राज कपूर (Raj Kapoor) भारतीय सिनेमा के सबसे महान फिल्म निर्माताओं, निर्देशकों और अभिनेताओं में से एक थे. उन्हें 'शोमैन ऑफ बॉलीवुड' कहा जाता है. उन्होंने हिंदी सिनेमा में कई प्रतिष्ठित फिल्में बनाईं, जो न केवल मनोरंजन प्रदान करती थीं, बल्कि सामाजिक और मानवीय मुद्दों पर भी प्रकाश डालती थीं.
राज कपूर का जन्म14 दिसंबर 1924 में पेशावर (अब पाकिस्तान में) हुआ था. उनके पिता पृथ्वीराज कपूर भी भारतीय सिनेमा के महान अभिनेता थे. उनके भाई शम्मी कपूर और शशि कपूर भी बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता बने.
12 मई 1946 को राज कपूर ने कृष्णा मल्होत्रा से विवाह किया. कृष्णा नौ भाई-बहनों में से एक थीं और उनकी शादी के बाद उनमें से कई हिंदी फिल्म उद्योग में शामिल हो गए. उनके भाई राजेंद्र नाथ, प्रेम नाथ और नरेंद्र नाथ बाद में अभिनेता बने और उनकी बहन उमा की शादी अभिनेता प्रेम चोपड़ा से हुई.
राज कपूर के भाई दिवंगत अभिनेता शम्मी कपूर और शशि कपूर थे. उनकी एक बहन भी थीं जिनका नाम उर्मिला सियाल था.
राज और कृष्णा कपूर के पांच बच्चे थे- तीन बेटे, अभिनेता रणधीर कपूर, ऋषि कपूर और राजीव कपूर, और दो बेटियां, रितु नंदा और रीमा जैन.
राज कपूर अपने अंतिम वर्षों में अस्थमा से पीड़ित थे. 2 जून 1988 को 63 वर्ष की आयु में बीमारी से संबंधित जटिलताओं के कारण उनकी
राज कपूर ने अपनी फिल्म "आग" (1948) से निर्देशन की शुरुआत की थी. उनकी कुछ यादगार फिल्मों -आवारा (1951), श्री 420 (1955), संगम (1964), मेरा नाम जोकर (1970), बॉबी (1973) है. उनकी फिल्मों में संगीत और गानों का विशेष स्थान रहा. उन्होंने शंकर-जयकिशन, हसरत जयपुरी, और शैलेन्द्र जैसे महान संगीतकारों और गीतकारों के साथ काम किया. उनके फिल्म के गानों में "आवारा हूं", "मेरा जूता है जापानी" जैसे कई प्रसिद्ध गाने हैं.
राज कपूर ने 1948 में आर.के. स्टूडियो की स्थापना की, जो कई ऐतिहासिक फिल्मों का केंद्र रहा.
राज कपूर की फिल्में सोवियत संघ, चीन और अन्य देशों में भी बेहद लोकप्रिय रहीं. उन्हें भारतीय सिनेमा का वैश्विक चेहरा माना गया.
1987 में उन्हें भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान दादा साहेब फाल्के पुरस्कार दिया गया. उनकी फिल्मों ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते.
बॉलीवुड एक्ट्रेस तारा सुतारिया, बीते साल तक आदर जैन को डेट कर रही थीं. पर फिर दोनों का ब्रेकअप हो गया. तारा, कपूर खानदान की हर पार्टी का हिस्सा बनती नजर आती थीं.
राज कपूर के साथ अपने बरसों के अनुभव और संस्मरण सुनाते हुए प्रदीप सरदाना ने कहा-'राज कपूर ने 5 वर्ष की उम्र में अपना पहला नाटक ‘द टॉय कार्ट’ किया था. राज कपूर ने नाटक ‘दीवार’ में तो रामू की ऐसी भूमिका की, जिसके बाद फिल्मों तक में नौकर की भूमिका करने वाले चरित्र का नाम रामू या रामू काका हो गया.