सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) रूस के विदेश मंत्री हैं. वह 2004 से इस पद कार्यरत है. वह जारिस्ट युग के बाद से सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले विदेश मंत्री हैं. लावरोव ने 1994 से 2004 तक संयुक्त राष्ट्र में रूस के स्थायी प्रतिनिधि रहे थें.
लावरोव का जन्म 21 मार्च 1950 को मास्को में हुआ था (Sergey Lavrov Born). लावरोव रूसी, अंग्रेजी, धिवेही, फ्रेंच और सिंहली धाराप्रवाह बोलते हैं.
अगस्त 2023 में, लावरोव ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के स्थान पर दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया (Sergey Lavrov BRICS Summit). इस समिट में वह वीडियो लिंक के माध्यम से जुड़े. ठीक उसी तरह सितंबर 2023 में भारत में हो रहे जी20 शिखर सम्मेलन में पुतिन के स्थान पर सर्गेई लावरोव ही हिस्सा लेंगे (Sergey Lavrov G20 Summit).
लावरोव, व्लादिमीर पुतिन की दूसरी कैबिनेट के दौरान अपने पद पर बने रहे. वह 2008 से 2012 तक राष्ट्रपति पद पर रहे दिमित्री मेदवेदेव के कैबिनेट दौरान भी विदेश मंत्री रहे. 21 मई 2012 को दिमित्री मेदवेदेव जब प्रधानमंत्री थें तब लावरोव को कैबिनेट में फिर से विदेश मंत्री नियुक्त किया गया.
रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि लावरोव और जयशंकर ने द्विपक्षीय सहयोग एजेंडे के प्रमुख मामलों के साथ-साथ कज़ान में आगामी ब्रिक्स शिखर समिट की तैयारियों, यूक्रेन समझौते पर चर्चा की.
रूस के सोच्चि में वर्ल्ड यूथ फोरम के दौरान लावरोव से पूछा गया था कि यूक्रेन युद्ध के बीच भारत आखिर क्यों रूस से तेल खरीद रहा है. इस पर लावरोव ने जयशंकर को अपना दोस्त बताते हुए कहा कि रूस से कच्चा तेल खरदीना भारत के लिए राष्ट्रीय गरिमा की बात है.
रूसी विदेश मंत्री ने जी20 के राजनीतिकरण के प्रयासों को रोकने के लिए भारत के प्रति आभार जताया. उन्होंने कहा कि यह शिखर सम्मेलन निश्चित रूप से सफल रहा है. संयुक्त घोषणा पत्र पर लावरोव ने कहा कि उन्हें इसकी उम्मीद नहीं थी.