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साइना नेहवाल

साइना नेहवाल

साइना नेहवाल

साइना नेहवाल, बैडमिंटन खिलाड़ी 

साइना नेहवाल (Saina Nehwal) एक भारतीय पेशेवर बैडमिंटन खिलाड़ी हैं (Indian Professional Badminton Player ). वह पूर्व विश्व नंबर 1 खिलाड़ी रही हैं (Former World Number 1) और उन्होंने 24 से अधिक अंतरराष्ट्रीय खिताब जीते हैं (More than 24 International Titles), जिसमें ग्यारह सुपरसीरीज खिताब शामिल हैं (11 Super Series Titles). वह 2009 में दुनिया की दूसरे नंबर की शटलर बन चुकी थीं, लेकिन वर्ल्ड नंबर 1 रैंक हासिल करने के लिए उन्हें 2015 तक इंतजार करना पड़ा, जब वह पहले नंबर पर आने वाली भारत की एकमात्र महिला खिलाड़ी बन गईं. उन्होंने ओलंपिक में तीन बार भारत का प्रतिनिधित्व किया है. साइना ने लंदन में हुए अपने दूसरे ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीता था (Olympic Bronze Medalist).

हरवीर सिंह नेहवाल (Saina Father) और उषा रानी नेहवाल (Saina Mother) की बेटी साइना नेहवाल का जन्म 17 मार्च 1990 को हरियाणा के हिसार में हुआ था (Born in Hissar). उनकी एक बड़ी बहन चंद्रांशु नेहवाल है (Saina Sister). साइना ने कैंपस स्कूल सीसीएस एचएयू, हिसार में स्कूली शिक्षा के पहले कुछ साल पूरे किए. बाद में, हैदराबाद के सेंट एन कॉलेज फॉर विमेन से 12वीं तक की पूरी की (Saina Education). उनकी मां, उषा रानी, हरियाणा में राज्य स्तरीय बैडमिंटन खिलाड़ी थीं. उन्होंने 2014 तक गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी में पुलेला गोपीचंद से प्रशिक्षण लिया (Pullela Gopichand). इसके बाद, वह बैंगलोर में प्रकाश पादुकोण (Prakash Padukone) बैडमिंटन अकादमी में शामिल हो गईं और विमल कुमार (Vimal Kumar) से कोचिंग ली, इस दौरान वह विश्व नंबर एक बनीं. वह 2017 में गोपीचंद की एकेडमी में लौट आईं. अपनी पुस्तक ड्रीम्स ऑफ ए बिलियन: इंडिया एंड द ओलंपिक गेम्स' में, गोपीचंद ने कहा कि जब वह उन्हें छोड़कर बैंगलोर में प्रशिक्षण के लिए गईं तो उन्हें बहुत दुख हुआ (Dreams of a Billion: India and the Olympic Games).

नेहवाल ने भारत के लिए बैडमिंटन में कई मील के पत्थर हासिल किए हैं. वह एकमात्र भारतीय हैं जिन्होंने प्रत्येक BWF प्रमुख व्यक्तिगत स्पर्धा, यानी ओलंपिक, BWF विश्व चैंपियनशिप और BWF विश्व जूनियर चैंपियनशिप में कम से कम एक पदक जीता है (one medal in every BWF major individual event). वह ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं, BWF विश्व  चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय होने के साथ-साथ BWF विश्व जूनियर चैंपियनशिप जीतने वाली एकमात्र भारतीय भी हैं. 2006 में, नेहवाल 4-सितारा टूर्नामेंट जीतने वाली पहली भारतीय महिला और सबसे कम उम्र की एशियाई बनीं. उन्हें सुपर सीरीज का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय होने का गौरव भी प्राप्त है. 2014 के उबेर कप में, उन्होंने भारतीय टीम की कप्तानी की और अपराजित रहीं, जिससे भारत को कांस्य पदक जीतने में मदद मिली। यह किसी भी BWF प्रमुख टीम स्पर्धा में भारत का पहला पदक था. नेहवाल राष्ट्रमंडल खेलों में दो सिंगल्स स्वर्ण पदक (2010 और 2018) जीतने वाली पहले भारतीय बनीं (Saina Career).

2016 में, उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. इससे पहले, मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार भी वह हासिल कर चुकी थीं (Saina Awards). 
 

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