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सोमवती अमावस्या

सोमवती अमावस्या

सोमवती अमावस्या

सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है. सोमवती अमावस्या के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा का विधान है. इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा की जाती है. मान्यता के अनुसार, पीपल के वृक्ष में देवी देवताओं का वास होता है (Somvati Amavasya puja).

यदि किसी की कुंडली में पितृ दोष हो तो, इस दिन स्नान, दान करने से मुक्ति मिलती है. साथ ही, कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्तियों को भी इस दिन दान करना चाहिए. इस दिन किसी पवित्र नदी, तालाब या कुंड में स्नान करना चाहिए और सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए. साथ ही, गायत्री मंत्र का पाठ भी करना चाहिए. इसके बाद, भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए (Somvati Amavasya Rituals).

पितरों का तर्पण भी किया जा सकता है और उनके मोक्ष की कामना करनी चाहिए. पूजा-पाठ के बाद, किसी जरूरतमंद को भोजन और वस्त्र दान भी कर सकते हैं. इस दिन देवी लक्ष्मी का पूजन करना भी शुभ माना जाता है. सोमवती अमावस्या के दिन सुहागिन स्त्रियां पीपल की पूजा करती हैं (Somvati Amavasya for Family). 

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