संतों द्वारा सनातन बोर्ड (Sanatan Board) बनाने की मांग की जा रही है. महाकुंभ में हिन्दुओं के लिए सनातन बोर्ड की मांग और बढ़ गई है. 27 जनवरी 2025 को प्रयागराज कुंभ में पारित प्रस्ताव के अनुसार इस कानून को सनातन हिंदू बोर्ड अधिनियम कहा जाएगा. इसे केंद्र सरकार संसद से पास करेगी.
संतों के अनुसार सनातन हिंदू बोर्ड को एक स्वतंत्र निकाय के रूप में स्थापित किया जाएगा. इसका काम हिंदू मंदिरों, उनकी संपत्तियों और उनके धन की देख-रेख करना होगा. सनातन बोर्ड मंदिरों में वैदिक सनातन पूजा पद्धति, सनातनी परंपरा, सनातनी हिंदुओं के धार्मिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा.
इस बोर्ड के सदस्य वही व्यक्ति होंगे जो हिंदुत्व में विश्वास रखते हो और सनातन परंपरा की सेवा करने की प्रबल इच्छा रखते हों.
देश के चारों शंकराचार्य के संरक्षण में केंद्रीय सनातन बोर्ड का गठन किया जाएगा. इसमें 11 सदस्य होंगे. जिनमें 4 सदस्य चारों प्रमुख जगदगुरु होंगे. 3 सदस्य सनातनी अखाड़ों के प्रमुख होंगे. 1 सदस्य संरक्षक मंडल द्वारा नामित किया जाएगा. 3 सदस्य प्रमुख संत/कथाकार अथवा धर्माचार्य होंगे. इसके अलावा सनातन बोर्ड का एक सहयोगी मंडल होगा इसमें 11 सदस्य होंगे. इनमें 2 सबसे बड़े हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधि, प्रमुख कथाकार, मंदिरों और गौशालों से जुड़े प्रमुख व्यक्ति होंगे.
महाकुंभ की धर्म संसद में सनातन बोर्ड बनाने की मांग उठी है. इसके तहत देश के सभी बड़े मंदिरों का प्रबंधन सरकार के नियंत्रण से बाहर किया जाएगा. साधु-संतों का कहना है कि जैसे मस्जिदों और मदरसों के संचालन में सरकार की दखलंदाजी नहीं होती, वैसे ही मंदिरों के लिए भी एक स्वतंत्र बोर्ड होना चाहिए. देखिए VIDEO