पृथ्वी मिसाइल
पृथ्वी (Prithvi Missile) एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP) के तहत भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित एक सामरिक सतह से सतह पर कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (SRBM) है. इसे भारत के सामरिक बल कमान द्वारा तैनात किया जाता है.
भारत सरकार ने व्यापक रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलों के विकास और उत्पादन के लिए 1983 में एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम शुरू किया था ( Integrated Guided Missile Development Program). पृथ्वी इस कार्यक्रम के तहत विकसित होने वाली पहली मिसाइल थी. DRDO ने प्रोजेक्ट डेविल के तहत इसका निर्माण किया. इसके वेरिएंट या तो तरल या तरल और ठोस ईंधन दोनों का उपयोग करते हैं. एक युद्धक्षेत्र मिसाइल के रूप में विकसित, यह एक सामरिक परमाणु हथियार है जो परमाणु आयुध ले जा सकता है.
पृथ्वी मिसाइल परियोजना में भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना द्वारा उपयोग के लिए तीन अलग-अलग किस्में विकसित करने की योजना थी (Three Variants for Use by the Indian Army, Indian Air Force and Indian Navy).
पृथ्वी I एक सिंगल-स्टेज तरल-ईंधन वाली सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 150 किमी है (Prithvi I Range). इसकी 1,000 किलोग्राम की अधिकतम वारहेड माउंटिंग क्षमता है. इसकी सटीकता 10-50 मीटर है और इसे ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर से लॉन्च किया जा सकता है. पृथ्वी मिसाइल के इस वर्ग को 1994 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था (Prithvi I Missile Detalis).
पृथ्वी II भी एक सिंगल-स्टेज वाली तरल-ईंधन वाली मिसाइल है जिसकी अधिकतम 500 किलोग्राम की आयुध क्षमता है. इसे भारतीय वायु सेना के उपयोग के लिए विकसित किया गया था. इसकी मारक क्षमता 350 किमी और पेलोड क्षमता 500-1000 किलोग्राम के बीच है (Prithvi II Range). इस मिसाइल को 2003 में सशस्त्र बलों में शामिल किया गया था (Prithvi II Missile Detalis).
पृथ्वी III दो चरणों वाली सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है. यह मिसाइल 350 किमी की दूरी तक 1,000 किलोग्राम का वारहेड और 600 किमी की दूरी तक 500 किलोग्राम का वारहेड और 750 किमी की दूरी तक 250 किलोग्राम का वारहेड ले जा सकती है (Prithvi III Range). पृथ्वी III का पहली बार 2000 में आईएनएस सुभद्रा से परीक्षण किया गया था (Prithvi III Missile Detalis).
भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रूस के दौरे पर जाने वाले हैं. उससे पहले रूस के मीडिया संस्थान ने भारत की पांच परमाणु मिसाइलों की तारीफ की है. अपनी तरफ से एक वीडियो X पर डाला है. जिसमें इन मिसाइलों की उड़ान को दिखाया गया है. आप भी देखिए यह वीडियो और जानिए भारतीय परमाणु पंच के बारे में...
22 अगस्त 2024 की देर शाम करीब पौने आठ बजे Prithvi-2 परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल का नाइट यूजर ट्रायल किया गया. मकसद था रात में हमला करने की क्षमता और सटीकता की जांच करना. यह मिसाइल हर मानक पर खरी उतरी. जानिए भारत की इस घातक मिसाइल की ताकत...
चीन में हुए एक डिफेंस प्रदर्शनी में भारत की पृथ्वी मिसाइल को सिमुलेटेड टारगेट दिखाया गया है. यानी चीन या तो इस मिसाइल का काउंटर तैयार कर रहा है. या फिर चीनी कंपनियों के जरिए इस मिसाइल से संबंधित जानकारी जमा कर रहा है. ऐसे में भारत की मिसाइल टेक्नोलॉजी को खतरा पैदा हो सकता है.
Pakistan Atom Bombs Range, Effects: बालाकोट स्ट्राइक के बाद भारत पर पाकिस्तान परमाणु हमला करने की तैयारी में था. यह बात अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने अपनी नई किताब में कही है. लेकिन क्या पाकिस्तान के एटम बम में इतना दम है? उसके परमाणु हथियार भारत के लिए कितना बड़ा खतरा हैं? आइए जानते हैं...
10 जनवरी 2023 की रात ओडिशा के चांदीपुर से भारत ने कम दूरी की परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल Prithvi-2 का सफल परीक्षण किया. मकसद था रात में हमला करने की क्षमता और सटीकता की जांच करना. पृथ्वी-2 मिसाइल हर मानकों पर खरी उतरी. आइए जानते हैं भारत की इस घातक मिसाइल की ताकत...
Who is More Powerful: पाकिस्तान के पास भारत से ज्यादा परमाणु हथियार हैं, लेकिन भारत उससे ज्यादा शक्तिशाली है. हथियार होना जरूरी है लेकिन उससे ज्यादा जरूरी है उसे दागने की क्षमता, जिसमें भारत ज्यादा बेहतर है.
भारत के पास पांच ऐसे हथियार हैं, जो या तो सेना में शामिल हो चुके हैं. या फिर जल्द होने वाले हैं. इनकी ताकत, सटीकता और घातक हमला किसी भी युद्ध को टाल सकता है. या फिर दुश्मन को इतना डरा सकता है कि वो दोबारा नजरें तिरछी करने का प्रयास ही न करे. भारतीय सेनाओं के पास जमीन, आसमान और जल तीनों से हमला करने और बचाव की गजब की ताकत हासिल कर ली है. आइए जानते हैं इस पांच शानदार हथियारों के बारे में...
Guided Missiles of India: भारत दुनिया के उन 9 देशों में शामिल है, जिसके पास परमाणु हथियार हैं. भारत के पास ऐसी 9 प्रकार की मिसाइलें हैं, जो इन एटमी हथियारों से तबाही मचा सकती हैं. ये मिसाइलें जमीन, हवा, पानी हर जगह से लॉन्च की जा सकती है. कुछ मिसाइलें तो ऐसी हैं कि उनके हर तरह के वैरिएंट मौजूद हैं... आइए जानते हैं कि भारत की परमाणु मिसाइलों (Nuclear Missiles) में कितना दम है.
Akash Missile Test: पाकिस्तान की सीमा के पास भारतीय सेना और DRDO ने भारत के खतरनाक और सटीक मारक क्षमता वाली आकाश मिसाइल (Akash Missile) का सफल परीक्षण किया है. यह मिसाइल जमीन से हवा में मार करने वाली सबसे घातक भारतीय मिसाइलों में से एक है. आइए जानते हैं इसकी खासियत...
BM-21/LRAR Grad Rockets: रूस (Russia) ने यूक्रेन (Ukraine) पर लगातार ग्रैड रॉकेटों (Grad Rockets) से हमला किया. ये रॉकेट एक बड़े इलाके में कुछ ही सेकेंड्स में बड़ी तबाही मचा सकते हैं. ये शानदार हथियार भारत (India) के पास भी है. इनके हमले से बचना किसी चमत्कार से कम नहीं होगा, क्योंकि जब एकसाथ सैकड़ों रॉकेट आसमान से गिरते दिखते हैं तो भागने का रास्ता नहीं मिलता.
Battle Tanks List in Indian Army: भारत के पास कई छोट-बड़े घातक तोप (Tanks) हैं, जो अपने गोलों से दुश्मन को सीधे मौत दिखा देते हैं. कारगिल में बोफोर्स की गरज हो या पाकिस्तान-चीन से जंग के समय पुराने टैंकों की हुंकार. हर बार हमारे तोपों ने दुश्मनों के पसीने छुड़ाए हैं... आइए जानते हैं भारत के तोपों के बारे में.
भारतीय सेना (Indian Army) को 9 प्रमुख हिस्सों में बांटा गया है. ये हिस्से एकदूसरे के पूरक हैं. ये असल में रेजीमेंट्स हैं, जो विभिन्न कार्यों, दक्षता और इलाकों के आधार पर बांटे गए हैं. सभी रेजिमेंट्स देश को अलग-अलग युद्धों और मिशनों में सफलता दिला चुके हैं. आइए जानते हैं इन रेजिमेंट्स के बारे में...
भारतीय सेना ने 24 घंटे में दूसरी बार एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल HELINA का सफल फ्लाइट टेस्ट किया. इस बार ये परीक्षण हिमालयी इलाकों में किया गया दिखता है. इससे पहले पोकरण में टेस्ट हुआ था. यह दुश्मन के तोपों के लिए मौत है.
भारतीय सेना ने एक बार फिर एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल HELINA का पोखरण में सफल फ्लाइट टेस्ट किया. मिसाइल ने तय मानकों को पूरा किया है. यह दुश्मन के तोपों के लिए यमराज है.
भारतीय सेना और DRDO ने पिनाका मिसाइल (Pinaka Missile) के नए वर्जन का सफल परीक्षण किया. मिसाइल ने पूरी सटीकता और गति के साथ टारगेट को नेस्तनाबूद कर दिया. 1 सेकेंड में 1.61 किलोमीटर की गति से उड़ती है यह मिसाइल.
रूस (Russia) ने यूक्रेन (Ukraine) के शहरों पर एक के बाद एक करके कब्जा कर लिया. यूक्रेन के पास कम दूरी पर स्टीक मार करने की क्षमता वाले हथियार नहीं थे. पर यूक्रेन जैसे हालात से निपटने के लिए भारत के पास मिसाइले हैं...वह भी अपनी बनाई हुई.
DRDO ने 27 मार्च 2022 को ओडिशा के बालासोर से MRSAM मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया. भारतीय थल सेना के लिए बनाई गई इस मिसाइल ने सटीकता के साथ टारगेट को तेजी से हिट किया.