पब्लिक प्रोविडेंट फंड
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) भारत में एक बचत-सह-कर-बचत साधन है, जिसे 1968 में वित्त मंत्रालय के राष्ट्रीय बचत संस्थान द्वारा पेश किया गया था. इस योजना का मुख्य उद्देश्य आयकर लाभों के साथ संयुक्त रूप से उचित रिटर्न के साथ निवेश की पेशकश करके छोटी बचत को जुटाना है (Objective of PPF Scheme). यह योजना पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा गारंटीकृत है (PPF Scheme Guaranteed by Central Government). पीपीएफ खाते में बची शेष राशि की सरकारी बचत बैंक अधिनियम, 1873 के तहत अदालत के किसी आदेश या डिक्री के तहत कुर्की नहीं की जा सकती है. हालांकि, आयकर और अन्य सरकारी प्राधिकरण कर की वसूली के लिए खाते को अटैच कर सकते हैं. पीपीएफ खाते का बैलेंस पूरी तरह से संपत्ति कर से मुक्त है (PPF Features).
12 दिसंबर 2019 को सरकार ने सार्वजनिक भविष्य निधि योजना, 2019 की शुरुआत की. सरकार ने पूर्व सार्वजनिक भविष्य निधि योजना, 1968 को रद्द करने के बाद नई योजना का आगाज किया (New PPF Scheme Launched).
भारत के तमाम निवासी सार्वजनिक भविष्य निधि के तहत अपना खाता खोलने और कर-मुक्त रिटर्न के हकदार हैं (PPF Eligibility).
पीपीएफ खाता खोलने और बनाए रखने के लिए न्यूनतम वार्षिक जमा राशि ₹500 आवश्यक है. एक पीपीएफ खाताधारक हर वित्तीय वर्ष में अपने पीपीएफ खाते में अधिकतम ₹1.5 लाख जमा कर सकता है. एक वित्तीय वर्ष में ₹1.5 लाख से अधिक जमा की गई किसी भी राशि पर कोई ब्याज नहीं मिलता है. राशि एकमुश्त या प्रति वर्ष किश्तों में जमा की जा सकती है. नाबालिग बच्चों के नाम से खोले गए पीपीएफ खातों के लिए एक अभिभावक होना अनिवार्य है. नाबालिग बच्चों के ऐसे पीपीएफ खातों में माता-पिता अभिभावक के रूप में कार्य कर सकते हैं (PPF Investment and Return).
वित्त मंत्रालय, भारत सरकार हर तिमाही में पीपीएफ खाते के लिए ब्याज दर की घोषणा करती है. ब्याज सालाना चक्रवृद्धि होता है और हर साल मार्च में भुगतान किया जाता है. ब्याज की गणना पांचवें दिन की समाप्ति और हर महीने के अंतिम दिन के बीच न्यूनतम शेष राशि पर की जाती है (PPF Interest Rate).
PPF योजना इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये टैक्स डिडक्शन (Tax Deduction) की सुविधा प्रोवाइड कराता है. इसकी मैच्योरिटी पीरियड 15 साल के लिए होती है, लेकिन आप चाहें तो दो बार इसे 5-5 साल करके बढ़ा सकते हैं. यानी कुल 25 सालों तक इसमें आप निवेश कर सकते हैं.
सरकार की ओर से बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं. इनमें शामिल Sukanya Samriddhi Yojna बेहद पॉपुलर है. इसके अलावा बच्चों के नाम पर पीपीएफ में भी निवेश शुरू किया जा सकता है.
PPF Investment: पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ में निवेश का सबसे बड़ा फायदा शानदार रिटर्न ही नहीं, बल्कि ये है कि इसमें लगाए गए आपके पैसा की सुरक्षा की गारंटी खुद सरकार लेती है. इस स्कीम का मैच्योरिटी पीरियड 15 साल है.
PPF Investment: पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ में निवेश का सबसे बड़ा फायदा शानदार रिटर्न ही नहीं, बल्कि ये है कि इसमें लगाए गए आपके पैसा की सुरक्षा की गारंटी खुद सरकार लेती है. इस स्कीम का मैच्योरिटी पीरियड 15 साल है.
Rule Change From Tomorrow : कल नए महीने की शुरुआत के साथ ही देश में कई बड़े बदलाव होने जा रहे हैं, जो आपके घर की रसोई से लेकर आपके पीपीएफ अकाउंट तक को प्रभावित करेंगे.
पीपीएफ के तहत 3 प्रमुख बदलाव होने वाले हैं. अगर आपका भी पब्लिक प्रोविडेंड फंड (PPF) के तहत अकाउंट है तो आइए जानते हैं किन-किन नियमों में बदलाव हो रहा है और इस बदलाव का आपपर कितना असर होने वाला है?
Rule Change From 1st October 2024 : देश में हर महीने की पहली तारीख को कई बदलाव देखने को मिलते हैं और तीन दिन बाद 1 अक्टूबर को भी कई रूल चेंज होने जा रहे हैं, जो घर की रसोई से लेकर आपकी सेविंग तक पर असर डालने वाले हैं.
NPS वात्सल्य योजना के तहत कोई भी भारतीय अभिभावक अपने बच्चे के नाम पर कम से कम 1000 रुपये से निवेश शुरू कर सकता है. अधिकतम रकम की कोई लिमिट नहीं है. जब 18 साल का बच्चा हो जाएगा तो आप इसमें जमा पैसा निकाल सकते हैं.
नाबालिग पीपीएफ अकाउंट को लेकर कहा गया है कि इन अनियमित अकाउंट पर डाकघर बचत खातों (POSA) जैसा ब्याज मिलेगा, लेकिन जब नाबालिग की आयु 18 साल हो जाती है तो यह अकाउंट नियमित के लिए पात्र हो जाएगा, यानी तब PPF पर लागू ब्याज दर के हिसाब से ब्याज दिया जाएगा.
21 अगस्त 2024 को केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत आर्थिक मामलों के विभाग ने नए नियमों के बारे में गाइडलाइन जारी की है, जिसके तहत PPF के तीन नए नियमों को लागू किया जाएगा.
PPF Crorepati Formula : आप हर रोज महज छोटी-छोटी सी बचत करते हुए अपने भविष्य के लिए मोटा फंड जमा कर सकते हैं. इस मामले में सरकार की पीपीएफ स्कीम खासी लोकप्रिय है और ये आपके करोड़पति बनने का सपना भी पूरा कर सकती है.
सेविंग्स के लिए लोग कई तरह की बचत योजनाओं में अपने पैसे इन्वेस्ट करते हैं. खासतौर पर लोग EPF, PPF और NPS में काफी निवेश करते हैं.
PPF Account Benefits : सरकार द्वारा संचालित पीपीएफ स्कीम नौकरीपेशा लोगों के बीच खासी लोकप्रिय है और इसमें निवेश पर जोरदार ब्याज के साथ ही कई तरह के एक्स्ट्रा बेनेफिट्स भी मिलते हैं.
PPF Scheme सुरक्षित निवेश और तगड़े रिटर्न को लेकर खासा लोकप्रिय है. सरकार की ओर से इस स्कीम में इन्वेस्टमेंट करने पर 7.1 फीसदी का जोरदार ब्याज ऑफर किया जा रहा है. इसमें 15 साल के लिए निवेश करना होता है.
Useful Investment Tips: पीपीएफ (PPF) में निवेश का कैलकुलेशन महीने की 5 तारीख के हिसाब से किया जाता है और अगर निवेशक इस स्कीम में इस तारीख तक निवेश कर देता है, तो उसे पूरे महीने का ब्याज मिल जाता है.
देश में लोग PPF में आंखें मूंदकर पैसे लगाते हैं. इसमें इनवेस्टमेंट पर एक पैसा भी डूबता नहीं है, क्योंकि केंद्र सरकार इस योजना की गारंटी लेती है. आइए एक-एक कर जानते हैं PPF योजना की खूबियां... वीडियो में जानें स्कीम में जुड़े सभी सवालों के जवाब.
लोगों के लिए निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं, लेकिन अगर आप टैक्स फ्री, जोखिम मुक्त और ज्यादा रिटर्न के लिए किसी योजना की तलाश कर रहे हैं तो पब्लिक प्रोविडेंड फंड एक बेहतर स्कीम हो सकता है.
केंद्र सरकार की ओर से कई सरकारी योजनाएं (Government Scheme) चलाई जाती हैं, जिसमें से कई स्कीम टैक्स की छूट पेश करती है. यहां तीन ऐसी ही योजना के बारे में जानकारी दी गई है. इसमें लाखों रुपये का टैक्स बचा सकते हैं.
केंद्र सरकार ने छोटी बचत योजना के तहत निवेशकों को लाभ देने वाली पीपीएफ, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम और अन्य योजनाओं के नियम में बदलाव किया गया है. निवेश करने से पहले भी आपको इन नियमों को जान लेना चाहिए.
स्माल सेविंग स्कीम लोगों को सेफ निवेश और गारंटी रिटर्न देती हैं. इन योजनाओं में कम से कम 250 रुपये से भी निवेश किया जा सकता है. यहां छोटी बचत योजनाओं के छह फायदों के बारे में जानकारी दी गई है, जो आपके फ्यूचर की टेंशन को दूर कर सकती हैं.
Best Post Office Saving Scheme : पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में पांच साल के लिए निवेश करना होता है. इसी साल बीते 1 अप्रैल 2023 को सरकार द्वारा पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट स्कीम में मिलने वाले ब्याज की दर को 7 फीसदी से बढ़ाकर 7.5 फीसदी कर दिया गया था.