम विजय की भविष्यवाणी करता है (Iranian Religion).
पारसी धर्म अहुरा मज़्दा नाम के एक परोपकारी देवता को अपने सर्वोच्च अस्तित्व के रूप में प्रतिष्ठित करता है. पारसीवाद एकेश्वरवाद, मसीहावाद, स्वतंत्र इच्छा में विश्वास और मृत्यु के बाद निर्णय, स्वर्ग, नरक, स्वर्गदूतों और राक्षसों की अवधारणा, अन्य अवधारणाओं को मान्यता देता है (Faith of Parsi).
पारसी भारत का एक जातीय धार्मिक समूह है. 7वीं शताब्दी सीई में रशीदुन खलीफा के तहत अरब मुसलमान अपने सस्सानीद ईरान से भारत आ गए. एक पारसी महाकाव्य, क़िस्सा-ए संजन के अनुसार, 8वीं और 10वीं शताब्दी ईस्वी के बीच पारसी ईरान से गुजरात में प्रवासी बन कर आए थे, जहां उन्हें मुसलमानों द्वारा धार्मिक उत्पीड़न से बचने के लिए शरण दी गई थी. 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 57,264 पारसी हैं (Parsis in India).
7वीं शताब्दी के इस्लामी आक्रमण ने पारसियों को अपनी धरती से भागने पर मजबूर कर दिया. नए मुस्लिम शासकों ने ऐसी नीतियां लागू कीं, जिसने पारसियों को हाशिए पर डाल दिया. इसमें पारसियों पर जाजिया कर लगाना और धार्मिक प्रतिबंध शामिल थे.
रतन टाटा का 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है. रतन टाटा पारसी समुदाय से थे. भारत में पारसी समुदाय अल्पसंख्यक है. आम लोगों को आज भी इस धर्म से जुड़ी मान्यताओं, नीति-नियम की जानकारी कम है. आइए आज हम जानते हैं कि पारसी समुदाय कहां से आया, इस धर्म के लोग किस ईश्वर को मानते हैं, और पारसी धर्म की परंपराएं कौन कौन सी हैं.
CAA के तहत तीन मुस्लिम-बहुल पड़ोसी मुल्कों से आने वाले 6 धर्मों के लोगों को नागरिकता मिलेगी. पारसी समुदाय इनमें से एक है. पूरी दुनिया में इनकी सबसे ज्यादा आबादी भारत में ही रही, लेकिन इसमें भी तेजी से कमी आ रही है. मिनिस्ट्री ऑफ माइनोरिटी अफेयर्स के अनुसार, पिछली जनगणना में 60 हजार से भी कम पारसी बाकी रहे. क्यों घट रहे हैं वे?
धर्म गुरु मानते हैं कि अपनी मर्जी से किया गया धर्म परिवर्तन गलत नहीं है लेकिन जबरन या किसी चीज का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराना जुर्म है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या धर्म परिवर्तन करवाने के लिए दिया जाने वाला प्रलोभन, धन, घर, नौकरी, पैसा आदि का, क्या पूरा किया जाता है?
सुप्रीम कोर्ट मानता है कि धर्म परिवर्तन एक गंभीर मुद्दा है और भारत जैसे सेक्युलर देश में ऐसी घटनाएं आये दिन सामने आ रही हैं. धर्म गुरु भी मानते हैं कि अपनी मर्जी से किया गया धर्म परिवर्तन गलत नहीं है लेकिन जबरन या किसी चीज का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराना जुर्म है. लेकिन देश में हो रहे धर्म परिवर्तन की असल वजह क्या है?