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समलैंगिक विवाह

समलैंगिक विवाह

समलैंगिक विवाह

दुनिया के बहुत से देशों की तरह ही, भारत में भी समलैंगिक विवाह (Same Sex Marriage) को कानूनी रूप से मान्यता नहीं दी गई है. लेकिन साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया. जिसके बाद देश में LGBTQ+ समुदाय को काफी मजबूती मिली है. इसके बाद कई एलजीबीटीक्यू जोड़ों ने अपने रिश्ते को "आधिकारिक" बनाने के लिए शादी या शादी जैसे समारोह आयोजित किए हैं.

यह सच है कि भारत में समलैंगिक विवाह को कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त नहीं है. लेकिन इसे प्रतिबंधित करने वाला कोई वैधानिक या संवैधानिक प्रावधान भी नहीं है. भारत में साल 2018 के बाद कई समलैंगिक शादियां हुई हैं. जिनमें हाल ही में हुई अभिषेक रे और चेतन शर्मा की शादी इंटरनेट पर काफी वायरल हुई थी (Same Sex Marriage in India). 

14 दिसंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को मान्यता देने से जुड़ी दिल्ली हाईकोर्ट समेत अलग-अलग अदालतों में दायर याचिकाओं को अपने पास ट्रांसफर करने की मांग पर केंद्र से जवाब मांगा था. इससे पहले 25 नवंबर को ही सुप्रीम कोर्ट में भी दो अलग-अलग समलैंगिक जोड़ों की याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस भेजा था. अलग-अलग अदालतों में दाखिल याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 6 जनवरी को अपने पास ट्रांसफर कर लिया था. समलैंगिकों की ओर से दाखिल इन याचिकाओं में स्पेशल मैरिज एक्ट, फॉरेन मैरिज एक्ट समेत शादी से जुड़े कई कानूनी प्रावधानों को चुनौती देते हुए समलैंगिक विवाह को अनुमति देने की मांग की गई थी (Same Sex Marriage High Court). 

बहुत देशों में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दी गई है.

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