रंग पंचमी (Rang Panchami) होली (Holi) का ही एक रूप है जो देश के कई क्षेत्रों में चैत्र मास की कृष्ण पंचमी (Krishna Panchami) को मनाया जाता है. साल 2023 में 8 मार्च को होली मनाई जाएगी और रंग पंचमी 12 मार्च को मनाई जाएगी (Rang Panchami Date 2023). भारत के कुछ हिस्सों में जैसे मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में रंग पंचमी का विशेष महत्व है. रंग पंचमी मुख्य रूप से पंच तत्व जैसे पृथ्वी, अग्नि, वायु, जल और आकाश को सक्रिय करने के लिए मनाई जाती है.
रंग पंचमी का त्योहार हिंदू धर्म में अपना अलग महत्व रखता है. रंगों के त्योहार के लिए ये पर्व मालवा क्षेत्र में अधिक प्रचलित है. रंग पंचमी का त्योहार होली से संबंधित और काफी हद तक होली की ही तरह मनाया जाता है. ऐसे में इस दिन लोग रंग और गुलाल उड़ा कर अपनी खुशियां मनाते हैं. इसके अलावा बहुत सी जगहों पर इस दिन राधा रानी और कृष्ण को अबीर और गुलाल अर्पित किया जाता है. इसके अलावा इस दिन शोभा यात्राएं भी निकाली जाती है और होली की तरह देव होली के दिन भी लोग एक दूसरे पर रंग और अबीर डालते हैं (Rang Panchami Rituals).
मान्यता है कि, इस दिन देवी देवता रंगों और अबीर के साथ होली खेलते हैं. यही वजह है कि इस दिन को रंग पंचमी कहा जाता है (Rang Panchami Festival).
Rang Panchami 2025: होली के पांच दिन बाद चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर रंग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. कई स्थानों पर इस त्योहार का विशेष महत्व माना गया है. मथुरा और वृन्दावन के कुछ मंदिरों में रंग पंचमी के दिन ही होलिका उत्सव का समापन माना जाता है.
Rang Panchami 2024: रंग पंचमी का त्योहार देवताओं की होली कही जाती है. भारत के कुछ हिस्सों जैसे मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में रंग पंचमी का यह विशेष त्योहार बेहद ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. मान्यता है कि, इस दिन देवी देवता रंगों और अबीर के साथ होली खेलते हैं. यही वजह है कि इस दिन को रंग पंचमी कहा जाता है.
फाल्गुन माह की पूर्णिमा पर मनाई जाती है होली. मौसम बदलने लगता है. विज्ञान कहता है कि इस मौसम में वायुमंडल में बैक्टीरिया बहुत ज्यादा होते हैं. होलिका दहन से पारा चढ़ता है. बैक्टीरिया की बढ़ती मात्रा में रोक लगती है. असल में होली और खेलने वाले रंगों के पीछे का क्या साइंस है? क्या इससे कोई फायदा होता है?