भारतीय रिजर्व बैंक
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केंद्रीय बैंक है (India’s Central Bank). यह एक नियामक निकाय है जो भारतीय रुपये के नोटों की छपाई, आपूर्ति और भारतीय बैंकिंग प्रणाली के नियमन के लिए जिम्मेदार है. यह देश की मुख्य भुगतान प्रणालियों का प्रबंधन और इसके आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए काम करता है. यह देश के मौद्रिक नीति को तैयार करने के बाद उसे कार्यान्वित करता है और उसकी देखरेख भी करता है. यह मुद्रा के लेन देन को नियंत्रित करता है. विदेशी मुद्रा के प्रबंधन की जिम्मेदारी भी रिजर्व बैंक की ही है. यह सरकार का बैंकर या बैंको के बैंकर के रूप में काम करता है (RBI Functions).
भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 के तहत हुई थी. इसने 1 अप्रैल 1935 को अपना परिचालन शुरू किया. शुरुआत में इसका मुख्यालय कोलकाता में था जो 1937 में मुंबई आ गया (RBI Headquarter). हालांकि शुरू में इसका स्वामित्व निजी तौर पर था, लेकिन 5 अगस्त 1947 को भारत की स्वतंत्रता के बाद, 1 जनवरी 1949 को आरबीआई का राष्ट्रीयकरण किया गया. तब से यह पूरी तरह से वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के स्वामित्व में है (RBI History).
आरबीआई के दिशा – निर्देशन की पूरी ताकत 21-सदस्यीय केंद्रीय निदेशक मंडल में निहित है, जिसमें शामिल हैं: गवर्नर, चार डिप्टी गवर्नर, वित्त मंत्रालय के दो प्रतिनिधि (आमतौर पर आर्थिक मामलों के सचिव और वित्तीय सेवा सचिव), दस सरकार द्वारा मनोनीत निदेशक, और चार निदेशक जो मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और दिल्ली के लिए स्थानीय बोर्डों का प्रतिनिधित्व करते हैं (RBI Structure).
यह एशियाई क्लियरिंग संघ का सदस्य बैंक है. बैंक वित्तीय समावेशन नीति को बढ़ावा देने में भी सक्रिय है और अवायंस फॉर फाइनेंशियल इन्कलूजन (एएफआई) का एक प्रमुख सदस्य है. रिजर्व बैंक को अक्सर 'मिंट स्ट्रीट' नाम से भी जाना जाता है (Mint Street).
12 नवंबर 2021 को, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने दो नई योजनाओं की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य निवेश का विस्तार करना और निवेशकों के लिए अधिक सुरक्षा सुनिश्चित करना था. दो नई योजनाओं में आरबीआई खुदरा प्रत्यक्ष योजना और रिजर्व बैंक एकीकृत लोकपाल योजना शामिल हैं (RBI New Schemes).
भारतीय राज्यों पर कर्ज (Debt On Indian State) का बोझ बीते पांच साल में तेजी से बढ़ा है और RBI के आंकड़ों के मुताबिक, 2019 की तुलना में 2024 में ये 74 फीसदी ज्यादा हो गया है.
कांग्रेस पार्टी की केरल यूनिट ने हाल ही में एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि प्रीति जिंटा को भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जोड़ा, जिसमें रिश्वतखोरी का आरोप लगाया और कहा कि एक्ट्रेस ने अपने 18 करोड़ का लोन माफ करवा लिया.
New India Co-operative Bank के ग्राहकों को भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से बड़ी राहत मिली है. बीते 13 फरवरी को केंद्रीय बैंक ने इस पर प्रतिबंध लगाए थे, लेकिन सोमवार को जमा खातों से 25,000 रुपये तक की निकासी की छूट दी गई है.
अब इस मामले में एक और अपडेट सामने आया है, जिसमें 122 करोड़ का घोटाला का आरोप लगाया गया है. साथ ही जनरल मैनेजर हितेश मेहता पर FIR भी दर्ज कराई गई है. इस मामले में मुंबई पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है.
मुंबई पुलिस ने न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के पूर्व जनरल मैनेजर और हेड ऑफ अकाउंट्स हितेश मेहता के खिलाफ 122 करोड़ रुपये के रिजर्व फंड के गबन का मामला दर्ज किया है. बैंक के एक्टिंग सीईओ देवर्षि घोष की शिकायत पर यह एफआईआर दर्ज की गई है. मामले की जांच मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा करेगी. इस घोटाले से बैंक के खाताधारकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आरबीआई ने बैंक पर प्रतिबंध लगा दिए हैं जिससे लोग अपने पैसे नहीं निकाल पा रहे हैं.
मुंबई के न्यू इंडिया को-ओपरेटिव बैंक मामले में पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है. बैंक के एक्टिंग सीईओ देवर्षि घोष की शिकायत पर जनरल मैनेजर हितेश मेहता के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. आरोप है कि मेहता ने अपने पद का दुरुपयोग कर रिजर्व फंड में गबन किया. मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा मामले की जांच करेगी. देखें...
RBI ने न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक पर 6 महीने के लिए प्रतिबंद लगा दिया है. सवाल है क्या न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक डूब गया है? और अगर बैंक डूब गया तो फिर आपके पैसे का क्या होगा? रिजर्व बैंक ने जबसे न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक पर प्रतिबंध लगाया है तभी से उसके खाताधारक परेशान हैं. लोग पूछ रहे हैं कि हमारा रुपया कब मिलेगा? देखें मुंबई मेट्रो.
मुंबई के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक से छह महीने तक पैसा निकालने पर आरबीआई की रोक के बाद बैंक के खाताधारकों में हड़कंप मच गया है। इस वक्त बैंक की अंधेरी के विजयनगर शाखा के बाहर बड़ी तादाद में खाताधारक खड़े हैं और अपने पैसे को लेकर चिंता जता रहे हैं. भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक बैंक की मौजूदा नकदी स्थिति को देखते हुए न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के खिलाफ ये एक्शन लिया है।
मुंबई के न्य इंडिया कोऑपरेटिव बैंक पर RBI ने बैन लगा दिया, जिससे ग्राहक परेशान हो गए. इस मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उन्हें पूरी जानकारी नहीं है, लेकिन उनका मानना है कि RBI ने ये कार्रवाई सोच-समझकर की होगी. देखें ये वीडियो.
RBI ने न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक पर प्रतिबंध लगा दिया है, लोग पैनिक हो रहे हैं कि कहीं बैंक डूब तो नहीं जाएगा, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है. देखें ये वीडियो
महाराष्ट्र के न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक पर रिजर्व बैंक ने प्रतिबंध लगाया है, जिससे ग्राहकों में हड़कंप मच गया है. बैंक की शाखाओं पर ग्राहकों की लंबी कतारें लग गई हैं, क्योंकि लोग अपनी जमा पूंजी निकालने के लिए परेशान हो रहे हैं. बैंक के अन्य सभी लेनदेन पर रोक लगा दी गई है, केवल लॉकर सुविधा ही चालू है.
महाराष्ट्र के न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक पर रिज़र्व बैंक ने रोक लगा दी है. इससे बैंक के ग्राहकों में हड़कंप मच गया है. लोग अपने पैसे निकालने के लिए बैंक की शाखाओं पर पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें केवल लॉकर तक ही पहुंच दी जा रही है. कई लोगों ने अपनी जीवन भर की बचत इस बैंक में जमा की थी और अब वे चिंतित हैं. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि RBI ने सोच-समझकर यह कदम उठाया होगा. बैंक के खाताधारक परेशान हैं और अपने पैसे के लिए चिंतित हैं.
मुंबई में RBI की पाबंदी के बाद न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक की अंधेरी शाखा में खाताधारकों के बीच हाहाकार मचा हुआ है. बैंक ने खातों को फ्रीज कर दिया है, जिससे लोग अपने पैसे निकालने में असमर्थ हैं. इस बीच एक बुजुर्ग महिला खाताधारक ने बताया कि उनके गहने और सारी बचत इसी बैंक में जमा है. देखें...
अधिकारी भीड़ को काबू करने के लिए बैंक के बाहर खड़े लोगों को कूपन दे रहे हैं, ताकि वे अपने लॉकर खोल सके. हालांकि जिन लोगों के पैसे अकाउंट में जमा हैं, उन्हें पैसे निकालने की अनुमति नहीं है. कुछ लोगों की तो सैलरी अभी हाल ही में आई और वे पैसे भी नहीं निकाल पाए थे. उन्हें भी पैसे निकालने का परमिशन नहीं दिया गया है.
मुंबई के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक से छह महीने तक पैसा निकालने पर आरबीआई की रोक के बाद बैंक के खाताधारकों में हड़कंप मच गया है. इस वक्त बैंक की अंधेरी के विजयनगर शाखा के बाहर बड़ी तादाद में खाताधारक खड़े हैं और अपने पैसे को लेकर चिंता जता रहे हैं. देखें Video.
मुंबई में न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर RBI ने पाबंदी लगा दी है. इसके चलते खाताधारकों में अफरा-तफरी मच गई. बैंक के बाहर लोगों की लंबी कतारें लग गईं. RBI ने 5 लाख रुपये तक निकासी की अनुमति दी, लेकिन शर्तों के साथ. बैंक के अनियमित लेनदेन और बढ़ते NPA के कारण यह कदम उठाया गया. देखें लंच ब्रेक.
मुंबई में स्थित न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के खिलाफ भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा कार्रवाई की गई है. बैंक के बाहर खाताधारकों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं और लेनदेन पर प्रतिबंध के कारण ग्राहक परेशान हैं. 6 महीनों तक जमा की निकासी पर रोक लगाई गई है, जबकि केवल लॉकर तक सीमित पहुंच है. देखें.
मुंबई में न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक पर आरबीआई ने 6 महीने का बैन लगा दिया है. वहीं, जमा-निकासी को लेकर भी कई पाबंदियां लगाई है, जिससे लोगों की चिंता बढ़ गई है. बैंक के बाहर लोगों की भारी भीड़ है. इस मामले पर बैंक अधिकारियों का कहना है कि स्थिति में सुधार तीन महीने में संभावित है. देखें.
मुंबई में न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक पर आरबीआई ने छह महीने का प्रतिबंध लगाया है, जिससे बैंक के खाताधारकों में चिंता फैल गई है. बैंक की अंधेरी शाखा के बाहर बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए हैं. ग्राहक अपने पैसों के सुरक्षित रहने को लेकर परेशान हैं. देखें.
भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक पर छह महीने की अवधि के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. यह निर्णय बैंक के उच्च एनपीए के चलते लिया गया है. ग्राहकों को अपने खातों से राशि निकालने की अनुमति नहीं दी गई है, हालांकि वे केवल अपने लॉकर तक पहुंच प्राप्त कर सकते है. देखें.
मुंबई के इंडिया कोऑपरेटिव बैंक पर आरबीआई द्वारा पाबंदी लगाए जाने से खाताधारकों में अफरा-तफरी मच गई है. बैंक के बाहर लोग अपने पैसे निकालने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि आरबीआई ने पांच लाख रुपये तक निकासी की अनुमति दी है. बैंक पर अनियमित लेनदेन और बढ़ते एनपीए के कारण कार्रवाई की गई है. देखें.