प्लास्टिक कचरा
प्लास्टिक कचरा (Plastic Waste) से फैलता प्रदूषण पृथ्वी के वातावरण को नष्ट कर रहा है. धरती पर प्लास्टिक की वस्तुओं का संचय मनुष्यों, वन्यजीवों और उनके आवास पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है.
प्लास्टिक के तीन प्रमुख रूप हैं जो प्लास्टिक प्रदूषण में योगदान करते हैं- सूक्ष्म, मैक्रो और मेगा-प्लास्टिक. मेगा और माइक्रो प्लास्टिक उत्तरी गोलार्ध में उच्चतम घनत्व में जमा हो रहे हैं, जो शहरी केंद्रों और जल मोर्चों के आसपास केंद्रित हैं (Types of Plastics).
प्लास्टिक सस्ते और टिकाऊ होते हैं जो उन्हें विभिन्न उपयोगों के लिए बहुत अनुकूल बनाते हैं. जिस कारण निर्माता अन्य सामग्रियों की तुलना में प्लास्टिक का उपयोग ज्यादा करते हैं (More use of Plastic).
प्लास्टिक प्रदूषण भूमि, जलमार्ग और महासागरों को प्रभावित करते हैं. यह अनुमान है कि 1.1 से 8.8 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा हर साल समुद्र में प्रवेश करता है. यह अनुमान है कि 2013 के अंत तक दुनिया भर से महासागर में 86 मिलियन टन प्लास्टिक समुद्री मलबे का भंडार है. 1950 से 2013 तक उत्पादित वैश्विक प्लास्टिक का 1.4% महासागर में प्रवेश कर चुका है और वहां जमा हो गया है. कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि 2050 तक समुद्रों में वजन के हिसाब से मछलियों से ज्यादा प्लास्टिक हो सकता है (Plastic Pollution).
COVID-19 के दौरान, सुरक्षात्मक उपकरणों और पैकेजिंग सामग्री की बढ़ती मांग के कारण प्लास्टिक कचरे की मात्रा में वृद्धि हुई (Plastic Waste increases).
प्लास्टिक मलबे को प्राथमिक या माध्यमिक के रूप में वर्गीकृत किया गया है. प्राथमिक प्लास्टिक एकत्र करने पर अपने मूल रूप में होते हैं जैसे- बोतल के ढक्कन, सिगरेट बट्स और माइक्रोबीड्स हैं. दूसरी ओर, माध्यमिक प्लास्टिक, छोटे प्लास्टिक होते है (Plastic Debris).
डोनाल्ड ट्रंप ने एल्यूमिनियम पर 25% टैरिफ लगा दिया है जिस कारण अमेरिका में प्लास्टिक के अधिक इस्तेमाल का खतरा बढ़ गया है. कोका कोला ने कह दिया है कि टैरिफ की वजह से एल्यूमिनियम कैन महंगे होंगे जिसे देखते हुए वो अपना ड्रिंक बेचने के लिए और अधिक प्लास्टिक बोतलों का इस्तेमाल करेगा.
यह इंटरगवर्नमेंटल नेगोशिएटिंग कमेटी (INC) की पांचवीं बैठक थी, जो प्लास्टिक प्रदूषण पर कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि का मसौदा तैयार करने के लिए 2022 से काम कर रही है. हफ्ते भर चली बातचीत में प्लास्टिक उत्पादन और हानिकारक रसायनों पर अंकुश लगाने की मांग करने वाले और केवल प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने वाले देशों के बीच गहरे मतभेद उजागर हुए.
Delhi में पर्यावरण नियमों के खुले में धज्जियां उड़ रही हैं. दिल्ली के तालाब और जोहड़ कचरा डंप बन रहे हैं. इस बात खुलासा दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) की रिपोर्ट में हुआ है. जिसे लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) बेहद सख्त है. आइए जानते हैं क्या है मामला?
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पहाड़ों के लिए आफत बन रहे प्लास्टिक कचरे को जोशीमठ नगरपालिका ने आय का साधन बना लिया है. नगरपालिका प्रशासन ने चारधाम यात्रा मार्ग से इन दिनों 3 टन से अधिक प्लास्टिक कचरे को इकट्ठा किया है.
दुनिया का सबसे खतरनाक पदार्थ अब इंसानों के टेस्टिकल्स तक पहुंच गया है. ये बेहद सूक्ष्म प्लास्टिक है. स्टडी में पता चला है कि कुत्तों की तुलना में इंसानों में तीन गुना ज्यादा प्लास्टिक है. आइए जानते हैं इसकी वजह से कितना और कैसा नुकसान हो रहा है या हो सकता है...
Ghazipur के कचरे की आग अभी बुझी नहीं, दिल्ली-NCR का दूसरा कचरे का पहाड़ सुलगने लगा. ये कचरे के पहाड़ आपके शहर और सांसों में जहर घोलने को तैयार हैं. इनके अंदर गैस के चैंबर बन रहे हैं. इनकी वजह से आपके शहर की गर्मी बढ़ रही है. क्योंकि इनसे निकलने वाली जहरीली गैसें गर्मी रोकती हैं. आग के लिए ईंधन का काम करती हैं.
कचरा डंप बढ़ा रहा है आपके शहर का तापमान. एक नई स्टडी में यह खुलासा हुआ है. कचरा डंप से निकलने वाली मीथेन गैस सूरज से आने वाली गर्मी को वायुमंडल में रोकती है. इससे ग्लोबल वॉर्मिंग बढ़ रही है. स्थानीय स्तर पर तापमान बढ़ जाता है.
फूड इंडस्ट्री में प्लास्टिक का कितना इस्तेमाल होता है ये सभी जानते हैं और सब ये भी जानते हैं कि प्लास्टिक पर्यावरण से लेकर इंसानों के लिए कितनी हानिकारक है. लेकिन पंजाब यूनिवर्सिटी ने अब इसका एक बायोडिग्रेडेबल विकल्प खोजा है. आजतक के साथ देखें ये खास रिपोर्ट.
पानी नहीं हम लगातार जहर पी रहे हैं. एक नई स्टडी में डराने वाला खुलासा हुआ है. एक लीटर बोतलबंद पानी में 2.4 लाख प्लास्टिक के टुकड़े मिले हैं. जिसका 90 फीसदी हिस्सा नैनोप्लास्टिक हैं. पानी को साफ करने के लिए इस्तेमाल तकनीक और बोतल से ही मिल रहा है पानी में प्लास्टिक.
सालभर पहले एक स्टडी में खून में प्लास्टिक होने की बात पता लगी थी. वैज्ञानिकों ने जांच के दौरान पाया कि ये छोटे-छोटे पार्टिकल्स 80 फीसदी लोगों में थे. अब इस माइक्रोप्लास्टिक की पहुंच हार्ट तक हो चुकी. हमारे दिल में एक नहीं, बल्कि 9 किस्म के माइक्रोप्लास्टिक मिल रहे हैं.
चिकन के भ्रूण में प्लास्टिक मिला है. सवाल ये है कि क्या आप अब मुर्गा खा पाएंगे? क्या ये प्लास्टिक आपके शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाएगा? हाल ही में हुई एक स्टडी में यह डराने वाला खुलासा हुआ है कि मुर्गे के भ्रूण में अब नैनोप्लास्टिक मिल रहे हैं. जिसका लोगों की सेहत पर बुरा असर होगा.
अब प्लास्टिक के पत्थर भी बनने लगे हैं. हाल ही में ब्राजील (Brazil) के त्रिनडेड द्वीप (Trindade Island) पर वैज्ञानिकों को प्लास्टिक के कई पत्थर मिले हैं. ये पत्थर प्रकृति और पर्यावरण के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं. आप भी देखिए कैसे दिखते हैं प्लास्टिक से बने पत्थर...
केरल के कोच्चि में 2 मार्च को एक कचरा प्लांट में आग लगी थी. आग से जहरीला धुआं उठ रहा है. इससे कोच्चि के लोगों का दम घुटने लगा है. सांस लेने में तकलीफ हो रही है. आग को बुझाने में अग्निशमन दल के 30 टैंकर, नौसेना के हेलिकॉप्टर्स और जवान लगे हुए हैं. ब्रह्मपुरम वेस्ट प्लांट में रोजाना 390 टन कचरा डंप किया जा रहा है. इसमें सिर्फ 64 प्रतिशत कचरा ही बायोडिग्रेडेबल है.
सात दिन हो चुके हैं कोच्चि के कचरा प्लांट में आग लगे हुए. एक हफ्ते में जहरीले धुएं ने पूरे शहर को घेर लिया है. अब तो लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है. केरल के हाईकोर्ट ने भी सरकार को फटकार लगाई है. शहर को गैस चेंबर तक बोल दिया है. आइए जानते हैं कि देश का ये शहर धुआं-धुआं क्यों है?
शरीर में जाने वाले प्लास्टिक से होने वाली बीमारी का पहली बार पता चला है. इसका नाम प्लास्टिकोसिस रखा गया है. इससे ज्यादातर समुद्री पक्षी परेशान हो रहे हैं. समुद्र में शिकार करने के दौरान शरीर में प्लास्टिक चला जाता है, जिसके बाद धीरे-धीरे उनकी मौत हो जाती है. जानिए इस बीमारी के बारे में वैज्ञानिकों ने क्या पता लगाया है.
हाल ही आई एक रिसर्च में एक खुलासा हुआ है जिसमें पता चला है कि इंसानों के शरीर में काफी मात्रा में प्लास्टिक पहुंच गया है, जिसे एक बड़ा खतरा बताया जा रहा है. बंधन बैंक में एफडी की ब्याज 8.5% कर दी है. देखें आजतक मोबाइल बुलेटिन में देखें आपके काम की खबरें.
प्लास्टिक अब सिर्फ खिलौनों, बर्तन या किसी प्रोडक्ट तक सीमित नहीं रहा, बल्कि हमारी नसों में घुलने लगा है. अमेरिकी वैज्ञानिकों ने इंसानों नसों में माइक्रोप्लास्टिक की मौजूदगी का पता लगाया है. इसमें हर ग्राम ऊतक में माइक्रोप्लास्टिक के लगभग 15 कण मिले. माना जा रहा है कि इसी तरह से हर हफ्ते हम लगभग एक क्रेडिट कार्ड जितना प्लास्टिक खा जाते हैं.
केमिस्ट्री का नोबेल पुरस्कार जिस तकनीक को मिला है. वह कैंसर का इलाज कर सकती है. डीएनए में बदलाव कर सकती है. प्लास्टिक कचरे से निजात दिला सकती है. आपके घर को सुरक्षित बना सकती है. शॉर्ट सर्किट से लगने वाली आग से बचा सकती है. यानी आपके जीवन की हर समस्या का समधान कर सकती है.
इंसान की फितरत है गंदगी फैलाना. धरती पर तो गंद मचाकर रखी ही है. पिछले 50 सालों में मंगल ग्रह पर इतना कचरा छोड़ आए जितना आप 7-8 साल में अपने घरों से निकालते हैं. यहां तो कचरा साफ हो जाता है लेकिन मंगल ग्रह पर कौन सफाई अभियान चलाएगा? कौन करेगा वहां के कचरों को साफ?
अंतरिक्ष से कचरे का एक बड़ा टुकड़ा ऑस्ट्रेलिया के एक खेत में गिरा. दावा किया जा रहा है कि यह टुकड़ा Elon Musk की स्पेसएक्स कंपनी के किसी रॉकेट या यान का कोई हिस्सा हो सकता है. यह टुकड़ा 10 फीट लंबा त्रिकोण आकार का है.
कोका कोला (Coca Cola) का कहना है कि स्प्राइट की बोतल हरे रंग से सफेद या ट्रांसपेरेंट प्लास्टिक में बदली जा रही है. इससे प्लास्टिक मैटेरियल को दोबारा बोतल बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता. साल 1961 में पहली बार कोका कोला ने लेमन लाइम सॉफ्ट ड्रिंक के रूप में Sprite को लॉन्च किया था.