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शनि त्रयोदशी

शनि त्रयोदशी

शनि त्रयोदशी

शनि त्रयोदशी (Shani Trayodashi) हिंदू पंचांग के अनुसार एक विशेष तिथि होती है, जब त्रयोदशी यानी चंद्र मास की 13वीं तिथि शनिवार के दिन आती है. यह दिन भगवान शनि को समर्पित माना जाता है और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से शुभ माना गया है. शनि त्रयोदशी के दिन भगवान शनि की पूजा-अर्चना, तेल अभिषेक, और दान करना शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इससे शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और शनि दोष से मुक्ति मिलती है.

भगवान शनि को कर्मफल दाता और न्यायप्रिय देवता माना जाता है. शनि त्रयोदशी पर उनकी आराधना करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं. शनि त्रयोदशी पर पूजा करने से रोग, शत्रु बाधा और दुर्भाग्य से छुटकारा मिलता है. 

इस दिन शनि स्तोत्र, दशरथकृत शनि स्तुति, या हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ माना जाता है. साथ ही, सरसों का तेल, काला तिल, लोहे के पात्र, काले कपड़े, उड़द की दाल, या जूते दान करना शनि दोष को कम करने में सहायक होता है. शनि मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं.

इस दिन उपवास रखने से शनि ग्रह से संबंधित समस्याएं दूर होती हैं. हनुमान जी के भक्तों पर शनि देव की विशेष कृपा होती है. हनुमान जी को गुड़-चने का भोग लगाना भी शुभ माना जाता है. 

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