रेपो रेट
रेपो रेट (Repo Rate) वह दर है जिस पर किसी देश का केंद्रीय बैंक धन की किसी भी कमी की स्थिति में वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है. रेपो रेट का उपयोग मौद्रिक अधिकारियों द्वारा इंफ्लेशन को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है. भारत इसका अधिकार में भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के पास है (What is Repo Rate).
इंफ्लेशन (Inflation) की स्थिति में, केंद्रीय बैंक रेपो रेट में वृद्धि करते हैं क्योंकि यह बैंकों के लिए सेंट्रल बैंक से उधार लेने के लिए एक निरुत्साह यानी डिसइंसेंटिव के रूप में कार्य करता है. यह अर्थव्यवस्था में मुद्रा आपूर्ति को कम करता है और इस प्रकार इंफ्लेशन को रोकने में मदद करता है (Increasing in Repo Rate).
रेपो दर वह दर है जिस पर कमर्शियल बैंक (Commercial Bank) किसी देश के सेंट्रल बैंक (Central Bank) से धन उधार लेते हैं जब उन्हें धन की आवश्यकता होती है. दूसरी ओर, रिवर्स रेपो दर (Reverse Repo Rate) कमर्शियल बैंकों को भुगतान की जाने वाली ब्याज दर है, जब वे सेंट्रल बैंक में अपनी अतिरिक्त धनराशि जमा करते हैं या जब सेंट्रल बैंक उनसे पैसा उधार लेता है. अप्रैल 2021 तक, RBI की रेपो दर 4% और रिवर्स रेपो दर 3.35% थी. मई 2020 में रेपो दर को 4.4% से घटाकर 4% और रिवर्स रेपो दर को 3.35% कर दिया था (Repo Rate in India).
Budget 2025 में 12 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स फ्री किए जाने से लेकर भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से पांच साल बाद रेपो रेट में कटौती (Repo Rate Cut) के ऐलान तक तमाम गुड न्यूज आईं, लेकिन शेयर बाजार में जारी सुस्ती को नहीं तोड़ सकीं. इसके पीछे कई बड़े कारण हैं.
Stock Market के लिए सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को भी मिले-जुले ग्लोबल संकेत मिल रहे हैं. एशियाई बाजारों में हैंगसैंग, शंघाई कम्पोजिट ग्रीन जोन में, तो जापान का निक्केई और साउथ कोरिया का कोस्पी रेड जोन में है. हालांकि, Gift Nifty तेजी के साथ ट्रेड कर रहा है.
RBI ने घटाया ब्याज… तो क्या अब EMI कम कराने के लिए जाना होगा बैंक?
फरवरी 2023 से रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया गया था. अब एमपीसी बैठक में सर्वसम्मति से ब्याज दर को कम करने का फैसला लिया है. ब्याज दर में कटौती का ऐलान होने के बाद आम आदमी को होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन की ईएमआई में राहत मिलने की उम्मीद है.
RBI ने रेपो रेट में कटौती कर दी है, जिससे होम लोन ग्राहकों को EMI में कमी का लाभ मिल सकता है. रेपो रेट को 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया गया है. इस कदम से 30 लाख के लोन पर EMI ₹481 तक कम हो सकती है. RBI ने 2025-26 के लिए विकास दर का अनुमान 6.7% लगाया है. देखें वीडियो.
भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट (RBI Repo Rate) में कटौती का ऐलान कर मिडिल क्लास को बड़ा तोहफा दिया है. रेपो रेट में 0.25% की कटौती की गई है, जिससे अब रेपो रेट 6.50 से घटकर 6.25 हो गया है. अब क्या ईएमआई कम कराने के लिए बैंक जाना होगा?
भारतीय रिजर्व बैंक ने मिडिल क्लास को बड़ी राहत देते हुए रेपो रेट में कटौती कर दी है. रेपो रेट में यह कटौती 25 बेसिस पॉइंट की की गई है, जिस कारण अब मौजूदा रेपो रेट 6.25 फीसदी हो गया है. रेपो रेट में यह कटौती 5 साल बाद की गई है.
RBI ने 5 साल बाद रेपो रेट में कटौती की है. रेपो रेट 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया गया है. इस फैसले से होम लोन और अन्य ऋणों की EMI में कमी आने की संभावना है. मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठक ने यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया है. नए RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस फैसले की घोषणा की. देखें Video.
फरवरी 2023 से रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है. इससे पहले 2020 में कोविड महामारी के दौरान रेपो रेट को घटाया गया था, लेकिन इसके बाद धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया गया. ब्याज दर में कटौती का ऐलान होने के बाद आम आदमी को होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन की ईएमआई में राहत मिल सकती है.
केंद्रीय बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक बुधवार से ही चल रही है. इस बैठक में रेपो रेट, महंगाई और जीडीपी को लेकर चर्चा की जा रही है. ऐसा माना जा रहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक इस बैठक में बड़ा फैसला ले सकता है और आज यानी 7 फरवरी को रेपो रेट में कटौती का ऐलान कर सकता है.
RBI MPC Meeting बुधवार 5 फरवरी को शुरू हुई है और इसका अध्यक्षता रिजर्व बैंक के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा कर रहे हैं. उनके द्वारा रेपो रेट को लेकर बैठक में लिए गए फैसलों का ऐलान शुक्रवार को सुबह 10 बजे किया जाएगा.
भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक 5 फरवरी से शुरू हो रही है, जो 7 फरवरी तक चलेगी. इसके बाद केंद्रीय बैंक के गवर्नर रेपो रेट और अन्य फैसले के बारे में जानकारी देंगे.
फरवरी में होने वाली RBI की बैठक में ब्याज दरों में कटौती की संभावना जताई जा रही है. SBI के चेयरमैन सी एस सेट्टी ने ये संकेत दिया है.
भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी फरवरी में इंटरेस्ट रेट्स में कटौती पर विचार कर सकती है. ये दावा ICICI बैंक की एक रिपोर्ट में किया गया है.
RBI गवर्नर के पद पर संजय मल्होत्रा की नियुक्ति ऐसे समय में हो रही है, जबकि दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) में गिरावट आई है, वहीं दूसरी ओर महंगाई दर रिजर्व बैंक के तय दायरे के बाहर निकल गई है. इसके अलावा भी उनके सामने कई चुनौतियां होंगी.
अब जिन किसानों को 2 लाख रुपये तक की लोन की आवश्यकता होगी, वे बिना किसी संपत्ति को गिरवी रखे ये पैसा पा सकेंगे. हालांकि उन्हें पहचान और अन्य जरूरी कामों के लिए अन्य डॉक्यूमेंट देने होंगे. भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से ये ऐलान छोटे और सीमांत किसानों को क्रेडिट लाइन में शामिल करने के लिए किया गया है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बार फिर रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट को 11वीं बार 6.50 फीसदी पर रखा गया है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट को लेकर बड़ा फैसला लिया है. रेपो रेट में इस बार भी कोई बदलाव नहीं किया गया है. अभी भी रेपो रेट 6.50 फीसदी पर स्थिर है. यह 11वीं बार है जब रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
सीआरआर वाणिज्यिक बैंकों को सॉल्वेंसी स्थिति बनाने और उसे बनाए रखने में मदद करता है. यह सुनिश्चित करता है कि सभी वाणिज्यिक बैंकों में तरलता प्रणाली सुसंगत और अच्छी तरह से बनी रहे.
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास कुछ ही देर बाद आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में लिए गए फैसले का ऐलान करेंगे. अभी RBI रेपो रेट 6.50 फीसदी पर होल्ड है.
नोमुरा ने कहा कि कमजोर बढ़ोतरी और एक साल के आगे की महंगाई की संभावना पॉलिसी मेकर्स को रेपो रेट में कटौती करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है. शेयर निवेशक शुक्रवार को RBI की नीति के नतीजों पर उत्सुकता से नज़र रखेंगे.