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शेरो शायरी

शेरो शायरी

शेरो शायरी

शायरी, उर्दू भाषा में कविता की एक परंपरा है और इसके कई अलग-अलग रूप हैं. आज यह हमारे संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. नसीर तुराबी के अनुसार उर्दू के पांच प्रमुख कवि हुए हैं- मीर तकी मीर (मृत्यु 1810), मिर्ज़ा ग़ालिब (मृत्यु 1869), मीर अनीस (मृत्यु 1874), मुहम्मद इकबाल (मृत्यु 1938) और जोश मलीहाबादी (मृत्यु 1982).

ब्रिटिश राज में उर्दू भाषा अपने शिखर पर पहुंची और इसे आधिकारिक दर्जा प्राप्त हुआ. ग़ालिब और इक़बाल सहित उर्दू भाषा के सभी प्रसिद्ध लेखकों को ब्रिटिश छात्रवृत्तियां दी गईं. 1947 में भारत के विभाजन के बाद, यह पाया गया कि प्रमुख कवि और विद्वान राष्ट्रवादी आधार पर विभाजित थे. हालांकि, उर्दू शायरी को दोनों देशों में पसंद किया जाता है. सीमा पार के मुस्लिम और हिंदू दोनों इस परंपरा को जारी रखते हैं.

उर्दू- हिन्दी भाषाओं के आलावे शायरी में संस्कृत, फ़ारसी, अरबी और तुर्की भाषाओं के मूल शब्दों का मिश्रित प्रयोग भी किया जाता है. शायरी लिखने वाले कवि को शायर या सुख़नवर कहा जाता है (Shero Shayari).

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