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राधेश्याम खेमका

राधेश्याम खेमका

राधेश्याम खेमका

राधेश्याम खेमका, साहित्यकार 

राधेश्याम खेमका (Radheshyam Khemka) एक पत्रकार और साहित्यकार थे, जो वे गीता प्रेस ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष भी थे (Chairman of Gita Press Trust Board ). उन्होंने 38 सालों तक गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका कल्याण का सम्पादन किया (Editor of Monthly Magazine Kalyan). उन्होंने कल्याण का संपादन नवंबर 1982 के संस्करण से लेकर अप्रैल 2021 के संस्करण तक किया. उन्होंने बतौर अध्यक्ष अपने कार्यकाल के दौरान कई महापुराणों के संस्करणों का सम्पादन किया और उन्हें प्रकाशित कराया. साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने 2022 में उन्हें देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया (Padma Vibhushan). 

खेमका का जन्म 1935 में बिहार के मुंगेर जिले में एक मारवाड़ी परिवार में हुआ था (Radheshyam Khemka Birthplace). उनके पिता सीताराम खेमका सनातन धर्म के अनुयायी और गोरक्षा आंदोलन में सक्रिय रहते थे (Radheshyam Khemka Father). उनकी माता एक एक गृहणी थीं. उनका एक बेटा, राजाराम खेमका और एक बेटी, राज राजेश्वरी हैं (Radheshyam Khemka Son and Daughter).

खेमका 1956 से अपने परिवार के साथ स्थायी रूप से वाराणसी में रहे. उन्होंने  बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से संस्कृत में स्नातकोत्तर किया और साहित्यरत्न की उपाधि भी प्राप्त की. उन्होंने कानून की भी पढ़ाई की लेकिन डिग्री नहीं ली (Radheshyam Khemka Education). वह कागज के व्यापार में शामिल रहने के साथ स्वाध्याय, सत्संग और संत समागम में सक्रिय रहते थे. बाद के वर्षों में उन्होंने तमाम व्यवसायों को छोड़कर, आखिर के 38 वर्षों तक गीता प्रेस की अवैतनिक सेवा करते रहे. राधेश्याम खेमका ने 2002 में वाराणसी में एक वेद विद्यालय की स्थापना की थी. .

कुछ वक्त से बीमार चल रहे खेमका की 3 अप्रैल, 2021 को वाराणसी में उनके आवास पर 86 साल की आयु में मृत्यु हुई. उनका अंतिम संस्कार हरिश्चंद्र घाट पर किया गया (Radheshyam Khemka Death).
 

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