पूजा खेडकर (Pooja Khedkar) एक ट्रेनी आईएएस अधिकारी हैं. पूजा खेडकर लगातार विवादों में बनी रहती हैं. उन पर ओबीसी आरक्षण कोटे का दुरुपयोग कर आईएएस की नौकरी हासिल करने का आरोप लगता रहा है. खबरों की मानें तो उनके पिता दिलीप खेडकर ने सरकारी नौकरी के दौरान करोड़ों रुपयों की संपत्ति जुटाने के बाद कई जगहों पर जमीनें खरीदी. साथ ही खेडकर परिवार ने पुणे जिले के मुल्शी तहसील में 25 एकड़ की जमीन खरीदी थी. कहा जा रहा है कि इसके लिए उन्होंने आसपास के किसानों की जमीनों पर कब्जा करने की भी कोशिश की थी.
लेकिन जब किसानों ने इसका विरोध किया तो खेडकर की मां मनोरमा खेडकर बाउंसर के साथ मौके पर पहुंची और उन्होंने किसानों बंदूक दिखा कर धमकाया. यह घटना 2023 की है, जिसका वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है (IAS Viral Video on Social Media).
जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार और यूपीएससी को नोटिस जारी किया है. मामले की अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी.
सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी और ओबीसी-दिव्यांगता कोटे का गलत लाभ उठाने की आरोपी पूर्व आईएएस प्रोबेशनर पूजा खेडकर ने अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ 15 जनवरी को याचिका पर सुनवाई करेगी.
ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंची बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को यहां भी झटका लगा है. दिल्ली HC ने उनकी याचिका खारिज कर दी है. दरअसल, ट्रायल कोर्ट ने पूजा खेडकर को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था.
बता दें कि पूजा खेडकर के विवादों में आने के बाद एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उनकी मां मनोरमा खेडकर एक ज़मीन विवाद को लेकर गन लहराते हुए दिखाई दे रही थीं. इसके बाद एक मामला दर्ज किया गया और 18 जुलाई को उन्हें गिरफ्तार किया गया था.
बर्खास्त ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. साथ ही कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक को भी बरकरार रखा है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ रहे दिलीप खेडकर ने अपने नामांकन में खुलासा किया कि वह तलाकशुदा हैं. दी गई जानकारी 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान उनके हलफनामे के विपरीत है.तब उन्होंने मनोरमा खेडकर को अपनी पत्नी बताया था.
पूजा खेडकर मामले की दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है. इस दौरान पूजा खेडकर के वकील ने उनका पक्ष रखते हुए कोर्ट से गिरफ्तारी टालने की मांग की थी. पूजा खेडकर के वकील ने झूठी गवाही वाले आवेदन (perjury application) के मामले में अपना जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से एक सप्ताह का समय मांगा है.
पूजा खेडकर विवाद के बाद यूपीएससी को डॉक्यूमेंट्स में छेड़छाड़ करके चयनित हुए 30 से अधिक अफसरों की शिकायत आई है. दावा किया गया है कि उन चयनित अफसरों ने अपने सर्टिफिकेट और अन्य डिटेल्स में गलत जानकारी दी है.
बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर के खिलाफ बड़ा एक्शन हुआ है. केंद्र सरकार ने IAS (परिवीक्षा) नियम, 1954 के नियम 12 के अंतर्गत पूजा खेडकर को तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) से मुक्त कर दिया है.
अदालत ने पूजा खेडकर की हिरासत को लेकर कहा कि गिरफ्तारी के बाद जमानत के मामले पर विचार नहीं कर रहे हैं. यह एक ऐसे मामले पर विचार है कि व्यक्ति को जमानत दिए जाने पर जांच में बाधा आएगी या नहीं.
अदालत ने पूजा खेडकर की हिरासत को लेकर कहा कि गिरफ्तारी के बाद जमानत के मामले पर विचार नहीं कर रहे हैं. यह एक ऐसे मामले पर विचार है कि व्यक्ति को जमानत दिए जाने पर जांच में बाधा आएगी या नहीं. सभी झूठे नामों के लिए, उन्हें हिरासत में रखने का कारण केवल भागने का जोखिम होगा कि वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ करेंगी. अगर वह अनुपस्थित हैं, तो सवाल यह होगा कि उनकी आवश्यकता क्यों है?
दिल्ली हाईकोर्ट ने बर्खास्त ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर को राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर 26 सितंबर तक रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस की दलीलों के बाद सुनवाई को 26 सितंबर तक के लिए टाल दिया. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया है और कहा कि उसने दिव्यांगता के फर्जी प्रमाण पत्र जमा किया था.
'अगर उन्हें लगता है कि मैं दिव्यांग नहीं हूं, तो मेडिकल मेडिकल बोर्ड में जाने को तैयार हूं. इससे पहले उन्होंने कहा कि नाम परिवर्तन एक मुद्दा है. मुझे मेडिकल बोर्ड में ले जाएं, मेरी जांच हो! मैं एम्स जाने को तैयार हूं. उनके पास सभी दस्तावेज़ हैं. मैं एक निजी नागरिक हूं, मैं कैसे पहुंच पाऊंगी.'
दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका के जवाब में दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा दायर करते हुए कहा है कि उनका विकलांग प्रमाणपत्र भी फर्जी है. पुलिस ने कहा कि खेडकर ने सिविल सेवा परीक्षा- 2022 और सिविल सेवा परीक्षा- 2023 के लिए क्रमशः दो अलग अलग विकलांगता प्रमाण पत्र जमा किए हैं.
दिल्ली पुलिस की स्टेट्स रिपोर्ट के मुताबिक, पूजा खेडकर द्वारा 2022 और 2024 में दो दिव्यांगता प्रमाण पत्र (मल्टिपल डिसेबिलिटी) जमा किए, जो कथित तौर पर मेडिकल अथॉरिटी, अहमदनगर, महाराष्ट्र द्वारा जारी किए गए थे, वे फर्जी हो सकते हैं.
दिल्ली पुलिस की स्टेट्स रिपोर्ट के मुताबिक, पूजा खेडकर द्वारा 2022 और 2024 में दो दिव्यांगता प्रमाण पत्र (मल्टिपल डिसेबिलिटी) जमा किए, जो कथित तौर पर मेडिकल अथॉरिटी, अहमदनगर, महाराष्ट्र द्वारा जारी किए गए थे, वे फर्जी हो सकते हैं.
बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को दिल्ली की एक अदालत से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने फर्जी पहचान मामले में पूजा खेडकर की गिरफ्तारी के लिए उनकी अंतरिम सुरक्षा बढ़ा दी है. इस मामले पर अब अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी.
अब यूपीएससी एग्जाम के रजिस्ट्रेशन और दूसरी परिक्षाओं में छात्रों का आधार वेरिफिकेशन होगा. केंद्र सरकार ने बुधवार को पहली बार यूपीएससी को भर्ती के दौरान स्वैच्छिक आधार पर अभ्यर्थियों की पहचान वेरिफाई करने के लिए आधार आधार वेरिफिकेशन की मंजूरी दे दी है. देखें वीडियो.
पूजा ने अपने जवाब में कहा है कि एक बार परिवीक्षाधीन अधिकारी (Probationary Officer) के रूप में चयनित और नियुक्त हो जाने पर अभ्यर्थी की उम्मीदवारी को अयोग्य घोषित करने की यूपीएससी की शक्ति समाप्त हो जाती है. पूजा खेडकर ने अदालत में कहा है कि अब उनके खिलाफ केंद्र सरकार का कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ही कार्रवाई कर सकता है.
पिछले 9 सालों में अधिकारियों के फर्जी दस्तावेजों की 1,084 शिकायतें सामने आ चुकी हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के रिकॉर्ड से पता चलता है कि 2019 से लेकर अब तक 92 कर्मचारी सेवा से बर्खास्त हो चुके हैं.
IAS की नौकरी पाने के लिए पूजा खेड़कर ने यूपीएससी को ऐसी कई जानकारी दी थीं, जो गलत पाई गई हैं. इनमें माता-पिता का तलाक, मां के साथ रहने की बात, दोनों पेरेंट्स के अलग-अलग रहने की बात भी शामिल हैं. ये खुलासे उनके एक दूसरे आवेदन से हुए हैं.