पशुपतिनाथ पारस (Pashupatinath Paras) बिहार के राजनेता और भारत सरकार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री के रूप में कार्यरत हैं. वह हाजीपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सदस्य है और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं.
पशुपति पारस का जन्म 12 जुलाई 1952 को हुआ था. उन्होंने कोशी महाविद्यालय, खगड़िया से राजनीति शास्त्र में बीए स्नातक की डिग्री ली और टीचर ट्रेनिंग महाविद्यालय, भागलपुर से से बी.एड. किया. पारस ने शोभा देवी से शादी की और उनके एक बेटा है. वह दिवंगत रामविलास पासवान के छोटे भाई हैं.
वह 1977 से अलौली से सात बार बिहार विधान सभा के सदस्य रहे हैं (MLA from Alauli Since 1977). उन्होंने इससे पहले राज्य में तीन बार मंत्री के रूप में कार्य किया है. वे 2015 में पिछला चुनाव हार गए थे. 2017 में एक मंत्री के रूप में उनकी नियुक्ति के समय, वह न तो विधानसभा के सदस्य थे और न ही परिषद के, लिहाजा उन्हें राज्यपाल के कोटे से एमएलसी के रूप में मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया. पारस बिहार सरकार में पशु और मत्स्य संसाधन मंत्री का पद संभाल चुके हैं. पहले, वे लोक जनशक्ति पार्टी की बिहार इकाई के प्रदेश अध्यक्ष थे. वे जून 2021 में चिराग कुमार पासवान की जगह लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुने गए.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति पारस ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की है. दोनों नेताओं की ये एक हफ्ते के अंदर तीसरी मुलाकात है.
आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बुधवार को संकेत दिए कि महागठबंधन पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस को अपने साथ जोड़ सकता है.
बिहार की दही-चूड़ा पॉलिटिक्स में अब मेजबानी की बारी केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस की है. पशुपति पारस की लालू यादव से बढ़ रही नजदीकी भी चर्चा के केंद्र में है.
देश में ऐसे भी नेता हैं जिन्हें लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों में बहुत बड़ी उम्मीद दिखाई पड़ी, लेकिन उसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में लगा जैसे दुनिया ही उजड़ गई हो.
रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा को तोड़ने वाले उनके भाई पशुपति कुमार पारस अब खुद एनडीए से बाहर होते दिख रहे हैं. पारस ने अपने सोशल मीडिया से 'मोदी का परिवार' हटा दिया है और एनडीए की बैठकों में उन्हें अब नहीं बुलाया जा रहा है. सोमवार को पटना में हुई एनडीए की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी पारस की पार्टी रालोजपा को शामिल नहीं किया गया. इससे साफ है कि पारस और रालोजपा का एनडीए से नाता लगभग टूट चुका है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस इन दिनों मुश्किलों में हैं. पहले तो उन्हें एनडीए में कोई सीट नहीं मिली और अब पटना का पार्टी कार्यालय भी उनसे छिन गया है.
कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में मंत्री रह चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री और चिराग पासवान के सगे चाचा पशुपति कुमार पारस इन दिनों हाशिए पर चल रहे हैं. लेकिन, सूत्रों के अनुसार जो खबर सामने आ रही है.
कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में मंत्री रह चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री और चिराग पासवान के सगे चाचा पशुपति कुमार पारस इन दिनों हाशिए पर चल रहे हैं. लेकिन, सूत्रों के अनुसार जो खबर सामने आ रही है, उसके मुताबिक बहुत जल्द पशुपति के दिन बदल सकते हैं. बताया जा रहा है कि जल्द ही पशुपति पारस को किसी राज्य का गवर्नर या किसी केंद्रीय आयोग के अध्यक्ष की कुर्सी पर बिठाया जा सकता है. देखें भोजपुरी में खबरें.
पिछले कुछ दिनों में केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान केंद्र सरकार के कई कई महत्वपूर्ण फैसलों पर सवाल खड़ा कर चुके हैं. चिराग के बयानों को देखते हुए अब बीजेपी उन पर लगाम लगाने की तैयारी में है और पशुपति पारस को अब एक बार फिर से एनडीए में तरजीह दे सकती है.
पिछले दिनों पशुपति पारस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी दिल्ली में मुलाकात की थी जिसके बाद इस बात को बल मिला कि जल्द ही पारस का कद बढ़ाया जा सकता है और उन्हें किसी राज्य का राज्यपाल या केंद्रीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया जा सकता है.
RLJP अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की. इस दौरान पूर्व सांसद प्रिंस राज भी मौजूद रहे हाल के दिनों में LJPR के कई मुद्दों पर सरकार से अलग स्टैंड लिए जाने को देखते हुए यह मुलाकात बेहद खास मानी जा रही है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने कहा कि हमारी बैठक में हमने आरएलजेपी को मजबूत बनाने और विधानसभा चुनावों में एनडीए को अपनी ताकत देने का संकल्प लिया है, बशर्ते कि हमें एक सम्मानजनक हिस्सा मिले. हम अपने दम पर सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.
बिहार में NDA की सीट शेयरिंग में खाली हाथ रहे पशुपति पारस को लेकर अटकलें थीं कि वो इंडिया ब्लॉक में शामिल हो सकते हैं. लेकिन अब पशुपति पारस ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है, 'हमारी पार्टी एनडीए का अभिन्न अंग है, प्रधानमंत्री मोदी हमारे भी नेता हैं और उनका निर्णय हमारे लिए सर्वोपरि है'. देखें वीडियो.
बिहार में एनडीए की सीट शेयरिंग में पशुपति पारस के खाते में एक भी सीट नहीं आई थी. इसके बाद पशुपति पारस ने बागी तेवर अपना लिए थे. इतना ही नहीं, उन्होंने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया था. पद छोड़ने के बाद उन्होंने कहा कि 'मेरे और मेरी पार्टी के साथ नाइंसाफी हुई. हमें एक भी सीट नहीं दी गई.' इस्तीफा देने के पहले तक पशुपति पारस मोदी सरकार में खाद्य और प्रसंस्करण मंत्री थे.
बिहार में महागठबंधन में सीट बंटवारे पर पेंच फंसता दिख रहा है. अब तक तक सीटों का ऐलान नहीं हुआ है. कांग्रस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह लालू प्रसाद यादव से मिलने पहुंचे. लालू यादव से मुलाकात के बाद अखिलेश सिंह भड़के हुए नजर आए. बिहार की राजनीति में जबरदस्त उठापटक दिखाई दे रही है. देखें वीडियो.
केंद्रीय मंत्रिमंडल से पशुपति कुमार पारस का इस्तीफा मंजूर होने के साथ ही यह तय हो गया है कि वह अपनी हाजीपुर की जिद पर रहेंगे. महागठबंधन से उनकी पक्की बात अबतक नहीं हुई है, लेकिन चूंकि हाजीपुर की जिद पर ही उन्होंने केंद्रीय मंत्री का पद छोड़ा है तो लड़ना तय है. चिराग पासवान ने चाचा से टक्कर को लेकर कहा कि वह चुनौतियों के लिए तैयार रहते हैं.
लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही बिहार में सियासी उठा-पटक तेज हो गई है. पप्पू यादव के बाद माना जा रहा है कि पशुपति पारस भी एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन में शामिल हो सकते हैं. ऐसा इसलिए भी क्योंकि चिराग पासवान हाजीपुर सीट से चुकाव लड़ने की हुंकार भर चुके हैं. देखें वीडियो.
INDIA ब्लॉक का आदर्श नमूना देखना हो तो बिहार बेहतरीन मिसाल है, फिर भी कांग्रेस और आरजेडी के बीच सीटों का बंटवारा फाइनल न हो पाना काफी हैरान करता है. आखिर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के बीच कहां पेच फंसा है?
बिहार में इस हफ्ते कई सियासी घटनाक्रम देखने को मिले. जहां एक तरफ एनडीए ने लोकसभा के लिए सीटों के बंटवारे का ऐलान किया तो वहीं पशुपति पारस ने एक भी सीट नहीं मिलने की वजह से मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया.
एनडीए से किनारे कर दिए गए पशुपति पारस को राष्ट्रीय जनता दल के नेता सुनील सिंह ने 'फूके हुए कारतूस और फ्यूज बल्ब' बताया है. उन्होंने कहा कि अब इनके पास तो वोट भी नहीं बचा. पारस के विपक्षी खेमा जॉइन करने की अटकलें लगाई जा रही थी लेकिन सुनील सिंह के इस बयान के बाद ऐसा माना जा रहा है कि उनके लिए विपक्ष का रास्ता भी बंद है.
Chirag Paswan ने बिहार की जिस हाजीपुर (Hajipur) सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, वो उनके दिवंगत पिता राम विलास पासवान की परंपरागत सीट रही है और यहां से वे 9 बार सांसद बने थे.