शालिग्राम (Shaligram Shila) शिला हिंदुओं द्वारा पवित्र माना जाता है. ऐतिहासिक रूप से, पूजा में शालिग्राम शिलाओं का उपयोग हिंदू पूजा-पाठ में होता रहा है. खास कर भगवान विष्णु की पूजा में शालिग्राम शिला का उपयोग है एक प्रसिद्ध हिंदू प्रथा रही है.
शालिग्राम शिला, नेपाल में गंडक नदी के किनारों पर पाया जाता है. जिसे शालग्राम क्षेत्र के रूप में जाना जाता है (Shaligram Obtained from Nepal). इस पत्थर को भगवान विष्णु का प्रतिनिधित्व माना गया है. वे आम तौर पर 400 से 66 मिलियन वर्ष पूर्व के देवोनियन-क्रेटेशियस काल के अम्मोनीट गोले के जीवाश्म हैं. इसको हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है क्योंकि माधवाचार्य ने इसे व्यासदेव से प्राप्त किया था. इसे अष्टमूर्ति भी कहा जाता है और वे भगवान विष्णु के मुख्य रूप से शंख और उनसे जुड़े प्रतीकों से मिलते-जुलते हैं.
माना जाता है कि तिरुवनंतपुरम के पद्मनाभस्वामी मंदिर और गढ़वाल क्षेत्र के बद्रीनाथ मंदिर में विष्णु की मूर्ति और उडुपी के कृष्ण मठ में कृष्ण की मूर्ति और वृंदावन के राधा रमण मंदिर को भी शालिग्राम शिला से बनाया गया है (Hindu Statue made of Shaligram). साल 2023 में अयोध्या राम मंदिर के रामलला की मूर्ति को बनाने के लिए भी नेपाल से शालिग्राम शिला मंगवाया गया था (Shaligram Shila for Ramlala Statue).
एक दस्तक 1989 में आई, जब राम मंदिर के लिए दुनिया भर से लोग शिलाओं को पूजकर अयोध्या भेजते रहे. एक दस्तक अब 2023 में हुई है जब नेपाल से आई शिलाओं का पूजन अयोध्या में करके उनसे राम की मूर्ति का निर्माण होना है. 1989 से 2023 के बीच 34 साल में देश में बहुत कुछ बदल चुका है. राजनीतिशास्त्र, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र कैसे कितना बदला है?
कहते हैं कि शालिग्राम में साक्षात भगवान विष्णु समाए हैं. शालिग्राम 33 तरह के होते हैं, जिनमें से 24 को भगवान विष्णु के स्वरूप से जोड़कर देखा जाता है. आपने कई लोगों को घर में शालिग्राम रखते देखा होगा. क्या आप जानते हैं कि शालिग्राम घर में स्थापित करना कितना शुभ होता है?
नेपाल से शालिग्राम की शिलाएं रघुनंदन की नगरी राम में लाई जा चुकी हैं. आज साधु संतों ने शिलाओं की विधि विधान से पूजा की. पूरी अयोध्या में उत्सव जैसा माहौल है, लोग जयकारे लगा रहे हैं राम के बजन गा रहे हैं. उत्साह उमंग और प्रसन्नता की रोशनी में अयोध्या नहाई हुई है. शिलाओं को लेकर अयोध्या की ललक विशेष में देखिए.
शालिग्राम को कुछ लोग अपने घर के मंदिर या पूजा के स्थान पर भी रखते हैं. इसे घर में रखने से न केवल भगवान विष्णु प्रसन्न रहते है, बल्कि धन की देवी माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शालिग्राम को घर में स्थापित करने के बाद कुछ खास नियमों की अनदेखी इंसान को बर्बाद भी कर देती है.
नेपाल के जनकपुर धाम से कल रात अयोध्या आए दो शालिग्रामों का आज साधु-संतों ने विधि-विधान से पूजन किया. नेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री ने शिलाओं को रामजन्मभूमि ट्रस्ट को सौंप दिया है. लेकिन उसे तराशे जाने का विरोध हो रहा है. महंत का कहना है कि शालिग्राम भगवान विष्णु का अवतार हैं, और उन पर छेनी हथौड़ी चलाना ठीक नहीं होगा.