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शर्मिला टैगोर

शर्मिला टैगोर

शर्मिला टैगोर

शर्मिला टैगोर (Sharmila Tagore) एक लोकप्रिय अभिनेत्री हैं. उन्होंने हिंदी और बंगाली में सैकड़ों फिल्में की हैं. भारतीय सिनेमा की सबसे निपुण अभिनेत्रियों में से एक टैगोर को हिंदी सिनेमा में उनके योगदान के लिए दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, एक फिल्मफेयर पुरस्कार और फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार मिल चुके हैं. 2013 में, भारत सरकार ने भारतीय संस्कृति में उनके योगदान के लिए उन्हें भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया.

शर्मिला टैगोर ने इस्लाम धर्म अपनाते हुए अपना नाम बदलकर बेगम आयशा सुल्ताना रख लिया और 27 दिसंबर 1968 को मंसूर अली खान पटौदी से शादी कर ली. पटौदी, भोपाल के नवाब और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान थें. उनके तीन बच्चे हैं- बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान, सबा अली खान और सोहा अली खान. सैफ की एक्स वाइफ अमृता सिंह केबाद अभिनेत्री करीना कपूर शर्मिला टैगोर की बहु हैं. सारा अलि खान, इब्राहिम अलि खान, तैमूर और जेह शर्मिाल के ग्रैंडचिल्ड्रेन हैं. 

8 दिसंबर 1944 में कलकत्ता में जन्मी शर्मिला टैगोर ने 14 साल की उम्र में सत्यजीत रे के प्रशंसित बंगाली महाकाव्य नाटक द वर्ल्ड ऑफ अपू (1959) से अभिनय की शुरुआत की. उन्होंने रे के साथ कई अन्य फिल्मों में सहयोग किया, जिनमें देवी (1960), नायक (1966), अरण्येर दिन रात्रि (1970), और सीमाबद्ध (1971) शामिल हैं.

टैगोर का करियर तब और विस्तारित हुआ जब उन्होंने शक्ति सामंत की फिल्म कश्मीर की कली (1964) के साथ हिंदी फिल्मों में कदम रखा. उन्होंने वक्त (1965), अनुपमा (1966), एन इवनिंग इन पेरिस (1967), आमने-सामने (1967), सत्यकाम (1969), आराधना (1969), सफर (1970), अमर प्रेम (1972), दाग (1973), आविष्कार (1974), चुपके चुपके (1975), मौसम (1975) और नमकीन (1982) जैसी सुपरहिट फिल्म दिए हैं. 

अभिनय के अलावा, टैगोर ने अक्टूबर 2004 से मार्च 2011 तक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है.

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