श्रीश्री रविशंकर, आध्यात्मिक गुरु
श्रीश्री रविशंकर (Sri Sri Ravi Shankar) एक आध्यात्मिक गुरु (Spiritual Guru) हैं. उन्हें श्रीश्री (Sri Sri), गुरुजी (Guru Ji), या गुरुदेव (Gurudev) के नाम से भी जाना जाता है. रवि शंकर का जन्म तमिलनाडु (Tamil Nadu) के पापनासम में 13 मई 1956 में हुआ था (Sri Sri Ravi Shankar Date of Birth). विशालाक्षी और आर.एस.वेंकट रत्नम के घर जन्मे रवि शंकर के एक भाई भी हैं जिनका नाम भानुमति नरसिम्हन है (Family).
उन्होंने 1970 के दशक के दौरान, ट्रान्सेंडेंटल मेडिटेशन (Transcendental Meditation)(TM) के संस्थापक महेश योगी के साथ एक प्रशिक्षु के रूप में काम किया. साल 1981 में उन्होंने ट्रान्सेंडेंटल मेडिटेशन से अलग होकर आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन (Art of Living Foundation) की स्थापना की.
श्रीश्री रविशंकर ने बैंगलोर विश्वविद्यालय के सेंट जोसेफ कॉलेज से विज्ञान स्नातक की डिग्री प्राप्त की है (Education). अपनी पढ़ाई के बाद रविशंकर ने अपने दूसरे शिक्षक महर्षि महेश योगी के साथ वैदिक विज्ञान पर कई भाषण दिए साथ ही कई सम्मेलनों की व्यवस्था की और पारलौकिक ध्यान और आयुर्वेद केंद्रों की स्थापना भी की(Meditation and Ayurveda Centres).
श्रीश्री रविशंकर का मानना है कि आध्यात्मिकता मानवीय मूल्यों जैसे प्रेम, करुणा और उत्साह को बढ़ाती है. यह किसी एक धर्म या संस्कृति तक सीमित नहीं है, इसलिए यह सभी लोगों के लिए समान भावना रखती है. उनका मानना है कि मानव परिवार के हिस्से के रूप में हम जिस आध्यात्मिक बंधन को साझा करते हैं, वह राष्ट्रीयता, लिंग, धर्म, पेशा या हमें अलग करने वाली अन्य पहचानों से अधिक प्रमुख है.
उनका ऑफिशियल ट्विटर हैंडल @SriSri है और फेसबुक पेज का नाम Gurudev Sri Sri Ravi Shankar है. इंस्टाग्राम पर वह srisriravishankar यूजरनेम से एक्टिव हैं.
इस बार कुंभ पर 144 साल बाद ऐसा संयोग बना है ऐसे में इस दुर्लभ संयोग पर श्री शरू रविशंकर ने श्रद्धालुओं को संदेश दिया. सुनिए उन्होंने क्या कुछ कहा.
तिरुपति प्रसाद विवाद पर अब आध्यात्मिक धर्मगुरु श्री श्री रविशंकर की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा, 'हमने इतिहास की किताबों में पढ़ा है कि 1857 में सिपाही विद्रोह कैसे हुआ था और अब हम देखते हैं कि इस लड्डू से हिंदुओं की भावनाएं कितनी आहत हुई हैं. यह ऐसी चीज है जिसे माफ नहीं किया जा सकता.'
तिरुपति के प्रसाद में मिलावट का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. एक जनहित याचिका में इस मामले की जांच के लिए एसआईटी की गठन की मांग की गई है. इस बीच, आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने भी इस मामले पर अपनी राय दी है. उन्होंने कहा है कि खाने की हर चीज की जांच होनी चाहिए.
22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. लेकिन प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं. देश के 4 शंकराचार्यों ने इसके अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा और विधि पर सवाल खड़ा करते हुए जाने से मना कर दिया. आजतक के साथ खास बातचीत में अध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर ने इन तमाम सवालों के जवाब दिए. देखें वीडियो.
विधि-विधान के साथ शुरू हुए 6 दिनों के अनुष्ठान से अयोध्या सहित पूरे देश का माहौर राममय हो गया है. इस बीच प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आध्यातमिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद की आपत्तियों को खारिज कर दिया है. श्री श्री रविशंकर ने शंकराचार्य के उठाए सवालों के जवाब दिए हैं. देखें रणभूमि.
उदयनिधि स्टालिन ने सनातन की तुलना डेंगू, मलेरिया से की थी. वहीं, डीएमके सांसद ए राजा ने कहा था, सनातन धर्म की तुलना सामाजिक कलंक वाली बीमारियों से की जानी चाहिए. डीएमके नेताओं के इन बयान पर सियासी घमासान मचा हुआ है. बीजेपी इसे लेकर विपक्षी गठबंधन 'INDIA' पर हमलावर है.
आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने सोमवार को कहा कि कोरोनावायरस नाम की महामारी कुछ देशों की जैविक युद्ध के लिए साजिश है. उन्होंने आगे कहा- हमने महसूस किया कि हर्बल और आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. NAOQ19 कोरोनावायरस को ठीक करने के लिए दवा के तौर पर काम कर रहा है. इसका 14 अस्पतालों में परीक्षण किया गया है.
आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर के हेलिकॉप्टर की तमिलनाडु में इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई. सूत्रों के अनुसार, खराब मौसम के चलते हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई है. बताया जा रहा है कि रविशंकर यहां किसी कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे. देखें पूरी खबर.
अध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर को ले जा रहे हेलिकॉप्टर की तमिलनाडु के इरोड में इमरजेंसी लैंडिंग की गई. बताया जा रहा है कि खराब मौसम के चलते चॉपर की इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी. हेलिकॉप्टर में श्री श्री रविशंकर के अलावा चार और लोग सवार थे.