प्रकाश झा
प्रकाश झा (Prakash Jha) एक भारतीय फिल्म निर्माता और निर्देशक हैं. ये ज्यादातर राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर फिल्में बनाते हैं. वह एक प्रोडक्शन कंपनी, प्रकाश झा प्रोडक्शंस चलाते हैं. साथ ही, वह पटना में पी एंड एम मॉल और जमशेदपुर में पी एंड एम हाई-टेक मॉल के भी मालिक हैं (Prakash Jha, Owner of Malls).
प्रकाश झा की पहली फिल्म 1984 में हिप हिप हुर्रे के निर्देशक के रूप में अपनी शुरुआत की, जिसे गुलजार ने लिखा और राज किरण और दीप्ति नवल ने मुख्य भूमिका निभाई थी (Prakash Jha First Movie). प्रकाश झा द्वारा निर्मित दामुल (1984), मृत्युदंड (1997), गंगाजल (2003), अपहरण (2005) के लिए जाना जाता है। राजनीती (2010), आरक्षण (2011) चक्रव्यूह (2012), और सत्याग्रह (2013), डर्टी पॉलिटिक्स (2015) जैसी मल्टी-स्टारर फिल्में शामिल हैं. वह फेस आफ्टर द स्टॉर्म (1984) और सोनल (2002) जैसी राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता वृत्तचित्रों के निर्माता भी हैं (Prakash Jha Films).
प्रकाश झा का जन्म 27 फरवरी 1952 को पालन-पोषण बेतिया, बिहार (Bettiah, Bihar) में हुआ था. उनके पिता का नाम श्री तेज नाथ झा है (Prakash Jha Father). उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल तिलैया और केन्द्रीय विद्यालय नंबर 1, बोकारो स्टील सिटी, झारखंड से की. बाद में, उन्होंने भौतिकी में बीएससी (ऑनर्स) करने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में दाखिला लिया, हालांकि उन्होंने एक साल बाद अपनी पढ़ाई छोड़ दी और मुंबई चले गए. वहां उन्होंने एक चित्रकार बनने का फैसला किया और स्कूल ऑफ आर्ट्स से जुड़ गए. बाद में उन्होंने केसी कॉलेज, मुंबई से स्नातक किया (Prakash Jha Education).
प्रकाश ने अभिनेत्री दीप्ति नवल (Deepti Naval) से शादी की थी (Prakash Jha Wife), जिनसे उनकी एक दत्तक बेटी दिशा झा है (Prakash Jha Adopted Daughter).
प्रकाश झा अनुभूति के अध्यक्ष हैं, जो एक पंजीकृत सोसायटी है. 1991 से बिहार में सांस्कृतिक विकास, स्वास्थ्य देखभाल में सुधार, आपदा प्रबंधन और किसानों और सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के उत्थान के लिए काम कर रही है (Prakash Jha Chairman of Anubhooti).
बॉबी देओल स्टारर वेब सीरीज 'आश्रम' के तीसरे सीजन का दूसरा पार्ट रिलीज हो चुका है. एक बार फिर बॉबी बाबा निराला के किरदार में अपने भक्तों को दर्शन देने आए हैं. लेकिन पम्मी पहलवान बाबा का सच दुनिया के सामने लाकर खुद को बेकसूर साबित करना चाहती है. और इस बदले की आग में वो पूरे आश्रम को जलाना चाहती है. अब प्रकाश झा के डायरेक्शन में बनी ये सीरीज आखिर कैसी है? पढ़ें ये रिव्यू
प्रकाश झा ने बताया कि वो एक्ट्रेस अदिति पोहानकर की कास्टिंग से सहमत नहीं थे क्योंकि वो अपने किरदार 'पम्मी' के लिए काफी पतली थीं. उनका किरदार 'पम्मी' एक कुश्ती लड़ने वाली लड़की का था.
एक सुपरस्टार किड होने के बावजूद बॉबी देओल का करियर कई अप्स ऐंड डाउन से भरा रहा है. उनके प्रफेशनल लाइफ में एक ऐसा भी वक्त था, जब उन्हें काम नहीं मिल पा रहा था. बॉबी के करियर ग्राफ पर एक खास रिपोर्ट.
प्रकाश झा आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. पर एक वक्त था जब वो मुश्किल में जिंदगी बिता रहे थे. प्रकाश झा फिल्ममेकर बनने से पहले पेंटर बनने का सपना देखते थे. अपने इसी सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी में चल रही बैचलर की पढ़ाई छोड़ दी थी.
प्रकाश झा ने इंडस्ट्री के टॉप एंड लीजेंडरी एक्टर्स पर निशाना साधा है. प्रकाश झा ने बॉलीवुड के टॉप स्टार्स पर तंज कसते हुए कहा कि इनकी कंडीशन देखिए. ये लोग मेरी फिल्मों में क्यों काम करेंगे, जब उन्हें 50 करोड़ रुपये गुटखा का एडवर्टाइजमेंट करने के मिल जाते हैं. ये एक्टर्स गुटखा बेच रहे हैं.
Matto Ki Saikil: एम गनी के डायरेक्शन में बनी फिल्म मट्टो की साइकिल में प्रकाश झा ने खुद को झौंक दिया है और एक आग में तपे लोहे की तरह मजबूत एक्टर के रूप में निखरते नजर आते हैं. आखिरी के सीन्स पर उनकी बेबसी और लाचारी देखकर इतने कन्विंस हो जाते हैं कि वो गम अपना सा लगने लगता है.
इन दिनों प्रकाश झा 'मट्टो की साइकिल' के प्रमोशन में बिजी हैं. इसी बीच उनसे बॉक्स ऑफिस पर लाल सिंह चड्ढा ना चलने की वजह पूछी गई. वो कहते हैं, अगर कोई फिल्म अच्छी होगी, तो वो चलेगी. ये इंडस्ट्री के लिये एक वेकअप कॉल है. प्रकाश झा का कहना कि मेकर्स को कहानी पर काम करना होगा.
'मृत्युदंड' 'गंगाजल' 'राजनीति' जैसी बेहतरीन फिल्में बना चुके डायरेक्टर प्रकाश झा की नई फिल्म 'मट्टो की साइकिल' का ट्रेलर आ गया है. प्रकाश इस बार फिल्म के डायरेक्टर नहीं, लीडिंग एक्टर हैं. कहानी में एक मजदूर के रोल में नजर आ रहे प्रकाश का बेहतरीन काम यकीनन आपके इमोशंस को एकदम सही जगह पर हिट करता है.