आर जी कर मेडिकल कॉलेज (R G Kar Medical College and Hospital) की स्थापना 1886 में हुई थी. यह भारत के सबसे पुराने मेडिकल कॉलेजों में से एक है. इसका नाम प्रसिद्ध परोपकारी डॉ. राधा गोविंद कर के नाम पर रखा गया था. यह कॉलेज पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (WBUHS) से संबद्ध है और स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) द्वारा मान्यता प्राप्त है (West Bengal, Kolkata).
कॉलेज विभिन्न चिकित्सा विषयों में स्नातक (MBBS), स्नातकोत्तर (MD/MS), पोस्ट डॉक्टरेट (DM/MCh), PG डिप्लोमा, फेलोशिप कोर्स में उपाधि देता है. आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल कोलकाता में एक प्रमुख सरकारी शिक्षण अस्पताल है. अस्पताल समुदाय को स्वास्थ्य उपलब्ध कराता है. और मेडिकल छात्रों को ट्रेनिंग देता है.
यह कॉलेज परिसर आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है, जिसमें कक्षाएं, प्रयोगशालाएं, एक पुस्तकालय और छात्रों और शिक्षकों के लिए आवास शामिल हैं. आर जी कर मेडिकल कॉलेज का इतिहास समृद्ध है और इससे कई कुशल चिकित्सक बने हैं जिन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
8-9 अगस्त 2024 की रात इस हॉस्पिटल में एक ट्रेनी डॉक्टर की के साथ रेप के बाद मर्डर का मामला सामने आया था (R G Kar Medical College and Hospital Rape and Murder Case). इस डॉक्टर की उम्र 31 वर्ष थी, जो उस दिन तीन और डॉक्टर्स के साथ नाइट ड्यूटी पर थी. जब रात को करीब दो बजे वह सोने के लिए अस्पताल के सेमिनार हॉल में चली गई. जिसके बाद संजय रॉय नाम का आरोपी पीछे के रास्ते से इस सेमिनार हॉल में आया और वारदात को अंजाम दिया. आरोपी ना तो अस्पताल के स्टाफ से था, ना ही किसी मरीज का कोई रिश्तेदार था. वो कोलकाता पुलिस के लिए सिविक वांलटियर का काम करता था.
आरोपी के खिलाफ बीएनएस की धारा 64 (बलात्कार) और 103 (हत्या) के तहत केस दर्ज किया गया.
सीबीआई और राज्य सरकार दोनों ने इस मामले में एकमात्र दोषी संजय रॉय के लिए सजा-ए-मौत की मांग करते हुए उच्च न्यायालय के समक्ष अपील दायर की थी. हालांकि, पीठ ने राज्य सरकार द्वारा दायर अपील को स्वीकार करने से इनकार कर दिया.
स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बताया कि मेडिकल छात्रा की लाश क्वार्टर के एक कमरे में लटकी पाई गई. इस संबंध में बैरकपुर पुलिस आयुक्तालय के कमरहाटी पुलिस स्टेशन में अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच जारी है.
न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक की अध्यक्षता वाली अदालत की खंडपीठ ने राज्य सरकार और सीबीआई दोनों का पक्ष सुना, जिन्होंने तर्क दिया कि सियालदह सत्र न्यायालय द्वारा 20 जनवरी को दिए गए उस आदेश में रॉय को मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, जो अपर्याप्त था.
इससे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बुधवार को हाई कोर्ट में पश्चिम बंगाल सरकार की अपील का विरोध किया था. राज्य सरकार ने मामले में दोषी पाए गए संजय रॉय को मिली उम्रकैद की सजा को फांसी में तब्दील करने की मांग की है.
आरजी कर मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रमुख संदीप घोष पर सुरक्षा में लापरवाही बरतने और साक्ष्यों को नष्ट करने के आरोप थे. उन्हें सुरक्षा उपायों में चूक और साक्ष्यों के संरक्षण में असफलता का दोषी माना गया.
सियालदह कोर्ट के न्यायाधीश ने कहा कि पीड़िता के माता-पिता के दुःख और पीड़ा को मैं स्वीकार करता हूं. इस अपराध के लिए कोई भी सजा उन्हें पूर्ण सांत्वना प्रदान नहीं कर सकती है. लेकिन अदालत का कर्तव्य दोषी के लिए ऐसी सजा पारित करना है जो अपराध की प्रकृति के अनुसार, न्यायसंगत और स्थापित कानूनी सिद्धांतों के मुताबिक हो.
कोलकाता की अदालत ने संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई है. जज ने कहा कि यह मामला दुर्लभ नहीं है और सबूतों के आधार पर फैसला लिया गया. अदालत ने पीड़ित के परिवार को ₹17 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया, लेकिन परिवार ने इसे लेने से इनकार कर दिया. VIDEO
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर के दोषी संजय रॉय को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. जज ने फैसाला सुनाते हुए इसके पीछे क्या तर्क दिए. जानें
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा कि कोलकाता पुलिस सबूत नष्ट करने में शामिल थी. उन्होंने लिखा कि आरजी कर रेप और हत्या के मामले में आरोपी संजय रॉय की सजा महिला डॉक्टर के लिए न्याय की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम है. हालांकि इससे कोलकाता पुलिस या मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दोषमुक्त नहीं किया जा सकता, जो सबूत नष्ट करने और अपराध को छिपाने की कोशिश में शामिल थे.
कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर से रेप-मर्डर मामले में अदालत ने फैसला सुना दिया. शनिवार को कोलकाता की सियालदह कोर्ट ने केस में मुख्य आरोपी संजय रॉय को दोषी करार दिया. इस मामले में सोमवार, 20 जनवरी को कोर्ट सजा सुनाएगा. देखें ये वीडियो.
Kolkata RG Kar Rape and Murder Case: सियालदह जिला एंव सत्र अदालत ने संजय रॉय को आरजी कर की महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के मामले में दोषी करार दिया है. पिछले साल 9 अगस्त को महिला ट्रेनी डॉक्टर का शव आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में अर्धनग्न अवस्था में मिला था. कोलकाता पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और क्राइम सीन से मिले साक्ष्यों के आधार सिविक वालंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया था.
कोलकाता कांड में एक बार फिर नया मोड़ आया है. मामले में गिरफ्तार किए गए आरजी कर मेडिकल कॉलेज के एक्स प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के तत्कालीन इंचार्ज अभिजीत मंडल को बेल दे दी गई है. इस पर जूनियर डॉक्टर और अभया के माता-पिता ने सड़कों पर उतरकर अपना आक्रोश व्यक्त करने के लिए सीबीआई कार्यालय की ओर मार्च किया.
सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार मामले में तत्कालीन प्रिंसिपल समेत 5 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. सीबीआई ने अदालत में चार्जशीट दाखिल की है.
सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा दिए गए सीबीआई जांच के आदेश को रद्द कर दिया. दरअसल, राज्य सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
शीर्ष अदालत ने कहा कि एसआईटी में वे अधिकारी शामिल होंगे, जिनके नाम राज्य द्वारा प्रस्तुत किए गए थे. ये एसआईटी साप्ताहिक आधार पर हाईकोर्ट को जांच की प्रगति पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में अगस्त के दौरान रेप और मर्डर की शिकार हुई 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता अपराध के 100 दिन पूरे होने पर इंसाफ की मांग करते हुए 200 प्रतिभागियों के साथ एक साइकिल रैली में शामिल हुए.
यह घटना 9 अगस्त को सामने आई थी, जब पीजी सेकेंड ईयर की महिला स्टूडेंट आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में मृत मिली थी. संजय रॉय को कोलकाता पुलिस ने 10 अगस्त को गिरफ्तार किया था. उस पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 (बलात्कार), धारा 66 (मौत का कारण बनने) और 103 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों के अनशन का सोमवार को 10वां दिन है. वे आरजी कर अस्पताल की घटना पर अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं. इस दौरान एक और डॉक्टर की तबियत बिगड़ गई, जिसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. इस अनशन से राज्य में हेल्थकेयर सेवाओं पर गहरा असर पड़ा है.
जूनियर डॉक्टर रेप और मर्डर केस में अगर सीबीआई ने सबसे ज़्यादा दिन और सबसे ज़्यादा घंटे किसी से पूछताछ की तो वो संदीप घोष है. लेकिन हैरत की बात है कि 58 दिनों बाद जूनियर डॉक्टर केस में सीबीआई ने जो चार्जशीट पेश की है, उसमें कहीं दूर-दूर तक इनका नाम ही नहीं है.
जो बात कोलकाता पुलिस ने करीब सवा दो महीने पहले कही थी, ठीक वही बात पूरे 58 दिनों बाद अब सीबीआई कह रही है. आरजे कर अस्पताल की ट्रेनी जूनियर डॉक्टर के साथ 9 अगस्त की सुबह जो कुछ हुआ, उसकी जो कहानी अगले ही दिन यानी 10 अगस्त को कोलकाता पुलिस ने सुना दी थी.
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में थ्रेट कल्चर और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच चल रही है, जिसमें 59 स्टाफ सदस्यों को सस्पेंड किया गया है. इनमें डॉक्टर, इंटर्न्स, छात्र और हाउस स्टाफ शामिल हैं, जिन पर रैगिंग सहित कई आरोप हैं. जांच कमेटी ने एक बैठक के बाद दस डॉक्टरों को तुरंत निलंबित कर दिया है और मामला मेडिकल काउंसिल के पास भेज दिया गया है.