श्याम बेनेगल (Shyam Benegal) एक फिल्म निर्देशक, पटकथा लेखक और निर्माता थे. उनका स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण 23 दिसंबर 2024 को निधन हो गया. वो 90 साल के थे. वह समानांतर सिनेमा के सबसे महान फिल्म निर्माताओं में से एक थे. उन्हें 18 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, एक फिल्मफेयर पुरस्कार और एक नंदी पुरस्कार सहित कई सम्मान मिल चुके हैं. 2005 में, उन्हें सिनेमा के क्षेत्र में भारत के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. 1976 में, उन्हें देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. 1991 में उन्हें तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था (Shyam Benegal Awards).
बेनेगल का जन्म 14 दिसंबर 1934 को हैदराबाद में हुआ था (Shyam Benegal Born). उनके पिता श्रीधर बी. बेनेगल एक प्रसिद्ध फोटोग्राफर थें (Shyam Benegal Father). उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद से अर्थशास्त्र में एम.ए. किया था (Shyam Benegal Education).
श्याम बेनेगल ने कॉपीराइटर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की और 1962 में गुजराती डॉक्यूमेंट्री फिल्म घेर बेथा गंगा (द्वार पर गंगा) बनाई थी. बेनेगल की पहली चार फीचर फिल्में अंकुर (1973), निशांत (1975), मंथन (1976) और भूमिका (1976) थीं. बेनेगल की फिल्में, मम्मो (1994), सरदारी बेगम (1996) और जुबेदा (2001) हिंदी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते हैं. बेनेगल ने हिंदी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए सात बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था. उन्हें 2018 में वी शांताराम लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था (Shyam Benegal Movies).
फिल्म निर्देशक और अभिनेता गुरु दत्त (Guru Dutt) की नानी और श्याम बेनेगल की नानी बहनें थीं. इस तरह गुरु दत्त और श्याम बेनेगल दूसरे चचेरे भाई थें.
श्याम बेनेगल की शादी नीरा बेनेगल से हुई (Shyam Benegal Wife) थी और उनकी एक बेटी है जिसका नाम पिया बेनेगल है. वह एक कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर हैं, जिन्होंने कई फिल्मों में काम किया है (Shyam Benegal Daughter).
हिंदी सिनेमा के दिग्गज फिल्म मेकर श्याम बेनेगल 23 दिसंबर 2024 को इस दुनिया को अलविदा कह गए. उनके जाने से इंडस्ट्री में शोक पसरा हुआ है.
लेजेंड्री फिल्म मेकर श्याम बेनेगल ने 90 की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया. वो लंबे समय से बीमार थे. 23 दिसंबर शाम 6 बजकर 30 मिनट पर उन्होंने आखिरी सांस ली.
Shyam Benegal Death: फिल्म इंडस्ट्री के फेमस डायरेक्टर श्याम बेनेगल का निधन हो गया है. उन्होंने 90 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. मशहूर फिल्म मेकर लंबे समय से बढ़ती उम्र के कारण अस्वस्थ चल रहे थे. देखिए मुंबई मेट्रो.
निर्देशक श्याम बेनेगल ने 90 की उम्र में आखिरी सांस ली, वो लंबे समय से बीमार थे. उनके निधन पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी दुख जाहिर किया. वहीं तमाम डायरेक्टर्स ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी.
डायरेक्टर श्याम बेनेगल का स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण निधन हो गया. वो 90 साल के थे. उन्होंने जुबैदा, अंकुर जैसी फिल्में डायरेक्ट की थी. उनकी बेटी पिया बेनेगल ने इंडिया टुडे से इस खबर की पुष्टि की और बताया कि एक दिन ऐसा होना तय था. खबर है कि उन्होंने 23 दिसंबर को शाम 6 बजकर 30 मिनट पर आखिरी सांस ली. हाल ही में उन्होंने अपना 90वां जन्मदिन सेलिब्रेट किया था.
लेजेंड्री फिल्म मेकर श्याम बेनेगल ने 90 की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया. वो लंबे समय से बीमार थे. 23 दिसंबर शाम 6 बजकर 30 मिनट पर उन्होंने आखिरी सांस ली.
दिग्गज निर्देशक श्याम बेनेगल ने भले ही इस दुनिया को अलविदा कह दिया है, लेकिन उनकी याद उनकी बनाई फिल्मों से हमेशा लोगों के जेहन में ताजा रहेगी. श्याम बेनेगल को हमेशा हिंदी सिनेमा में दिए उनके योगदान के लिए जाना जाएगा. इस मौके पर आपको बताते हैं उनकी कुछ खास फिल्मों के बारे में...
Shyam Benegal Death: फिल्म इंडस्ट्री के फेमस डायरेक्टर श्याम बेनेगल का निधन हो गया है. उन्होंने 90 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. मशहूर फिल्म मेकर लंबे समय से बढ़ती उम्र के कारण अस्वस्थ चल रहे थे. देखिए VIDEO
'सूरज का सातवां घोड़ा' से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत करने वाले रजित कपूर और श्याम बेनेगल की जुगलबंदी कुछ ऐसी है कि लगभग उनकी सभी फिल्मों में रजित किसी न किसी किरदार में नजर आ ही जाते हैं. बेनेगल को अपना मेंटॉर मानने वाले रजित हमसे उनके जन्मदिन के मौके पर कुछ दिलचस्प बातें शेयर करते हैं.
रजित कपूर ने जब अपनी करियर की शुरुआत की थी, तो उनकी जिंदगी में डायरेक्टर श्याम बेनेगल का काफी प्रभाव पड़ा था. रजित ने अपने करियर की ज्यादातर फिल्में श्याम बेनेगल संग की हैं.