शेख हसीना
शेख हसीना वाजेद (Sheikh Hasina Wazed) एक बांग्लादेशी राजनेता हैं जो जनवरी 2009 से बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनी हुई हैं (Prime minister of Bangladesh). वह बांग्लादेश के इतिहास में सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाली प्रधानमंत्री हैं (longest serving prime minister of Bangladesh). दिसंबर 2021 में, वह दुनिया में सरकार की सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाली महिला प्रमुख बन चुकी हैं (longest serving female head of government in the world).
हसीना बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की बेटी हैं (Sheikh Hasina’s father). उनका राजनीतिक करियर चार दशकों से लंबा है. उन्होंने 1986 से 1990 तक, और 1991 से 1995 तक, बतौर विपक्ष की नेता काम किया. वह 1981 से अवामी लीग (AL) का नेतृत्व कर रही हैं. उन्होंने जून 1996 से जुलाई 2001 तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया. 2009 में, उन्होंने प्रधान मंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली. 2014 में, उन्हें तीसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुना गया. उन्होंने 2018 में फिर से जीत दर्ज की और चौथे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री बनीं (Sheikh Hasina political career).
हसीना को दुनिया की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में से एक माना गया है. वह फोर्ब्स पत्रिका की 2020 में दुनिया की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में 39वें स्थान पर रहीं. 2018 में वह 26वें, और 2017 में 30वें स्थान पर थीं. शेख हसीना को टाइम पत्रिका ने 2018 की दुनिया में 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल किया था (Sheikh Hasina in Forbes and Time magazine).
शेख हसीना का जन्म 28 सितंबर 1947 को पूर्वी पाकिस्तान के तुंगीपारा में हुआ था (Sheikh Hasina age). उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान थे, जो बांग्लादेश के संस्थापक पिता और पहले राष्ट्रपति थे. उनकी मां शेख फाजिलतुन्नेसा मुजीब थीं. उन्होंने 1968 में भौतिक विज्ञानी एम. ए. वाजेद मियां से शादी की (Sheikh Hasina’s husband).
बांग्लादेश में सैन्य तख्तापलट के दौरान, 15 अगस्त 1975 को उनके पिता और उनके परिवार के अधिकांश लोगों की हत्या के बाद, शेख हसीना को भारत ने शरण दिया था (Sheikh Hasina granted asylum by India). उनके बेटे, सजीब वाजेद जॉय ने भारतीय बोर्डिंग स्कूलों में पढ़ाई की है (Sheikh Hasina son). उनकी एक बेटी साइमा वाजेद है (Sheikh Hasina daughter).
बांग्लादेश में उस्मान हादी की हत्या को लेकर जमात-ए-इस्लामी की संभावित भूमिका पर विवाद तेज हो गया है. बीएनपी नेता निलोफर चौधरी मोनी ने आरोप लगाया कि जमात के नेता मोहम्मद शिशिर मुनिर ने आरोपी फैसल करीम को हमले से पहले दो बार जमानत दिलवाई थी.
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद हिंसा भड़क गई है, जिसमें भारत को भी निशाना बनाया जा रहा है. भारत और बांग्लादेश ने वीजा सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी हैं
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हाल ही में कई महत्वपूर्ण बयान दिए हैं. उन्होंने कहा कि उस्मान हादी की हत्या और उसके बाद हुई अराजकता ने उनकी सरकार को गिरा दिया था. युनूस के दौर में हिंसा बढ़ी और अंतरिम सरकार इसे रोकने में असमर्थ रही. उन्होंने कहा कि कोई भी समझदार नेता पड़ोसी देशों को धमकी नहीं देगा, खासकर जब बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा उनके ऊपर निर्भर हो. पाकिस्तान के प्रोत्साहन में भारत के साथ दुश्मनी बढ़ाना खतरनाक और गैर जिम्मेदाराना है. इसके अलावा, कट्टर इस्लामिक आतंकवाद बढ़ रहा है और भारत-बांग्लादेश के संबंध अंतरिम सरकार के बाद भी बने रहेंगे. भारत सरकार भी बांग्लादेश की स्थिति पर नजर रखे हुए है और हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की बात हो रही है. शेख हसीना ने कट्टरपंथी ताकतों के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताई है, जो पाकिस्तान और अन्य समूहों से समर्थन प्राप्त कर रहे हैं. उन्होंने इस बात का डर व्यक्त किया कि बांग्लादेश फिर से पाकिस्तान की राह पर जा सकता है. इसके साथ ही भारत में ममता बनर्जी जैसे लोग बंगाल को बांग्लादेश बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिस पर विपक्षी दल भी चुप हैं. यह सभी बयान बांग्लादेश की वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक स्थिति पर रोशनी डालते हैं.
बांग्लादेश का छात्र नेता उस्मान हादी जुलाई 2024 के विद्रोह में प्रमुख भूमिका निभाने के बाद चर्चा में आए था. इस साल अगस्त महीने में शेख हसीना सरकार का तख्तापलट हुआ था.
बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल का दौर जारी है. इस बीच बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के कई वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने देश की मौजूदा स्थिति पर खुलकर बात की.
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश में जारी राजनीतिक संकट और अंतरिम सरकार के कदमों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि मोहम्मद यूनुस को विदेश नीति बदलने का कोई जनादेश नहीं है. शेख हसीना ने भारत के साथ रिश्तों को बांग्लादेश की स्थिरता और भविष्य के लिए बेहद जरूरी बताया.
बांग्लादेश में जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत के नार्थ-ईस्ट और "चिकन नेक" कॉरिडोर को लेकर सामने आ रही बयानबाजी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है.
बांग्लादेश के छात्र नेता उस्मान हादी की 18 दिसंबर को मौत हो गई थी. इसके तुरंत बाद भीड़ सड़कों पर उतरी और बांग्लादेश के सबसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों को निशाना बनाया.
बांग्लादेश इस समय भारी political instability से गुजर रहा है. अगस्त 2024 में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से वहां हालात लगातार उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं.
बांग्लादेश की ढाका यूनिवर्सिटी के परिसर में शनिवार को छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया. इस दौरान भारी संख्या में लोगों का हुजूम मौजूद था. अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस भी हादी के जनाजे में पहुंचे थे.
'32 धानमंडी' ढाका के किसी आम घर या पते का नाम नहीं है. ये बांग्लादेश के जीते-जागते इतिहास का नाम है, जिसके पन्ने बार बार पढ़े गए. कई बार इसे मिटाने की कोशिश भी हुई. लेकिन, क्या ऐसा संभव है? बांग्लादेश की निर्वासित प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान का यह घर हाल ही में कई बार हमले का शिकार हुआ है.
बांग्लादेश के छात्र नेता उस्मान हादी को 12 दिसंबर को ढाका में बाइक सवार लोगों ने गोली मारी थी. उन्हें गंभीर हालत में इलाज के लिए बाद में सिंगापुर ले जाया गया था, जहां उनकी गुरुवार रात मौत हो गई. हादी की मौत की खबर से बांग्लादेश उबल पड़ा.
शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद से बांग्लादेश राजनीतिक शून्य में चला गया है. अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस के पास न तो मजबूत जनादेश है, न ही प्रशासनिक पकड़. ऐसे हालात में बांग्लादेश में लगातार उथल-पुथल मची हुई है.
Bay of Bengal में बढ़ा तनाव. Bangladesh fishing boats की Indian waters में घुसपैठ, नौसेना टक्कर मामला और चुनाव से पहले anti-India moves का खुलासा.
बांग्लादेश में एक हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की कथित ईशनिंदा के आरोप में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. यह घटना छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद भड़की हिंसा के बीच हुई. यूनुस की अंतरिम सरकार ने इस जघन्य अपराध की कड़ी निंदा की और कहा कि नए बांग्लादेश में इस तरह की हिंसा की कोई जगह नहीं है.
Sharif Usman Hadi की मौत के बाद ढाका में हिंसा भड़क उठी। जानें Greater Bangladesh map विवाद, Bangladesh unrest, anti-India protests और चुनाव से पहले बने हालात की पूरी जानकारी.
बांग्लादेश के प्रमुख आंदोलनकारी शरीफ उस्मान हादी की सिंगापुर में मौत के बाद ढाका में हिंसक प्रदर्शन भड़क उठे. प्रदर्शनकारियों ने प्रमुख अखबारों के दफ्तरों पर हमला किया और आग लगा दी. प्रदर्शनकारियों ने अवामी लीग और भारत के खिलाफ नारे लगाए. हादी की मौत के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शोक घोषित कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.
बांग्लादेश में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद राजधानी ढाका और अन्य इलाकों में हिंसा फैल गई है. दंगाइयों ने दो प्रमुख अखबारों की बिल्डिंगों को आग के हवाले कर दिया. भीड़ ने भारतीय उच्चायोग पर पत्थरबाजी की और कई सरकारी भवनों को निशाना बनाया.
फरवरी में बांग्लादेश में आम चुनाव होंगे. इससे पहले वहां की पार्टियां भारत-विरोधी बयानबाजियां शुरू कर चुकीं. यहां तक कि नेशनल सिटीजन पार्टी के नेता हसनत अब्दुल्ला ने सारी हदें तोड़ते हुए भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को अलग-थलग कर देने की धमकी दी.
शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद बांग्लादेश में फरवरी में पहला चुनाव होगा. पिछले साल हुए छात्र आंदोलन के बाद देश की राजनीति पूरी तरह बदल गई. अब चुनाव ऐसे माहौल में होगा जहां अवामी लीग जैसा बड़ा दल पाबंदीशुदा हो चुका. एक पुरानी पार्टी है, जिसमें भीतर ही घमासान है. एक और दल है, जो धार्मिक चरमपंथ पर काम करता रहा.
चीन और पाकिस्तान के साथ मिलकर बांग्लादेश ने एक नया त्रिपक्षीय ब्लॉक बनाने की योजना की पुष्टि की है. इस ब्लॉक के जरिए चीन इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है. माना जा रहा है कि यह नया क्षेत्रीय गठबंधन सार्क की जगह लेने के लिए बनाया जा रहा है जिसमें भारत शामिल नहीं होगा.