रमजान (Ramadan) इस्लाम धर्म का एक पवित्र महीना है, जिसे मुस्लिम समुदाय उपवास (रोजा) रखकर मनाते हैं. इस्लामी कैलेंडर के नौवें महीने में आने वाला यह महीना आत्मशुद्धि, इबादत और संयम का समय होता है. रमजान साल का नौवां महीना होता है. इस्लाम धर्म में रमजान के महीने का खास महत्व होता है. इस महीने इस्लाम धर्म के लोग पूरी शिद्दत से खुदा की इबादत करते हैं और रोजा रखते हैं. प्रत्येक दिन रोजा रखने वाले मुसलमान रमजान के आखिरी दिन अल्लाह का शक्रिया अदा करते हुए 'ईद-उल-फितर' का त्योहार मनाते हैं.
इस्लाम धर्म की मान्यताओं के अनुसार, किसी भी देश में रमजान का महीना कब और किस दिन शुरू होगा, यह मक्का में चांद के दिखाई देने पर निर्भर करता है. सऊदी अरब में चांद दिखाई देने के अगले दिन भारत में रमजान शुरू होता है और मुसलमान पहला रोजा रखते हैं.
इस्लाम धर्म में रोजा रखने के कुछ खास नियम भी बताए गए हैं. रमजान में हर दिन सुबह सूर्योदय से पहले लोग अन्न ग्रहण कर सकते हैं, जिसे सहरी कहा जाता है. फिर सूर्यास्त के बाद कुछ खा सकते हैं. इसे इफ्तार कहा जाता है. सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक मुसलमान भूखे रहते हैं. रमजान के 30 पाक दिनों को तीन हिस्सों में बांटा गया है. पहले 10 दिनों को रहमत, अगले दस दिनों को बरक और अंतिम 10 दिनों को मगफिरत कहा जाता है.
चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के लिए शानदार प्रदर्शन करने वाले मोहम्मद शमी पर एक मौलाना ने फतवा जारी किया है. मौलाना का कहना है कि रमजान में रोजा न रखकर शमी ने गुनाह किया है. हालांकि, क्रिकेट फैंस और विशेषज्ञों ने शमी का समर्थन किया है. देखें.
चैंपियंस ट्रॉफी सेमीफाइनल में मोहम्मद शमी द्वारा रोजा न रखने पर विवाद छिड़ गया है. कुछ धर्मगुरु उन्हें गुनहगार बता रहे हैं, जबकि अन्य उनके निर्णय का समर्थन कर रहे हैं. यह घटना देश बनाम धर्म की पुरानी बहस को फिर से सामने लाई है. देखें.
भारत चैंपियंस ट्रॉफी उठाने से महज एक कदम दूर है. मंगलवार को खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में भारत ने ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को हराकर फाइनल में जगह बनाई, लेकिन अब इसी सेमीफाइनल मैच की एक तस्वीर ने कुछ मुस्लिम धर्मगुरुओं का गुस्सा भड़का दिया है. देखें.
मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने बताया कि, इस्लाम में ऐसा नहीं कहा गया है कि अगर आप नेशनल ड्यूटी पर हैं तो भी रोजा रखना ही रखना है. इस्लाम में कहा गया है कि अगर आप सफर कर रहे हैं तो रोजा नहीं भी रख सकते हैं. सफर के बाद जब आप अपने देश या अपने गंतव्य स्थान वापसी कर लें तो जो भी रोज छूट गए हैं उन्हें दोबारा रखा जा सकता है.