शशि थरूर, राजनेता
शशि थरूर (Shashi Tharoor) एक भारतीय राजनेता, पूर्व अंतरराष्ट्रीय राजनयिक, लेखक और सार्वजनिक बुद्धिजीवी हैं, जो केरल के तिरुवनंतपुरम से 2009 से लोकसभा सांसद हैं (Shashi Tharoor Congress MP from Thiruvananthapuram). वह संयुक्त राष्ट्र के अवर महासचिव रहे हैं और 2006 में महासचिव पद के लिए चुनाव भी लड़ चुके हैं (Shashi Tharoor Under-Secretary General of the United Nations).
वे सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति और अखिल भारतीय पेशेवर कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. उन्होंने पूर्व में विदेश मामलों की संसदीय स्थायी समिति (2014 से 2019) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है 2019 में, शशि थरूर को अंग्रेजी भाषा में एक गैर-फिक्शन श्रेणी में उनकी पुस्तक एन एरा ऑफ डार्कनेस के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था (Shashi Tharoor Sahitya Academy Award for his book An Era of Darkness).
थरूर का जन्म 9 मार्च 1956 को लंदन में चंद्रन थरूर और सुलेखा मेनन के घर हुआ था, जो केरल के पलक्कड़ के रहने वाले थे. थरूर की दो छोटी बहनें हैं, शोभा और स्मिता (Shashi Tharoor Family). थरूर ने 1975 में सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और 1978 में फ्लेचर स्कूल ऑफ लॉ एंड डिप्लोमेसी से अंतरराष्ट्री संबंधों और मामलों में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की (Shashi Tharoor Education). 1978 से 2007 तक, थरूर संयुक्त राष्ट्र में एक कैरियर अधिकारी थे, जो 2001 में अवर-महासचिव के पद तक पहुंचे. उन्होंने 2006 में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के चयन में दूसरे स्थान पर रहने के बाद सेवानिवृत्ति की घोषणा की (Shashi Tharoor at UNO).
2009 में, थरूर ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और तिरुवनंतपुरम से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद सदस्य बने. वे यूपीए सरकार (2004-2014) के दौरान, विदेश राज्य मंत्री (2009-2010) और मानव संसाधन विकास मंत्री (2012-2014) बने (Shashi Tharoor Political Career).
थरूर एक लेखक हैं, जिन्होंने 1981 से फिक्शन और नॉन-फिक्शन के 23 बेस्टसेलिंग किताबें लिखी हैं. वह द न्यू यॉर्क टाइम्स, द वाशिंगटन पोस्ट, टाइम, न्यूजवीक और द टाइम्स ऑफ़ इंडिया जैसे प्रकाशनों में सैकड़ों कॉलम और लेखों के लेखक भी हैं (Shashi Tharoor Literary Career).
थरूर की पहली पत्नी तिलोत्तमा मुखर्जी थीं, जिनसे 1981 में उनकी शादी हुई थी. इन दोनों के दो बेटे, कनिष्क और ईशान हैं. तिलोत्तमा से तलाक के बाद, थरूर ने 2007 में संयुक्त राष्ट्र में काम कर रहे एक कनाडाई राजनयिक क्रिस्टा जाइल्स से शादी की. भारत लौटने के तुरंत बाद उनका तलाक हो गया. इसके बाद, थरूर ने 22 अगस्त 2010 को सुनंदा पुष्कर से शादी की (Shashi Tharoor Married Sunanda Pushkar). 17 जनवरी 2014 को, पुष्कर की 51 वर्ष की आयु में नई दिल्ली की चाणक्यपुरी के लीला होटल में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गई. थरूर पर अपनी पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने और वैवाहिक क्रूरता का आरोप लगाया गया था. 18 अगस्त 2021 को, दिल्ली की एक अदालत ने थरूर को सभी आरोपों से बरी कर दिया (Shashi Tharoor Personal Life and Controversies).
उनका ऑफिशियल ट्विटर हैंडल @ShashiTharoor है. उनके फेसबुक पेज का नाम Shashi Tharoor है. वे इंस्टाग्राम पर shashitharoor यूजरनेम से एक्टिव हैं.
भारत के जीएसटी इंफ्रा को भ्रामक और अकुशल बताते हुए थरूर ने कहा कि हम सभी जिस अच्छे और सरल टैक्स की अपेक्षा कर रहे थे, उसके बजाय भारत में कई और भ्रामक जीएसटी दरें हैं, जिनमें दुनिया में सबसे अधिक 28 प्रतिशत जीएसटी दर भी शामिल है, लेकिन टैक्स राजस्व अभी भी सकल घरेलू उत्पाद का 18 प्रतिशत है.
कांग्रेस नेता शशि थरूर के साथ एक्स पर फोटो पोस्ट करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जय पांडा ने चुटकी ली और लिखा, "मेरे दोस्त और सहयात्री ने मुझे इसलिए शरारती कहा क्योंकि मैंने कहा था कि हम आखिरकार एक ही दिशा में यात्रा कर रहे हैं."
शशि थरूर ने की पीएम मोदी की तारीफ, कहा 'जेलेंस्की-पुतिन दोनों को गले लगा सकते हैं प्रधानमंत्री'. केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय गोकुल मिशन को दी मंजूरी, असम में अमोनिया-यूरिया संयंत्र को भी हरी झंडी. देखें आज की बड़ी खबरें AI एंकर सना के साथ.
रायसीना डायलॉग में बोलते हुए शशि थरूर ने एक महीने के भीतर दूसरी बार मोदी की कूटनीतिक रणनीतियों की प्रशंसा करते हुए स्वीकार किया कि यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख का विरोध करना उनकी गलती थी. विदेश राज्य मंत्री रह चुके केरल के सांसद ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के बैलेंस रुख के जरिए पीएम मोदी ने यूक्रेन के जेलेंस्की और रूस के व्लादिमीर पुतिन दोनों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखे हैं.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि संघर्ष के फैलने के बाद भारत द्वारा अपनाई गई नीति का मतलब है कि देश के पास वास्तव में एक ऐसा प्रधानमंत्री है, जो यूक्रेन के राष्ट्रपति और मॉस्को में राष्ट्रपति दोनों को दो हफ्ते के अंतराल पर गले लगा सकता है.
कांग्रेस और शशि थरूर के बीच तनातनी की अटकलों के बीच बड़ा अपडेट सामने आया है.... कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2 मार्च को साफ कर दिया कि पार्टी के सभी नेता केरल में एकजुट हैं और मिलकर काम कर रहे हैं.
शशि थरूर को पार्टी में दरकिनार किए जाने की खबरों के बीच राहुल गांधी ने करीब एक हफ्ते पहले दिल्ली में उनके साथ बंद कमरे में बैठक भी की थी. हालांकि, शशि थरूर ने कांग्रेस छोड़ने की अटकलों को खारिज कर दिया है, लेकिन CPI(M) ने संकेत दिया है कि अगर थरूर कांग्रेस छोड़ते हैं तो वे उनका स्वागत करने को तैयार हैं.
केरल कांग्रेस प्रभारी दीपा दास मुंशी ने कहा कि मीडिया में केरल कांग्रेस को लेकर जो नकारात्मक तस्वीर पेश की जा रही है, वह पूरी तरह गलत है. पार्टी पूरी तरह एकजुट है और सभी नेता मिलकर चुनाव में मजबूती से उतरेंगे. उन्होंने यह घोषणा भी की कि अप्रैल में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी कोच्चि में एक बड़े कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करेंगे.
शशि थरूर की समस्या यह है कि उन्हें किसी एक 'गुट' में फिट नहीं किया जा सकता. वे एक सार्वजनिक बुद्धिजीवी हैं, जो शायद साहित्यिक महोत्सवों के माहौल में ज्यादा सहज महसूस करते हैं बजाय कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति के दांव-पेच के.
सूत्रों ने बताया कि केरल के नेताओं के साथ होने वाली आलाकमान की इस बैठक के दौरान संगठन की स्थिति और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर चर्चा की जाएगी. साथ ही पार्टी की आगे की रणनीति पर भी चर्चा होगी. इस बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर भी शामिल होंगे.
शशि थरूर की नाराजगी के कयासों के बीच कांग्रेस आलाकमान ने केरल के नेताओं की बैठक बुला ली है. लेफ्ट के इकलौते गढ़ केरल में कांग्रेस के लिए कैसे तीन तरफा मुसीबत है? समझिए
बीजेपी और लेफ्ट में जाने की अटकलों के बीच मंगलवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि वह शुक्रवार को दिल्ली में होने वाले केरल नेतृत्व की बैठक में शामिल होने जा रहे हैं.
शशि थरूर हाल फिलहाल वैसे ही एक्टिव हैं, जैसे कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के वक्त दिखे थे, और भारतीय राजनीति में एक बार फिर उनकी अहमियत और हैसियत वैसी ही लग रही है, जैसी संयुक्त राष्ट्र से लौटने के बाद हुआ करती थी.
शशि थरूर ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के साथ सेल्फी शेयर कर कहा कि ब्रिटेन के वाणिज्य मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ बातचीत अच्छी रही. दोनों देशों के बीच लंबे समय से ठंडे बस्ते मं पड़ी FTA चर्चा को दोबारा शुरू करने का स्वागत है.
कांग्रेस पार्टी से शशि थरूर की नाराजगी की चर्चा के बीच बीजेपी ने इसकी वजह बताई है. बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसे लेकर पोस्ट किया है.
सीपीआई (एम) नेता ने कांग्रेस नेता शशि थरूर के लेफ्ट स्वागत करने के संकेत दिए हैं. लेफ्ट नेता ने कहा कि अगर थरूर कांग्रेस छोड़ते हैं तो वे केरल के राजनीति में अकेले नहीं रहेंगे. हमने पहले भी कई कांग्रेसी नेताओं को लेफ्ट में स्वागत किया है. सीपीआई (एम) के लिए थरूर को स्वीकार करने में कोई परेशानी नहीं है.
पीएम नरेंद्र मोदी की कई बार तारीफ हो या कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ चुनाव लड़ने की नाराजगी हो, जो भी है इतना तय है कि शशि थरूर को कांग्रेस में किनारे लगाया जा रहा है. आखिर थरूर के पास क्या रास्ते हैं?
शशि थरूर की राहुल गांधी से मुलाकात और इसके बाद उनके दो बयान, कांग्रेस की आंतरिक लड़ाई खुलकर सामने आ गई है. अब सवाल है कि शशि थरूर कांग्रेस से नाराज हैं या पार्टी उनसे?
शशि थरूर की हालिया टिप्पणी महत्वपूर्ण है, क्योंकि उन्होंने पहले केरल सरकार की नीतियों और फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की थी, जो कांग्रेस को नागवार गुजरा. उन्होंने केरल में पार्टी नेतृत्व को लेकर भी सवाल उठाए थे.
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि कूटनीतिक मुद्दों पर चर्चा की पारदर्शिता जरूरी है. हालांकि इस यात्रा में कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे अनसुलझे रह गए, जैसे अवैध प्रवासियों की वापसी का मामला. उन्होंने कहा कि सरकार और विपक्ष में स्वस्थ संवाद ज़रूरी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में विपक्ष पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी पर तीखे कटाक्ष किए. मोदी ने परिवारवाद की राजनीति पर सवाल उठाए और विदेश नीति पर भी टिप्पणी की. विपक्ष ने प्रधानमंत्री के भाषण को खोखला और पुरानी बातों का दोहराव बताया. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मोदी ने विपक्ष के आरोपों का कोई जवाब नहीं दिया. उन्होंने प्रधानमंत्री के भाषण को गंभीर बहस से दूर बताया.