पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi) को पवित्रोपना एकादशी और पवित्रा एकादशी भी कहा जाता है. यह हिंदुओं का एक पवित्र दिन है. पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इस दिन संतान प्राप्ति के लिए पूजा की जाती है. मान्यताओं के अनुसार, एकादशी का व्रत करने वाले जातकों को जीवन भर सुख की प्राप्ति होती है और जीवन उपरांत मोक्ष मिलता है. पुत्रदा एकादशी साल में दो बार किया जाता है. एक सावन में होने वाला श्रावण पुत्रदा एकादशी (Shravana Putrada Ekadashi), जो जुलाई-अगस्त में पड़ता है और पौष पुत्रदा एकादशी (Paush Putrada Ekadashi), जो दिसंबर-जनवरी में पड़ता है
व्रतों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण व्रत एकादशी का माना जाता है. एकादशी का नियमित व्रत रखने से मन की चंचलता खत्म होती है, धन और आरोग्य की प्राप्ति होती है. मनोरोग जैसी समस्याएं भी इससे दूर होती हैं. इस उपवास को रखने से संतान संबंधी हर चिंता और समस्या का निवारण हो जाता है (Putrada Ekadashi rituals).
इस दिन, 24 घंटे का उपवास रखा जाता है और विशेष जिस दंपति के संतान नहीं होता, वह पति और पत्नी, पुत्र प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. यह दिन विशेष रूप से विष्णु के अनुयायी वैष्णवों द्वारा मनाया जाता है (Putrada Ekadashi worship).
Paush Putrada Ekadashi 2025: पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पुत्रदा एकादशी मनाई जाती है. इस एकादशी का व्रत करने से जहां एक तरफ संतान हीन व्यक्तियों को पुत्र की प्राप्ति होती है वहीं दूसरी तरफ जिन लोगों की संतान होती है उनके बच्चे तपस्वी, विद्वान, और धनवान बनते हैं.
Paush Putrada Ekadashi 2025: पौष मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाता है. इस दिन सुदर्शन चक्रधारी भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से संतान की प्राप्ति होती है, इसलिए इसे पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाता है. स्त्री वर्ग में इस व्रत का बड़ा प्रचलन और महत्व है. इस व्रत के प्रभाव से संतान की रक्षा भी होती है.
Paush Putrada Ekadashi 2024: एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. मान्यता के अनुसार, एकादशी के दिन व्रत करने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती है. भारत के कुछ क्षेत्रों में पौष पुत्रदा एकादशी को वैकुंठ एकादशी, स्वर्गावथिल एकादशी या मुक्तकोटि एकादशी भी कहा जाता है.
पुत्रदा एकादशी सावन मास की आखिरी एकादशी है. पुत्रदा एकादशी साल में दो बार आती है पहली पौष माह और दूसरी सावन माह में. इस बार यह एकादशी 27 अगस्त यानी आज मनाई जा रही है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है.