शिव सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) (Shiv Sena (Uddhav Balasaheb Thackeray)) का गठन 2022 में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में हुआ था. उसे चुनाव आयोग ने मुख्य शिवसेना से अलग एक नया चुनाव चिन्ह आवंटित किया था. यह दो अलग-अलग गुटों में से एक था, दूसरा एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली बालासाहब की शिव सेना थी, जो 2022 के महाराष्ट्र राजनीतिक संकट के परिणामस्वरूप गठित हुई, जब तक कि चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को शिव सेना की वैध संरचना के रूप में मान्यता नहीं दी. फरवरी 2023 में ईसीआई के फैसले के खिलाफ ठाकरे ने नई दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
महाराष्ट्र की राजनीति में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के एक साथ आने पर शिवसेना UBT के नेता आनंद दुबे ने अपनी प्रतिक्रिया दी. आनंद दुबे ने इस गठबंधन को ऐतिहासिक बताया, कहा कि मुंबई में होली और दिवाली जैसा माहौल है. साथ ही उन्होनें कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि वो मुंबई में टूरिस्ट यानि पर्यटक है और इनका यहा कोई जनाधार नहीं.
महाराष्ट्र नगर निगम चुनाव में महायुति और महाविकास अघाड़ी दोनों में टूट पड़ी है और एक नया तीसरा गठबंधन पुणे के पीएमसी चुनाव में बनकर उभरा है. बीजेपी और शिंदे की शिवसेना एक तरफ है तो दूसरी तरफ पवार परिवार एक साथ खड़ा है. ऐसे में ठाकरे ब्रदर्स के साथ कांग्रेस अपनी केमिस्ट्री बना रही है.
महाराष्ट्र में ठाकरे ब्रदर्स 20 साल बाद एक साथ आए हैं. दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग पर सहमति भी बन चुकी है. शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत शिवतीर्थ पहुंचकर राज ठाकरे से मिले थे. इसके बाद राज ठाकरे की पार्टी के नेताओं ने भी देर शाम मातोश्री पहुंच उद्धव से मुलाकात की थी.
भारतीय संस्कृति में किसी परिवार का टूटना अच्छा नहीं माना जाता. राजनीतिक कारणों से ही सही, बाल ठाकरे के रहते उद्धव और राज ठाकरे का अलग हो जाना भी दुखी करने वाला था. लेकिन, अब 20 साल बाद वे जिस गरज से साथ आए हैं, वो स्वाभाविक मिलन से ज्यादा, मजबूरी नजर आ रहा है.
महाराष्ट्र की सियासत में 20 साल बाद आपसी गिले-शिकवे भुलाकर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक हो गए हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अब पवार परिवार में भी बात बन जाएगी? अजित पवार और शरद पवार भी साथ मिलकर क्या सियासी मैदान में उतरेंगे?
महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों में 288 में से 215 सीटें जीतकर महायुति ने बड़ी जीत दर्ज की है, जबकि महा विकास अघाड़ी का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा और उसे सिर्फ 51 शीर्ष पदों पर ही सफलता मिली. बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जिसका स्ट्राइक रेट 63 प्रतिशत से ज्यादा रहा, वहीं शिवसेना और एनसीपी ने भी अच्छा प्रदर्शन किया. इसके उलट कांग्रेस, उद्धव ठाकरे गुट और शरद पवार गुट का स्ट्राइक रेट 25 प्रतिशत से नीचे रहा.
शिवसेना प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे से मिलने उनके घर 'शिवतीर्थ' पहुंचे हैं. राज ठाकरे से संजय राउत की इस मुलाकात में बीएमसी चुनाव में गठबंधन के आधिकारिक ऐलान से पहले समझौते को अंतिम रूप दिए जाने पर चर्चा हो सकती है.
दिवंगत अभिषेक घोसालकर की पत्नी, पूर्व नगरसेविका तेजस्वी घोसालकर ने सोमवार को शिवसेना (यूबीटी) छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया. बीएमसी चुनावों से पहले उत्तर मुंबई के राजनीतिक परिदृश्य में यह एक महत्वपूर्ण बदलाव माना जा रहा है.
मुंबई की बीएमसी सहित 29 नगर निगम चुनाव के लिए 15 जनवरी को वोटिंग है. बीएमसी पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना का 1996 से कब्जा है, लेकिन बदली ही राजनीति में उद्धव के लिए बीएमसी चुनाव किसी सियासी संजीवनी से कम नहीं है. अगरे जीते वापसी की संभावना बनी रहेगी और हारे भंवर में फंस जाएगा सियासी फ्यूचर?
बीएमसी सहित 29 नगर निगम चुनाव को लेकर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे में बात बन गई है, लेकिन महाविकास अघाड़ी में बात बिगड़ गई है. राज ठाकरे के चलते कांग्रेस ने उद्धव ठाकरे से भी किनारा कर लिया है तो शरद पवार की पार्टी कशमकश की स्थिति में है.
महाराष्ट्र में बीएमसी सहित 29 नगर निगम चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो रही है. राज्य के बदले हुए सियासी माहौल को देखते हुए उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे आपसी दुश्मनी भुलाकर एक साथ आने के लिए तैयार थे, लेकिन फिर अचानक क्ताया हुआ कि मंगलवार को होने वाली प्रेस कॉफ्रेंस टल गई.
महाराष्ट्र में 288 नगर परिषद और नगर पंचायत के चुनाव नतीजे राज ठाकरे के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ है. यही वजह है कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक साथ मिलकर बीएमसी सहित 29 नगर निगम के चुनाव लड़ने का फैसला किया है
Maharashtra नगर परिषद और नगर पंचायत चुनाव में BJP-led Mahyuti ने 288 में से 212 सीटें जीतकर MVA को करारी शिकस्त दी. Ajit Pawar, Eknath Shinde और BJP की रणनीति ने बदली सियासी तस्वीर.
हिंदू हृदय सम्राट कहे जाने वाले महाराष्ट्र के कद्दावर नेता बाल ठाकरे की विरासत उनके परिवार के हाथों से निकलती दिख रही है. उनके बेटे उद्धव ठाकरे का अपने पिता के सिद्धांतों से समझौता करना उनको रास नहीं आया. पहले सत्ता गई फिर पार्टी भी गई हाथ से. अब पिता की विरासत पर शिंदे शिवसेना कब्जा करते दिख रही है.
महाराष्ट्र के 2025 नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों के नतीजों ने राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के लिए चिंता बढ़ा दी है. राज्य की 288 नगर परिषदों और नगर पंचायतों में हुए चुनावों में MNS एक भी नगराध्यक्ष पद नहीं जीत सकी.
BMC चुनाव से पहले Uddhav Thackeray और Raj Thackeray की एकजुटता के संकेत. MaMu (Marathi-Muslim) factor, seat sharing formula और Mumbai civic poll की पूरी रणनीति.
महाराष्ट्र की सियासत काफी उलझी हुई है. फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार में भले ही अजित पवार हों, लेकिन बीएमसी सहित 29 नगर निगम चुनाव में बीजेपी ने एनसीपी से किनारा कर रखा है. ऐसे में अजित पवार की शरद पवार के साथ नजदीकियां बढ़ रही हैं, जिसके चलते उद्धव ठाकरे अलर्ट हो गए हैं और अल्टीमेटम भी दे दिया है.
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने निकाय चुनाव को लेकर कहा है कि हम लोकल और सीनियर, हर लेवल पर महायुति के रूप में चुनाव लड़ेंगे. हमने पिछले साढ़े तीन साल में कई विकास कार्य किए हैं. इन्हें जनता देख रही है और हम इस चुनाव में विकास और प्रगति के अपने एजेंडे पर ही उतरेंगे.
महाराष्ट्र के नगर परिषद चुनाव में सीएम देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे की सियासी केमिस्ट्री बिगड़ गई थी, लेकिन अब फिर से दोनों ने अपने सारे गिले-शिकवे भुलाकर एक साथ मिलकर नगर निगम और जिला परिषद के चुनाव लड़ने का फैसला किया है. BJP-शिवसेना की दोस्ती मजबूरी है या फिर जरूरी भी है?
भारत सरकार ने सभी नए मोबाइल फोन्स में संचार साथी ऐप को प्री-इंस्टॉल अनिवार्य किया है. विपक्ष ने इसे प्राइवेसी का उल्लंघन बताया, सरकार ने सुरक्षा बताया.
Auramine Dye In Roasted Gram: राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा कि खाने में कैंसर पैदा करने वाले रंगों का इस्तेमाल पब्लिक सेफ्टी का एक गलत उल्लंघन है. मंत्रालय की यह जिम्मेदारी है कि वह पब्लिक हेल्थ की रक्षा करने और फूड सेफ्टी सिस्टम में कंज्यूमर का भरोसा वापस लाने के लिए तुरंत दखल दे.