पुष्पा कमल दहल प्रचंड (Pushpa Kamal Dahal Prachand), एक नेपाली राजनेता हैं. वह नेपाल के प्रधानमंत्री हैं (Prime Minister of Nepal). वह पहले 2008 से 2009 तक और फिर 2016 से 2017 तक प्रधानमंत्री पद पर रहे हैं.
युवावस्था में ही वे वामपंथी राजनीतिक दलों में शामिल हो गए थे. 1981 में, वह नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (Pushpa Kamal Dahal, Communist Party, Nepal) (चौथे सम्मेलन) में शामिल हो गए और बाद में 1989 में नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (मशाल) के महासचिव बने. यह पार्टी बाद में नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) बन गई. नेपाल गृहयुद्ध और बाद की शांति प्रक्रिया और पहली नेपाली संविधान सभा के दौरान, दहल नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के नेता थे. 2008 के चुनावों में, सीपीएन (एम) सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी और दहल उसी वर्ष अगस्त में प्रधानमंत्री बने. 2022 के नेपाली आम चुनाव के बाद, CPN (UML), राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी सहित राजनीतिक दलों के गठबंधन के बाद दहल प्रधानमंत्री बनें (Pushpa Kamal Dahal Political Career).
दहल का जन्म 11 दिसंबर 1954 पोखरा, कास्की में हुआ था (Pushpa Kamal Dahal Born) और उन्होंने अपना अधिकांश बचपन चितवन में बिताया. उन्होंने चितवन के रामपुर में कृषि और पशु विज्ञान संस्थान (IAAS) से विज्ञान का डिप्लोमा प्राप्त किया (Pushpa Kamal Dahal Education). उनके पिता मुक्तिराम और मां भवानी दहल थीं (Pushpa Kamal Dahal Parents).
पुष्पा कमल दहल ने पंद्रह वर्ष की उम्र में सीता दहल से शादी की (Pushpa Kamal Dahal wife) और उनकी तीन बेटियां और एक बेटा है (Pushpa Kamal Dahal Children).
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा, "हमारी अपनी पहचान है, अलग सभ्यता और संस्कृति है, इसलिए यह कहने का कोई मतलब नहीं कि बांग्लादेश में जो राजनीतिक अशांति हुई, वह नेपाल में भी दोहराई जा सकती है."
शुक्रवार को नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड संसद में विश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगे. फ्लोर टेस्ट में प्रचंड सरकार गिरने की संभावनाएं हैं. इसके इतर नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल ने गुरुवार को व्हिप जारी कर अपने सांसदों को प्रचंड के खिलाफ मतदान करने का निर्देश दिया है. साथ ही देउबा और ओली ने नई सरकार के गठन पर मंथन शुरू कर दिया है.
नेपाल में एक बार फिर सत्ता बदलने जा रही है. केपी शर्मा ओली, जो अबतक पुष्प कमल दहल "प्रचंड" की सरकार में सहयोगी थे, प्रधानमंत्री बनेंगे. यह उनका तीसरा कार्यकाल होगा. हालांकि, नई सरकार के गठन के लिए केपी ओली का शपथग्रहण कब होगा, यह अभी फाइनल नहीं है.
ओली 11 अक्टूबर, 2015 से 3 अगस्त, 2016 तक देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं.इस दौरान नई दिल्ली के साथ काठमांडू के संबंध तनावपूर्ण थे. इसके बाद उन्होंने 5 फरवरी 2018 से 13 मई, 2021 तक पीएम रहे थे. तब भी दोनों देशों के संबंधों में खटास आई थी.
नेपाल में एक बार फिर सरकार बदल गई है. नवंबर 2022 से सत्ता में रहे पुष्प कमल दहाल 'प्रचंड' की सरकार गिर गई है और केपी शर्मा ओली एक बार फिर प्रधानमंत्री बन गए हैं. ऐसे में जानते हैं कि नेपाल में सरकार बदलने का भारत पर क्या असर हो सकता है? और चीन क्या कुछ खेल कर सकता है?
पूर्व विदेश मंत्री नारायण प्रकाश सऊद के मुताबिक, नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी-एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी (CPN-UML) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के बीच सोमवार आधी रात को एक नया गठबंधन बनाने पर सहमति बन गई है.
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. पुष्प कमल संसद में विश्वास मत हासिल करने में नाकाम रहे हैं. फ्लोर टेस्ट में उन्हें 275 में से 63 सांसदों का ही साथ मिल पाया. जबकि नेपाल की नेशनल असेंबली के 194 सांसदों ने उनके खिलाफ वोट किया. देखें दुनिया आजतक.
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड को बड़ा झटका लगा है. कारण, प्रचंड संसद में विश्वास मत हार गए हैं. 19 महीने सत्ता में रहने के बाद अब उन्हें पद छोड़ना पड़ा.
पूर्व प्रधानमंत्री के.पी शर्मा की अगुवाई वाली सीपीएन-यूएमएल द्वारा प्रचंड की सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद उनको विश्वास मत हासिल करने के लिए मजबूर होना पड़ा था. सीपीएन-यूएमएल द्वारा समर्थन वापस लेने के कारण प्रचंड के पास विकल्प सीमित हो गए थे, जिसके कारण उन्हें तुरंत पद छोड़ने या एक महीने के भीतर विश्वास मत का सामना करने के बीच चयन करना पड़ा. शुक्रवार को संसद में विश्वास मत परीक्षण हुआ, जहां वह हार गए.
नेपाल में पुष्प कमल दहल की सरकार गिर गई है. पुष्प कमल दहल को संसद में बहुमत साबित करना था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. विश्वास मत को पुष्प कमल दहल साबित नहीं कर पाए और फिर उन्होंने नेपाल के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इस राजनीतिक संकट के चलते नेपाल में अस्थिरता बढ़ गई है.
नेपाल में एक बार फिर राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है. प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल 'प्रचंड' की कुर्सी खतरे में आ गई है. पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की पार्टी ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. 16 साल में ये 13वीं बार है, जब कोई सरकार गिरने जा रही है.
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने सोमवार को संसद में विश्वास मत जीत लिया. जिसके बाद अब देश की गठबंधन सरकार का नेतृत्व करते रहेंगे. प्रतिनिधि सभा में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी के नेता प्रचंड को विश्वास मत के दौरान 157 वोट मिले.
275 सदस्यीय सभा में कुल मिलाकर 158 सांसदों ने मतदान में हिस्सा लिया. मुख्य विपक्षी नेपाली कांग्रेस ने मतदान प्रक्रिया का बहिष्कार किया और सहकारी निधि के दुरुपयोग के आरोपी डिप्टी पीएम और गृह मंत्री रबी लामिछाने के खिलाफ नारे लगाए, जिससे सत्र में देरी हुई. वहीं एक एचओआर सदस्य न्यूट्रल रहा. स्पीकर देव राज घिमिरे ने घोषणा की कि प्रचंड ने फ्लोर टेस्ट जीत लिया है, क्योंकि उन्हें संसद में बहुमत मिल गया है.
गुरुवार को दो दिवसीय नेपाल दौरे पर पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसी दौरान चीनी अधिकारियों के नेपाल दौरे पर नाराजगी जताई है. नेपाली मीडिया के मुताबिक नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल और प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल के साथ बैठक के दौरान जयशंकर उस समय नाराज हो गए जब उन्हें पता चला कि चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी यून्नान प्रांतीय समिति की स्थायी समिति के उप सचिव शी युगांग नेपाल दौर पर पहुंचे हैं.
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की है कि नेपाल ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं को भी उनकी यात्रा के दौरान ही बुलाया है. जबकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने नेपाल सरकार से यह अनुरोध भी किया था कि उनकी यात्राओं को ओवरलैप करने से बचा जाए.
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच तल्खी बढ़ती ही जा रही है. क्या मध्य प्रदेश को लेकर दोनों दलों की तल्खी इंडिया गठबंधन में टूट की शुरुआत है? सपा प्रमुख अखिलेश यादव के गुस्से के पीछे क्या है?
कुछ सालों पहले तक जो नेपाल दुनिया का अकेला हिंदू राष्ट्र था, वहां अब नेपाली डिक्शनरी से ओम शब्द को हटाने की कवायद चल रही है. मौजूदा सरकार चाहती है कि ये शब्द हर हाल में हट जाए. वहीं दूसरा खेमा इसे नेपाली संस्कृति और धर्म पर हमला मानते हुए विरोध कर रहा है.
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने चीन की महत्वाकांक्षी योजना क्रॉस-बॉर्डर कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट में शामिल होने पर सहमति जताई. लेकिन, राष्ट्रपति जिनपिंग की महत्वपूर्ण योजना में शामिल होने से इनकार कर दिया. देखें वीडियो.
प्रधानमंत्री के प्रेस समन्वयक सूर्य किरण शर्मा के मुताबिक, लंबे समय से बीमार चल रही सीता का काठमांडू के नॉर्विक इंटरनेशनल अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहां डॉक्टरों ने सुबह 8.33 बजे उनकी मृत्यु की पुष्टि की.
नेपाल में प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड के एक बयान से हंगामा मच गया है. विपक्ष उनसे इस्तीफे की मांग कर रहा है और सत्ताधारी गठबंधन में शामिल पार्टियां भी उनके बयान को गलत बता रही हैं. उनके बयान को लेकर विपक्ष का कहना है कि उन्होंने नेपाल की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है.
भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद का मुद्दा लंबे समय से चलता आ रहा है. हाल ही में जब नेपाली पीएम भारत आए थे तब उन्होंने सीमा विवाद का मुद्दा सुलझाने के तरीकों पर पीएम मोदी से बात की थी. उन्होंने विवाद सुलझाने के लिए जमीन अदला-बदली की बात भी कही थी.