भारतीय पुलिस अधिनियम
भारतीय पुलिस अधिनियम (Indian Police Act) को 1861 में लागू किया गया था. अधिनियम की धारा 23 के अनुसार, सक्षम अधिकारी द्वारा जारी किए गए सभी आदेशों और वारंटों को कानूनी रूप से पालन और निष्पादित करना हर पुलिस-अधिकारी का कर्तव्य है. सार्वजनिक शांति को प्रभावित करने वाली खुफिया जानकारी हासिल करना, अपराधों को रोकना और अपराधियों को पकड़ के कानून के समक्ष लाना पुलिस की ड्यूटी है (Duties of Police).
इंडियन पुलिस एक्ट में कई तरह की खामियां भी मौजूद हैं. यह बिना वारंट के किसी शराब की दुकान या अव्यवस्थित जगहों पर प्रवेश करना और निरीक्षण करना वैध बनाता है. पुलिस को सिर्फ अपराध के आधार पर किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने की शक्ति देता है. 2009 में एक ह्यूमन राइट्स वॉच और पीपुल्स वॉच रिपोर्ट ने दावा किया था कि देश भर में लगभग 18 लाख लोगों को पुलिस हिरासत में प्रताड़ित किया जा रहा है (Flaws in Indian Police Act).
1861 का भारतीय पुलिस अधिनियम 1857 के विद्रोह के ठीक बाद देश में पुलिस का कुशल प्रशासन लाने और भविष्य के किसी भी विद्रोह को रोकने के लिए अंग्रेजों द्वारा बनाया गया था. भारत के ब्रिटिश उपनिवेश से एक संप्रभु गणराज्य में बदलने के बावजूद यह अधिनियम जारी है. हालांकि 1981 में एक आदर्श पुलिस अधिनियम का मसौदा तैयार किया गया था, लेकिन इसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका (Indian Police Act History).
पुलिस पर राज्य के अधिकांश कानून भारतीय पुलिस अधिनियम पर ही आधारित हैं. यह अधिनियम पुलिस को अपराध और आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने, नियंत्रित करने और उनका पता लगाने में एक अधिक कुशल बनाने के लिए बनाया गया था. पुलिस अधिनियम हर राज्य सरकार को अपना पुलिस बल स्थापित करने की शक्ति देता है (Power of Indian Police Act).
रीवा के एक प्राइवेट स्कूल में एलकेजी के स्टूडेंट ने क्लासरूम में शौच कर दिया था जिसके बाद टीचर गुस्से में आकर बच्चे को डांट लगाई और घसीटते हुए बाथरुम तक ले गई और उससे पैंट भी साफ करवाई.
यह वारदात कोट्टायम के गांधीनगर पुलिस थाना क्षेत्र की है. जहां एक नर्सिंग कॉलेज में रैगिंग का दहला देने वाले मामला सामने आया. कुछ सीनियर छात्रों ने वहां पहले अपने जूनियर्स के कपड़े उतार दिए. फिर उनके प्राइवेट पार्ट पर एक्सरसाइज के लिए इस्तेमाल होने वाले वजनदार डंबल लटका दिए.
उत्तर प्रदेश के बहराइच में पुलिस की गोली से 2 आरोपियों के घायल होने के बाद एनकाउंटर के नियमों की चर्चा हो रही है. अब एक बार फिर चर्चा हो रही है कि आखिर कब पुलिसकर्मी गोली चला सकते हैं और गोली चलाने के लिए क्या नियम है? क्या गोली चलाने के पहले सीनियर की परमिशन लेनी पड़ती है? इस वीडियो में जानें नियम.
मध्य प्रदेश के शिवपुरी में बदमाशों ने पुलिसकर्मी को दौड़ाकर पीटा है. पीड़ित पुलिकर्मी का नाम विकास शर्मा है, और एएसआई के पद पर तैनात हैं. पुरनखेड़ी टोलप्लाजा पर एएसआई विकास शर्मा उन गाड़ियों की चेकिंग कर रहे थे जो मंडी से माल लेकर शहर से बाहर जा रही थी. देखें वीडियो.
राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पुलिस महानिदेशक (DGP) रविप्रकाश मेहरड़ा ने वारदात के विषय में जानकारी देते हुए पीटीआई को बताया कि आरोपी कांस्टेबल मुहाना थाने में तैनात है. जिसकी शिनाख्त कांस्टेबल वीपी सिंह के तौर पर की गई.
अभी कुछ वक्त पहले शेर सिंह घावरी नाम के कसाई ने भी पिछोर कस्बे में मीट शॉप खोली थी. जिसके चलते विजय और अजय का शेर सिंह घावरी के साथ विवाद हो गया था. लेकिन ये विवाद इतनी बड़ी वारदात में तब्दील हो जाएगा, ये किसी ने सोचा नहीं था.
पुलिस अधीक्षक नंदकुमार ठाकुर ने बताया कि अभ्यर्थियों के बैग की अनिवार्य जांच के दौरान, हमें एक संदिग्ध बोतल मिली जिसमें सिरिंज थी. इसके बाद उस उम्मीदवार के रक्त के नमूने लिए गए हैं. और अब खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) के अधिकारी इस मामले की जांच करेंगे.
लैला का पूरा परिवार इगतपुरी में अपने फार्म हाउस पर पहुंच चुका था. उसी बीच लैला खान की मां सेलिना ने अपनी बहन अल्बाना पटेल से बात की और उन्हें बताया कि वो अपने तीसरे पति परवेज इकबाल टाक के साथ हैं. यहां तक तो सब ठीक था, लेकिन इस बातचीत के बाद फिर दोबारा अल्बाना की सेलिना की कोई बात नहीं हो सकी.
3 नवंबर 2023 से पहले एल्विश यादव की जिंदगी में सबकुछ ठीक चल रहा था. वो अपने नेम और फेम का मजा ले रहा था. लेकिन नोएडा पुलिस ने 2 नवंबर 2023 को नोएडा के सेक्टर 51 के सेवरोन बैंक्वेट हॉल से 5 लोगों को गिरफ्तार किया था. तभी ड्रग्स के मामले में आया था एल्विश का नाम.
कमलाकर जामसंदेकर हत्याकांड का दोषी नरेंद्र लालमणि गिरि नवी मुंबई के घनसोली इलाके में पकड़ा गया. उसे मुंबई अपराध शाखा की यूनिट III ने बुधवार को गिरफ्तार किया.
STF और करीमगंज जिला पुलिस के संयुक्त अभियान के दौरान मादक पदार्थ का ये जखीरा बरामद किया गया. पुलिस ने बताया कि उन्हें मिजोरम से ड्रग्स की आवाजाही के बारे में एक इनपुट मिला था. उसी खबर के आधार पर एक ज्वाइंट ऑपरेशन शुरू किया गया.
इन दिनों दिव्या पाहुजा गुरुग्राम के होटेलियर अभिजीत सिंह के साथ रिलेशनशिप में थी. इल्जाम है कि दिव्या उससे रुपये वसूला करती थी और हाल के दिनों में उसकी मांग कुछ ज्यादा ही बढ़ गई थी. जिसके चलते अभिजीत परेशान रहता था.
NCRB Report: देश के 19 महानगरों में अपराध के आंकड़ों पर नजर डालें, तो एक चौकाने वाली बात भी सामने आई हैं. हत्या के मामलों की तीसरी सबसे बड़ी वजह लव अफेयर यानी प्रेम प्रसंग बताया गया है.
बिहार के रोहतास से बड़ी खबर सामने आई है. जहां शराब बिक्री की सूचना पर पहुंची पुलिस टीम पर कुछ असामाजित तत्वों ने पथराव कर दिया. इतना ही नहीं मौके पर पहुंची पीसीआर वैन को रोककर उसमें से खींचकर पुलिसकर्मियों को बाहर निकाला और उन्हें पीटा गया. मारपीट का वीडियो भी सामने आया है.
नोएडा में रेव पार्टी आयोजित करने और उसमें सांपों का जहर नशे के रूप में इस्तेमाल करने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. यूट्यूबर और बिग बॉस ओटीटी 2 विनर एल्विश यादव का नाम इसमें सामने आ रहा है. सांप के जहर से नशे को लेकर रिस्क और तमाम सवालों पर आजतक ने बात की स्नेक वैनम एक्सपर्ट से.
पुलिस कांस्टेबल किशोर डी अपनी ससुराल जा रहा था. लेकिन उसके दिमाग में क्या चल रहा था, ये कोई नहीं जानता था. वो कुछ घंटों का सफर करने के बाद अपने पत्नी के घर पहुंच चुका था. पत्नी के घरवालों ने किशोर का खूब आदर सत्कार किया था.
दिल्ली में स्विट्जरलैंड की महिला लीना बर्जर की हत्या मामले में आरोपी गुरप्रीत सिंह ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. कई विदेशी महिलाओं की तस्वीरें आरोपी गुरप्रीत के फोन से मिली हैं. इसी के साथ उसके घर से 3 -4 हथियार, 50 कारतूस, 12 से ज्यादा सिम, 4-5 मोबाइल फोन भी बरामद हुए हैं. पुलिस अब ह्यूमन ट्रैफिकिंग के एंगल से भी इस केस की जांच कर रही है.
हैरान कर देने वाला ये मामला है हिमाचल प्रदेश का. जहां एक हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी जालसाजों के जाल में फंसकर नकली क्रिप्टोकरेंसी गैंग का शिकार हो गए. इस महाठगी का खुलासा होने पर सूबे के पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया. इस महाठगी के जांच के लिए एसआईटी (SIT) का गठन किया गया है.
वो कभी सूबे के एडीजी के साथ टेनिस खेलती थी, तो कभी पूर्व डीजीपी की बेटी की शादी में गेस्ट बन कर जाती थी. और कभी किसी कोचिंग सेंटर में जाकर पुलिस की परीक्षा कैसे क्रैक की जाए, इस पर नए-नए स्टूडेंट्स को ज्ञान की घुट्टी पिलाती थी. लेकिन उसका सच कुछ और ही था.
दिल्ली पुलिस के इतिहास में कई ऐसे मामले दर्ज हैं, जिनकी एफआईआर भी काफी रोचक हैं. जिनमें से कुछ मामलों का संकलन सहायक पुलिस आयुक्त राजेंद्र सिंह कलकल ने किया है. आइए आपको बताते हैं, कुछ ऐसे ही दिलचस्प मामले.