राधाकिशन दमानी
राधाकिशन शिवकिशन दमानी (Radhakishan Shivkishan Damani) एक भारतीय अरबपति निवेशक और डीमार्ट के संस्थापक हैं (Founder of DMart). वह अपनी निवेश फर्म, ब्राइट स्टार इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (Bright Star Investments Ltd) के माध्यम से अपने पोर्टफोलियो का प्रबंधन भी करते हैं. 19 अगस्त 2021 को उन्हें ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स ने दुनिया के 98वें सबसे अमीर व्यक्ति का स्थान दिया गया (Radhakishan Damani Bloomberg Billionaire Index).
दलाल स्ट्रीट (Dalal Street) पर काम करने वाले अपने पिता की मृत्यु के बाद, दमानी ने अपना बॉल बेयरिंग व्यवसाय छोड़ दिया और स्टॉक मार्केट ब्रोकर और निवेशक बन गए. उन्होंने 1990 के दशक में हर्षद मेहता (Harshad Mehta Scam) द्वारा अवैध तरीके से फैलाए गए स्टॉक को कम पर बेचकर मुनाफा कमाया. 1995 में सार्वजनिक होने के बाद दमानी कथित तौर पर एचडीएफसी बैंक का सबसे बड़ा व्यक्तिगत शेयरधारक थें. 1992 में, हर्षद मेहता घोटाला सुर्खियों में आने के बाद, उन्होंने उस समय के दौरान कम बिक्री के मुनाफे के कारण अपनी आय में एक बड़ी वृद्धि देखी.
1999 में, उन्होंने नेरुल में एक सहकारी डिपार्टमेंट स्टोर, अपना बाजार (Apna Bazaar) की एक फ्रैंचाइजी संचालित की, लेकिन इसके व्यवसाय मॉडल से संतुष्ट नहीं थें. उन्होंने 2000 में अपनी हाइपरमार्केट सीरीज, डीमार्ट शुरू करने के लिए शेयर बाजार छोड़ दिया. उन्होंने 2002 में पवई में डीमार्ट का पहला स्टोर स्थापित किया. इसके 2010 में 25 स्टोर थे, जिसके बाद कंपनी तेजी से बढ़ी और 2017 में सार्वजनिक हुई. आज पूरे भारत में उनके 234 डीमार्ट स्टोर हैं (DMart Stores in India). माना जाता है कि उन्होंने भारतीय अरबपति राकेश झुनझुनवाला को अपनी स्टॉक ट्रेडिंग तकनीक भी सिखाई थी.
2020 में, वह 16.5 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ चौथे सबसे अमीर भारतीय बन गए. उन्हें 2022 अरबपतियों की वैश्विक सूची फोर्ब्स में 18.9 अरब डॉलर की कुल संपत्ति के साथ 87वां स्थान दिया गया था (Radhakishan Damani Property).
राधाकिशन दमानी का जन्म 12 जुलाई 1955 को राजस्थान के बीकानेर में हुआ था (Radhakishan Damani Age). उनका का पालन-पोषण एक माहेश्वरी मारवाड़ी परिवार में हुआ था. शुरुआत में उनका परिवार मुंबई के सिंगल रूम अपार्टमेंट में रहता था. उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय में वाणिज्य का अध्ययन किया, लेकिन एक वर्ष के बाद बाहर हो गए (Radhakishan Damani Education). उनके तीन बच्चे हैं (Radhakishan Damani Children).
एक ओर जहां शेयर बाजार (Share Market) में सोमवार को जोरदार तेजी देखने को मिली, तो वहीं DMart Share शुरुआती कारोबार में ही 9 फीसदी तक फिसल गया.
हुरुन इंडिया (Hurun India) ने एक नई लिस्ट जारी की है, जिसमें राधाकिशन दमानी देश के टॉप 10 अमीरों में शामिल किए गए हैं. इनका रिटेल मार्केट में एक बड़ा नाम है और इनकी कंपनी Avenue Supermarts है, जिसके बड़े-बड़े शहरों में डी-मार्ट Mall संचालित हैं.
Hurun India की नई लिस्ट में नंबर एक पर शामिल किए गए राधाकिशन दमानी ना केवल एक बड़े उद्योगपति हैं, बल्कि दिग्गज निवेशक भी माने जाते हैं. Share Market में बिग बुल कहे जाने वाले दिवंगत राकेश झुनझुवाला (Rakesh Jhunjhunwala) दमानी को अपना गुरु मानते थे.
Radhakishan Damani के पोर्टपोलियो में एंट्री लेने वाली Health and Glow कंपनी की, तो 1997 में स्टार्ट होने वाली इस फर्म ने चेन्नई के अलावा बेंगलुरु, मंगलुरु, पुणे, मुंबई, कोचीन, कोलकाता, भोपाल, भुवनेश्वर और हैदराबाद समेत देश के अन्य शहरों में लगभग 175 से ज्यादा स्टोर खोले हैं.
शेयर मार्केट से पैसा बनाने के बाद राधाकिशन दमानी ने रिटेल इंडस्ट्रीज में एंट्री की और डीमार्ट की शुरुआत की. आज के समय में डीमार्ट देश की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है. इसका कारोबार देश के 14 राज्यों में फैला है.
बजाज ऑटो के चेयरमैन नीरज बजाज (Niraj Bajaj) ने मुंबई में 252 करोड़ रुपये का पेंटहाउस खरीदा है. ये रियल एस्टेट सौदा (Real Estate Deal) इस साल अब तक की गई डील में तीसरा सबसे बड़ा है. बजाज का ये पेंटहाउस मालाबार हिल इलाके में है.
Vedanta Share बीते 31 जनवरी 2023 को 332.40 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे, वहीं 28 फरवरी मंगलवार को दोपहर 3.30 बजे ये 6.70 फीसदी फिसलकर 268.10 रुपये के लेवल पर बंद हुए. कारोबार की शुरुआत में कंपनी के शेयर ने 9 फीसदी तक टूटकर 262 रुपये का स्तर छुआ था.
Radhakishan Damani Net Worth: डी-मार्ट के फाउंडर राधाकिशन दमानी की कुल नेटवर्थ 16.7 अरब डॉलर है और इतनी संपत्ति के साथ वे दुनिया के अरबपतियों की लिस्ट में 97वें पायदान पर काबिज हैं. इस साल की शुरुआत से अब तक उन्हें गौतम अडानी और मुकेश अंबानी के बाद सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है.
Oxfam India Report: ऑक्सफैम इंडिया के मुताबिक, साल 2012 से 2021 तक, भारतीय 40 फीसदी आबादी के बराबर दौलत केवल 1 फीसदी के पास ट्रांसफर हो गई. वहीं केवल 3 फीसदी धन ही आबादी के 50 फीसदी हिस्से के पास गया है. इसमें कहा गया कि कोरोना काल में देश के अमीरों की दौलत तेजी से बढ़ी है.