अभिनेता राजेश कुमार (Rajesh Kumar) टीवी इंडस्ट्री का एक जाना माना चेहरा है. उन्हें 'बा, बहू और बेबी' और 'साराभाई वर्सेज साराभाई' टीवी शो में अपने किरदार के लिए जाने जाते हैं. रोशेष साराभाई का किरदार निभाने के बाद से वो इतनी बुरी तरह टाइपकास्ट हो गए थे कि उन्हें वापस इंडस्ट्री में आने का मौका ही नहीं मिल रहा था. तब उन्होंने बड़ा फैसला किया था. उन्होंने खेती शुरू की. वहां भी उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा. इन परेशानियों से उबरने के बाद राजेश को कुछ अच्छी फिल्में मिली जिनमें नवाजुद्दीन सिद्दीकी के साथ 'हड्डी', रौतू की बेली', 'कोटा फैक्ट्री' और 'तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया' शामिल है.
बिहार के राजेश कुमार का जन्म गया जिल में हुआ है. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से पढ़ाई की है. राजेश कुमार अपने परिवार के साथ मुंबई में रहते हैं. उन्होंने 2004 में माधवी चोपड़ा से शादी की.
कांग्रेस ने ये तो साफ कर दिया है कि बिहार चुनाव वो लालू यादव की पार्टी आरजेडी के साथ मिलकर ही लड़ेगी, लेकिन कई पेंच अब भी उलझे हुए हैं - और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया जाना भी उनमें से एक है.
हर जेनरेशन खुद को पहले वालों से ज्यादा होशियार, बाद वालों से ज्यादा खुद को अकलमंद समझती है. यही से पैदा होती है गलतफहमी, और गलतफहमी से दूरी. जेनरेशन गैप के इसी टॉपिक को लेकर आई है फिल्म बिन्नी एंड फैमिली. इसमें पकंज कपूर की शानदार एक्टिंग, राजेश कुमार के पंच और एनिमल वाली चारू शंकर ने खास काम किया है. स्टार कास्ट के साथ खास बातचीत सुनिए दिलचस्प किस्से.
एक्टर राजेश कुमार बीते 20 सालों से मुंबई के अपने घर में रह रहे हैं. उनके घर से आरे जंगल का खूबसूरत नजारा दिखता है.
राजेश कुमार टीवी से लेकर बॉलीवुड तक के जाने-माने एक्टर हैं. 'साराभाई वर्सेस साराभाई' शो में रोशेष का किरदार निभाकर उन्हें घर-घर में पहचान मिली थी.
लेकिन जब चीजें बेहतर होनी शुरू हुईं तो खेत में आग लग गई और आधी से ज्यादा फसल जलकर राख हो गई. मैं टूट गया था.
राजेश कुमार ने बताया कि उन्होंने एक्टिंग की दुनिया को छोड़ खेती करने को क्यों चुना था. साथ ही वो बोले कि रोशेष साराभाई का किरदार निभाने के बाद से वो इतनी बुरी तरह टाइपकास्ट हो गए थे कि उन्हें वापस इंडस्ट्री में आने का मौका ही नहीं मिल रहा था. तब उन्होंने बड़ा फैसला किया था.