हिंदू धर्म में शनि ग्रह को एक दिव्य व्यक्तित्व के रूप में दर्शाया गया है (Shani Graha). पुराणों में भी शनि एक पुरुष हिंदू देवता के रूप में माने जाते हैं, जिनकी प्रतिमा में एक तलवार लेकर कौवे पर बैठे एक काली आकृति लिए शनि देवता विराजमान रहते हैं. पुराणों के अनुसार वह कर्म, न्याय और प्रतिशोध के देवता हैं (Shani Dev).
ब्रह्म वैवर्त पुराण के अनुसार शनि को भगवान कृष्ण का अवतार भी माना जाता है जहां कृष्ण ने कहा था कि वह ग्रहों में शनि हैं. शनि शनिवर का आधार है. हिंदू कैलेंडर के सात दिनों में से एक है (Saturday for Shani Pooja).
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि पर शनि जयंती मनाई जाती है (Shani Jayanti). यह अक्सर मई के महीने में पड़ता है. शास्त्रों के अनुसार, शनि जयंती पर शनिदेव की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है. इस दिन सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं. शनिदेव की मूर्ति पर तेल, फूल माला और प्रसाद अर्पित करें. उनके चरणों में काले उड़द और तिल चढ़ाएं. इसके बाद तेल का दीपक जलाकर शनि चालिसा का पाठ करें. इस दिन व्रत करने से भी शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. शनि जयंती के दिन किसी निर्धन व्यक्ति को भोजन कराना बेहद शुभ फल देता है (Shani Jayanti Rituals).
वहीं, अगर जिन लोगों के ग्रह में शनि का गोचर है उन्हें इस दिन विशेष कर पूजा-अर्चना करनी चाहिए. ज्योतिष के अनुसार शनि जयंती के दिन पूजा करने से कष्टों का निवारण होता है. पूजा करने के लिए एक चौकी पर साफ काला कपड़ा डालकर शनि की मूर्ति या फोटो की पूजा करनी चाहिए. सबसे पहले शनि देव को पंचामृत और इत्र से स्नान कराना चाहिए फिर उनके सामने सरसों तेल का दीपक जलाए. शनि देवता को नीले रंग का फूल और तेल से बने प्रसाद का भोग लगाना चाहिए. पूजा के बाद शनि स्तोत्र और बीज मंत्र का जाप करना चाहिए (Worship on Shani Jayanti).
शास्त्रों के अनुसार, शनिदेव व्यक्ति के कर्मों के अनुसार उसकी सजा तय करते हैं. शनि की साढ़ेसाति और ढैय्या मनुष्य के कर्मों के आधार पर ही उसे फल देती है (Shani).
Jyeshtha Amavasya 2024: ज्येष्ठ अमावस्या के दिन दान और उपवास का विशेष महत्व होता है. इस दिन विशेष प्रयोगों से विशेष लाभ होते हैं. इस बार ज्येष्ठ की अमावस्या 6 जून यानी आज की है. आज ज्येष्ठ अमावस्या के साथ शनि जयंती और वट सावित्री व्रत भी मनाया जा रहा है.
Vat Savitri Vrat 2024: वट सावित्री का व्रत प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन मनाया जाता है. इस दिन शादीशुदा महिलाओं पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और वट के पेड़ की पूजा करती हैं. इस बार वट सावित्री व्रत 6 जून यानी आज ही मनाया जा रहा है.
Vrat Tyohar full list June 2024: जून के महीने में कई बड़े और प्रमुख व्रत-त्योहार भी आने वाले हैं. इस महीने अपरा एकादशी, वट सावित्रि व्रत, गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी सहित कई प्रमुख त्योहार आने वाले हैं.
Shani Jayanti 2023: भाग्यवान व्यक्ति के जीवन में शनि की साढ़ेसाती 4 बार आती है. जबकि सामान्य व्यक्ति के जीवन में 2 या 3 बार शनि की साढ़ेसाती आती है. जबकि ढैय्या चंद्र राशि के आधार पर तय होती है. ये आपके जीवन में किए गए कर्मों का फल देने के लिए आती हैं.
Shani Jayanti vat savitri vrat 2023 sanyog: इस साल ज्येष्ठ अमावस्या पर शनि जयंती और वट सावित्री व्रत का भी संयोग बन रहा है. ये अद्भुत संयोग शुक्रवार, 19 मई को बन रहा है. ज्योतिषियों का कहना है कि यह महसंयोग तीन राशियों के लिए शुभ रहने वाला है.
Jyeshtha Amavasya 2023: ज्येष्ठ अमावस्या के दिन स्नान और पितरों का तर्पण करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. साथ ही आज शनि जयंती भी है इसलिए इस दिन महत्व और बढ़ गया है. शनिदेव न्यायप्रिय देवता हैं. शनि देव भगवान सूर्य और छाया के पुत्र माने जाते हैं.
Shani Jayanti 2023: इस बार शनि जयंती 19 मई 2023, शुक्रवार को मनाई जाएगी. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनिदेव न्यायप्रिय देवता हैं. शनि देव भगवान सूर्य और छाया के पुत्र माने जाते हैं. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, शनि को पापी ग्रह माना जाता है. शनिग्रह सबसे धीमी चाल चलने वाला ग्रह है, जिसको शनि की ढैय्या कहा जाता है.