सिद्धारमैया (Siddaramaiah) एक राजनीतिज्ञ हैं. वह कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री हैं (Former CM Karnataka). सिद्धारमैया 9 दिसंबर 2019 से कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में कार्यरत हैं. वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के नेता हैं और कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य भी हैं (Siddaramaiah Member Congress). कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस की भारी जीत के बाद सिद्धारमैया 20 मई को कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे (Siddaramaiah CM Karnataka 2023)
सिद्धारमैया कई वर्षों तक जनता परिवार के विभिन्न गुटों के सदस्य रहे हैं. इससे पहले, जनता दल (सेक्युलर) के नेता के रूप में, वह दो अवसरों पर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री थें. उन्होंने अपने इस्तीफे के बावजूद वर्तमान में कर्नाटक के विपक्ष के नेता के रूप में काम करना जारी रखा है, जिसे उच्च स्तर पर स्वीकार नहीं किया गया और उन्होंने अपना कार्यकाल जारी रखा (Siddaramaiah Political Career).
उनका जन्म 3 अगस्त 1947 को मैसूर जिले के टी. नरसीपुरा के पास वरुणा होबली में सिद्धारमनहुंडी नाम के एक गांव में हुआ था (Siddaramaiah Born). उनके पिता, सिद्धारमे गौड़ा और मां, बोरम्मा थीं (Siddaramaiah Parents).
उन्होंने बी.एससी और एलएल.बी. मैसूर विश्वविद्यालय से किया है. सिद्धारमैया मैसूर में एक वकील, चिक्काबोरैया के अधीन जूनियर थे और बाद में उन्होंने कुछ समय के लिए कानून पढ़ाया भी (Siddaramaiah Education).
सिद्धारमैया ने पार्वती से शादी की (Siddaramaiah Wife) है और उनके दो बेटे हैं. राजनीति में अपने पिता के उत्तराधिकारी के रूप में देखे जाने वाले उनके बड़े बेटे राकेश की 2016 में 38 वर्ष की उम्र में मल्टी ऑर्गेन्स फेलियर के कारण मृत्यु हो गई. उनके छोटे बेटे, यतींद्र ने 2018 विधानसभा चुनाव लड़ा और मैसूरु में वरुणा की सीट से जीत हासिल की, जो पहले उनके पिता की सीट थी (Siddaramaiah Sons).
सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना की ओर से खुद हनीट्रैप का शिकार होने की बात कुबूल करने के बाद यह मुद्दा गरमा गया, जिससे सदन में तीखी बहस शुरू हो गई. गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है और अगर हमें अपने सदस्यों की गरिमा बचानी है, तो हमें ऐसी घटनाओं पर रोक लगानी होगी.
कर्नाटक में सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को 4 प्रतिशत आरक्षण देने पर बवाल मचा हुआ है. आज कर्नाटक विधानसभा से जो तस्वीरें सामने आई वो चौंकाने वाली थी. दरअसल, बीजेपी विधायक इस कोटे का विरोध कर रहे थे, इसे लेकर बीजेपी विधायकों को मार्शलों ने उठा-उठाकर बाहर फेंक दिया.
कर्नाटक में 100 फीसदी सैलरी बढ़ोतरी का सरकार का ये कदम तब सामने आया है जब राज्य सरकार विकास कार्यों के लिए लगातार फंड की कमी का हवाला देती रही है. इसके अलावा एक गैर सरकारी संस्था के अध्ययन में कहा गया है कि कर्नाटक के विधायक देश में सबसे ज्यादा धनी हैं. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने कहा है कि कर्नाटक के 100 विधायकों की संपत्ति 100-100 करोड़ रुपये से ज्यादा है.
कर्नाटक विधानसभा में आज जबरदस्त हंगामा हुआ. दरअसल सरकारी ठेके में अल्पसंख्यकों को 4 फीसदी आरक्षण देने पर बवाल मचा हुआ है. आज विधायकों के वेतन से संबंधित बिल हंगामे के बीच पारित हुआ. एक और एक ग्यारह में देखें बड़ी ख़बरें.
कर्नाटक के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने विधानसभा में स्वीकार किया कि केंद्रीय नेताओं समेत कम से कम 48 राजनेता हनी ट्रैप में फंस चुके हैं, इस पर विधानसभा में गहन चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि यह मामला किसी एक पार्टी तक सीमित नहीं है और उन्होंने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की.
कर्नाटक में हनी ट्रैप मामला तूल पकड़ता जा रहा है. गुरुवार की सुबह पीड़ित मंत्री ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और इस पूरे मामले की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सरकार के भीतर मुखर रहने के कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.
विधेयक में मुख्यमंत्री की सैलरी 75 हजार से बढ़ाकर सीधे 1.5 लाख करने का प्रस्ताव है और मंत्रियों की सैलरी को 60 हजार से बढ़ाकर 1.25 लाख करने का प्रस्ताव रखा गया है. इसके अलावा मंत्रियों का HRA 1.20 लाख से बढ़ाकर दो लाख करने का फैसला लिया गया है.
बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने पार्टी मुख्यालय पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'बीजेपी इस असंवैधानिक कदम का कड़ा विरोध करती है और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सरकार से इसे तुरंत वापस लेने की मांग करती है.' उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अगुवाई में लिया गया यह फैसला कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व, विशेष रूप से राहुल गांधी के इशारे पर मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए उठाया गया है.
MP के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में इस तरह किसी धर्म विशेष को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से नियम-प्रावधान कैबिनेट से पास कर लागू करना, यही कांग्रेस का अनैतिक चरित्र है.
कर्नाटक सरकार ने मुस्लिम ठेकेदारों को सरकारी ठेकों में 4% आरक्षण देने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है. बीजेपी ने इसे तुष्टिकरण की राजनीति बताया है. BJP ने सवाल उठाया है कि धर्म के आधार पर आरक्षण कैसे दिया जा सकता है. कांग्रेस पर वोट बैंक की राजनीति का आरोप लगाया गया है. देखें...
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, अगर शिवकुमार और सिद्धारमैया साथ हैं तो हमारा काम हो जाएगा. अगर वे अलग हैं तो मुश्किल होगी. हम चाहते हैं कि वे एक साथ एक ही दिशा में आगे बढ़ें.
बीजेपी कर्नाटक ने इस बजट को 'हलाल बजट' करार दिया और कांग्रेस पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया. बीजेपी सांसद पीसी मोहन ने भी इस मुद्दे को उठाया. उन्होंने सोशल मीडिया पर बजट में मुस्लिमों के लिए की गई घोषणाओं की लिस्ट शेयर करते हुए कहा कि कांग्रेस ने हिंदुओं के लिए कुछ नहीं किया. उन्होंने पोस्ट में एक नारियल के खोल की तस्वीर शेयर की, यह दर्शाने के लिए कि हिंदुओं के हिस्से सिर्फ खाली हाथ आए हैं.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती और राज्य सरकार में मंत्री भैरती सुरेश को बड़ी राहत दी है. हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जारी समन को रद्द कर दिया है.
स्नेहमयी कृष्णा ने पहले भी कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर कर राज्य लोकायुक्त से मामले को CBI को सौंपने की मांग की थी. उन्होंने सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती बी.एम. को 14 प्लॉटों के आवंटन में गड़बड़ी का आरोप लगाया है. हालांकि, 7 फरवरी को हाई कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी.
कर्नाटक की विधानसभा ने दो मसाज कुर्सियां किराए पर ली हैं, जिनमें से प्रत्येक की कीमत लगभग 10,000 रुपये प्रति दिन है, साथ ही 15 रिक्लाइनर भी रेंट पर लिए गए हैं. एक रिक्लाइनर का रेंट 1500 रुपये प्रति दिन है. स्पीकर खादर ने विधानसभा में विधायक बेहतर कार्य कर सकें, इसके लिए इस कदम को आवश्यक बताया और दृढ़तापूर्वक अपने फैसले का बचाव किया.
कर्नाटक कांग्रेस में जबरदस्त गुटबाजी देखने को मिल रही है. एक तरफ डीके शिवकुमार के समर्थक विधायक उन्हें सीएम बनाने की मांग कर रहे हैं तो वहीं सिद्धारमैया को समर्थन देने वाले उनके 5 साल का कार्यकाल पूरा करने का दावा कर रहे हैं.
कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज हो गई हैं. कांग्रेस विधायक बसवराजू वी शिवगंगा ने रविवार को दावा किया कि आने वाले दिसंबर में राज्य को नया सीएम मिल जाएगा. वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने भी यह बात दोहराई.
सीएम सिद्धारमैया ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस दावे का कड़ा विरोध किया कि आगामी परिसीमन प्रक्रिया में दक्षिणी राज्यों के साथ गलत व्यवहार नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि या तो उनके पास उचित जानकारी का अभाव है या फिर कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश सहित दक्षिणी राज्यों को नुकसान पहुंचाने की जानबूझकर मंशा है.
सीएम सिद्धारमैया ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर कर्नाटक के वित्तीय संसाधन रोकने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि राज्य को कर राजस्व से 73,000 करोड़ रुपये मिलने चाहिए थे, लेकिन केवल 51,000 करोड़ रुपये ही मिले.
शिकायत में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और अन्य पर MUDA के साइट आवंटन में अनियमितता का आरोप लगाया गया था और भारतीय दंड संहिता, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम और कर्नाटक भूमि हड़पने अधिनियम की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. हालांकि, लोकायुक्त की जांच में कोई आपराधिक गड़बड़ी नहीं पाई गई, जिसके कारण आरोपी को दोषमुक्त करते हुए अंतिम रिपोर्ट पेश की गई.
कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार ने चुनाव के दौरान कर्नाटक की जनता से किए गए अपनी 5 गारंटी योजनाओं को पूरा करने के लिए 2023-24 में ₹36,000 करोड़ और 2024-25 में ₹52,000 करोड़ का बजट आवंटन किया था. सिद्धारमैया सरकार ने 2024-25 के बजट के तहत विभिन्न खर्चों के लिए दिसंबर 2025 तक कुल ₹3,30,880 करोड़ धनराशि का आवंटन किया था. वहीं इसमें से सिर्फ ₹2,02,977 करोड़ धन राधि सरकार की ओर से जारी की गई.