मां स्कंदमाता देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों में पांचवीं शक्ति हैं. नवरात्रि के पांचवें दिन इनकी पूजा की जाती है. यह देवी शक्ति, करुणा और मातृत्व का प्रतीक हैं. स्कंदमाता का अर्थ है "स्कंद (भगवान कार्तिकेय) की माता". इन्हें प्रेम, वात्सल्य और दिव्य आशीर्वाद की देवी माना जाता है.
मां स्कंदमाता केवल शक्ति की देवी ही नहीं, बल्कि ममता और करुणा का भी प्रतीक हैं. उनकी पूजा करने से भक्तों को न केवल आध्यात्मिक लाभ मिलता है, बल्कि सांसारिक जीवन में भी सफलता प्राप्त होती है. उनकी आराधना से भक्त सभी कष्टों से मुक्त होकर उन्नति के मार्ग पर अग्रसर होते हैं.
मां स्कंदमाता का संबंध भगवान कार्तिकेय (स्कंद) से है. पुराणों के अनुसार, जब दानवों का अत्याचार बढ़ गया, तब भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय ने देवताओं की सेना का नेतृत्व किया और असुरों का वध कर देवताओं को विजय दिलाई. माता पार्वती, जो भगवान कार्तिकेय की माता हैं, को स्कंदमाता के रूप में पूजा जाता है.
मां स्कंदमाता का मंत्र
"ॐ देवी स्कंदमातायै नमः"