साबरकांठा
साबरकांठा (Sabarkantha) भारत के राज्य गुजरात (Gujarat) का एक जिला है. यह जिला गुजरात राज्य के उत्तर पूर्वी भाग में स्थित है. जिले का प्रशासनिक मुख्यालय अहमदाबाद से लगभग 80 किलोमीटर दूर हिम्मतनगर है. साबरकांठा जिला उत्तर पूर्व में राजस्थान राज्य, पश्चिम में बनासकांठा और मेहसाणा जिले, दक्षिण में गांधीनगर और दक्षिण-पूर्व में अरावली जिले से घिरा हुआ है. इसका क्षेत्रफल 7,394 वर्ग किलोमीटर है (Geographical area).
साबरकांठा जिले के अंतर्गत एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र (Parliamentary Constituency) और 4 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र (Assembly Constituency) हैं.
2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक साबरकांठा जिले की जनसंख्या (Population) 24 लाख से ज्यादा है और यहां हर एक वर्ग किलोमीटर में 328 लोग रहते हैं. इस जिले का लिंग अनुपात (Sex Ratio) प्रति 1000 पुरुष 952 महिला है. इस जिले की 75.79 फीसदी जनसंख्या साक्षर है जिसमें पुरूष साक्षरता दर 86.44 फीसदी और महिला साक्षरता दर 64.69 फीसदी है. (Sabarkantha Literacy).
साबरकांठा जिले की पश्चिमी सीमा पर साबरमती नदी बहती है. कर्क रेखा इस जिले से होकर गुजरती है. इसका उत्तर-पूर्वी भाग अरावली पहाड़ियों से आच्छादित है. इस जिले की मुख्य नदियों में साबरमती, मेशवो, वात्रक, हाथमती, मजूम, वैदी, हरनव और खारी शामिल हैं (Natural Phenomenon of Sabarkantha)
साबरकांठा जिले को 4 राजस्व उप-मंडलों और 8 तालुकों में विभाजित किया गया है. जिले में 6 नगर पालिकाएं हैं. पोशिना, खेड़ब्रह्मा और विजयनगर तालुका पहाड़ी और वन क्षेत्र हैं और मुख्य रूप से आदिवासी तालुका हैं. जिले के एक छोटे से गांव पुंसारी को गुजरात के सर्वश्रेष्ठ गांव के रूप में चुना जा चुका है (Social Structure of Sabarkantha).
साबरकांठा जिले में स्थित पोलो फॉरेस्ट नेचर और एडवेंचर को पसंद करने वालों के लिए एक अच्छा पर्यटक स्थल है. पोलो गुजरात के सबसे प्राचीन ऐतिहासिक स्थलों में से एक है. यह अपनी हरियाली, जंगल और मिलों के लिए प्रसिद्ध है. यहां कई तरह के आकर्षक वनस्पतियों और वन्य जीवों की मौजूदगी है. यह दुर्लभ पक्षियों की 200 से अधिक प्रजातियों का अभयारण्य होने के कारण बर्ड वॉचर्स डिलाइट है (Tourist Places of Sabarkantha).
गुजरात के साबरकांठा में नदी में आई अचानक बाढ़ में एक दंपत्ति फंस गया था. जिसका हैरान कर देने वाला वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. दोनों ही पति-पत्नी का सफल रेस्क्यू भी कर लिया गया. देखें VIDEO
गुजरात के साबरकांठा में बाढ़ का कहर देखने को मिल रहा है. इसी बीच एक हैरान कर देने वाला वीडियो सामने आया है. जहां नदी में अचानक बाढ़ के पानी में एक दंपत्ति फंस गया. पानी में बहने से बचने के लिए वह अपना कार के ऊपर चढ़ गए. देखिए VIDEO
गुजरात में पिछले कई दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए और बारिश का अलर्ट जारी किया है. मेहसाना, खेड़ा, साबरकाठा, अरावली और बनासकांठा जिलों में भारी जलभराव हुआ है. कई जगहों पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं. सड़कों पर कमर तक पानी भर गया है और गाड़ियां डूब गई हैं. मौसम विभाग ने अगले सात दिनों तक बारिश की भविष्यवाणी की है.
साबरकांठा में बिजली गिरने का लाइव वीडियो सामने आया है. जिस वक्त बिजली गिरी, उस वक्त 4 मजदूर खेतों में काम कर रहे थे, जिसके चलते एक की मौत हो गई. जबकि एक घायल है. जिसको इलाज के लिए भर्ती कराया गया है.
साबरकांठा से हैरान कर देने वाला वीडियो सामने आया है. जिसमें दिख रहा है कि स्कूली बैग को उलटते ही काले रंग का सांप फनफनाता हुआ बाहर निकला. फिर सांप इधर-उधर जाने लगा. इस दौरान परिजनों में किसी ने इस घटनाक्रम को अपने फोन में कैद कर लिया.
गुजरात के साबरकांठा और अरावली जिलों में चांदीपुरा नामक एक वायरस ने दस्तक दे दी है. जिससे संक्रमित होने से 2 दिन के भीतर चार बच्चों की मौत का दावा किया जा रहा है. वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम एक्टिव हो गई है और जांच भी शुरू कर दी है.
Sabarkantha Blast Case: जयंतीभाई की पत्नी और जीतूभाई (मृतक) एक ही गांव के थे और एक-दूसरे को लंबे समय से जानते थे. इसलिए जिलेटिन स्टिक का उपयोग करके एक रेडियो जैसा उपकरण बनाया गया, जिसका उपयोग आमतौर पर विस्फोट के लिए किया जाता है.
आजतक का हेलिकॉप्टर 'शॉट' गुजरात के साबरकांठा पहुंचा. जहां सियासी रण काफी रोचक हो गया है. बीजेपी की नई उम्मीदवार शोभना बारैया बड़ी जीत का दावा कर रहीं हैं. वहीं, कांग्रेस से तुषार चौधरी कह रहे हैं कि जनता बीजेपी की विदाई का मन बना चुकी है, इसलिए इस बार कांग्रेस का करिश्मा दिखना तय है. देखें ये स्पेशल एपिसोड.
गुजरात के साबरकांठा जिले (Sabarkantha) के रहने वाले बिजनेसमैन भावेश भाई भंडारी जैन दीक्षा लेने जा रहे हैं. उनके साथ उनकी पत्नी ने भी सांसारिक मोह त्यागकर संन्यासी बनने का फैसला किया है. दो साल पहले भावेश भाई के बेटा और बेटी ने भी ऐशो आराम की जिंदगी को ठुकराकर दीक्षा ले ली थी.
गुजरात में बीजेपी के दो उम्मीदवारों ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है. साबरकांठा से भीखाजी ठाकुर ने अपना टिकट लौटा दिया है. वहीं वडोदरा की सांसद और पार्टी उम्मीदवार रंजन भट्ट ने भी चुनाव लड़ने से इनकार किया है और इसके लिए निजी कारण बताए हैं. देखें गुजरात आजतक.
पहाड़ों से लेकर मैदान तक भारी बारिश ने लोगों को बेहाल कर दिया. मुश्किलें अभी खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. गुजरात के साबरकांठा में एक शख्स पानी के तेज बहाव में फंस गया. जो शख्स उसे बचाने गया था, वो भी लहरों की आगोश में आ गया. जैसे तैसे करके दोनों किनारे पहुंचे. देखें ये वीडियो.
गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 का बिगुल बज चुका है. इसे लेकर साबरकांठा जिले की हिम्मतनगर विधानसभा सीट पर हर राजनीतिक दल और प्रत्याशी अपने अंदाज में चुनाव प्रचार करने में लगे हैं. इस दौरान इस सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी भी लोगों के बीच सुर्खियों में है. इसका कारण है, उनका ढाई फुट की मुछें. लोग कहते हैं, मूछें हो तो मगनलाल जैसी.
Gujarat Assembly Election 2022: साबरकांठा जिले की इदार विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस सीट से नरहरि अमीन और गुजरात विधानसभा अध्यक्ष रमनलाल वोरा समेत शीर्ष नेता जीत दर्ज कर चुके हैं. रमनलाल वोरा लगातार पांच बार इस सीट से चुने गए थे. वर्तमान में हितु कनोडिया इदार के विधायक हैं.
Gujarat Vidhansabha Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 में प्रांतिज विधानसभा सीट से बीजेपी के परमार गजेंद्र सिंह की जीत हुई थी. उनका मुकाबला कांग्रेस के बरैया महेन्द्रसिंह कछारसिंह से था. वहीं, साल 2012 में कांग्रेस के बरैया महेंद्र सिंह कछारसिंह ने 47.9 फीसदी वोट हासिल कर चुनाव जीता था. प्रांतिज में 1990 से 2007 तक बीजेपी को लगातार जीत मिली.
Gujarat Vidhansabha Election: साल 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद गुजरात में राजनीतिक समीकरण काफी बदले. उस समय गुजरात में बीजेपी ने पहली बार सरकार बनाई और हिम्मतनगर सीट पर पाटीदारों का एकछत्र शासन भी समाप्त हो गया. क्षत्रिय समाज के रणजीत सिंह चावड़ा पहली बार यहां विधायक चुने गए थे. वहीं, पिछले चुनाव में यहां से बीजेपी ने जीत दर्ज की थी.
Gujarat Vidhansabha Chunav: गुजरात के साबरकांठा में खेड़ब्रह्मा विधानसभा को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. यहां वर्तमान में कांग्रेस का दबदबा है. दो कार्यकाल को छोड़कर यहां सिर्फ कांग्रेस सत्ता में आई है. इस सीट पर आदिवासियों के अलावा ठाकोर, पाटीदार और क्षत्रिय वोट भी अहम हैं. कांग्रेस अपनी इस सीट को बचने के लिए काफी मेहनत कर रही है.
साबरकांठा जिले के गांभोई गांव में गुरुवार को एक नवजात खेत में जिंदा दफन मिला. खेत मालिक जब वहां पहुंचा तो नवजात का हाथ दिखाई दिया, जिसके बाद उसने मिट्टी हटाकर नवजात को बाहर निकाला. वह लगातार रो रहा था, जिसके बाद किसान ने एंबुलेंस बुलाकर उसे अस्पताल में जांच के लिए पहुंचाया.