रमा एकादशी
रमा एकादशी (Rama Ekadashi) कार्तिक कृष्ण पक्ष में पड़ने वाले एकादशी को कहते हैं (Krishna Paksha). सनातन धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है. एकादशी भगवान कृष्ण की पसंदीदा तिथि है. भक्त कृष्ण के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति को दर्शाने के लिए उपवास रखते हैं. माना जाता है कि रमा एकादशी का व्रत बड़े पापों का नाश करने वाला होता है. हिन्दू धर्म में एकादशी का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थान है (Rama Ekadashi Vrat).
कार्तिक मास में सूर्योदय से पहले या पूर्व पूर्वाह्न, स्नान और दिव्यांका का विधान है. पुराणों की माने तो इस महीने सुबह उठकर केवल स्नान करने मात्र से ही मनुष्य को कई हजार यज्ञ करने का फल मिलता है, साथ ही, किए गए व्रत का फल कई गुणा अधिक मिलता है. रमा एकादशी व्रत में विष्णु के पूर्णावतार की विधिवत धूप, दीप, नेवेद्य और पुष्प से पूजा की जाती है (Rama Ekadashi Vishnu Puja). यह व्रत सूर्योदय से शुरू होकर अगले दिन सूर्योदय तक की जाती है. एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए (Rama Ekadashi Rituals).
Rama Ekadashi 2024: रमा एकादशी को रंभा एकादशी और कार्तिक कृष्ण एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रमा एकादशी का व्रत रखा जाता है. रमा एकादशी का व्रत 28 अक्टूबर यानी आज रखा जा रहा है.
Rama Ekadashi 2024: कार्तिक माह में पड़ने वाली एकादशी को रमा एकादशी कहते हैं. इस दिन भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है. रमा एकादशी अन्य एकादशी की तुलना में हजार गुना अधिक फलदायी मानी गई है. कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति ये व्रत करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
Rama Ekadashi 2023: कार्तिक मास की पहली एकादशी यानी रमा एकादशी का व्रत 9 नवंबर यानी आज रखा जा रहा है. रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. रमा एकादशी अन्य दिनों की तुलना में हजारों गुना अधिक फलदाई मानी गई है. कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति ये व्रत करता है उसके जीवन की सभी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं.